उदयपुर। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सभी चिकित्सकीय सुविधाओं से परिपूर्ण है। यहां निरंतर रूप से जटिल से जटिल ऑपरेशन व इलाज कर रोगियों को नया जीवन दिया जा रहा है। गीतांजली हॉस्पिटल के यूरोलोजी विभाग के डॉ. विश्वास बहेती, डॉ पंकज त्रिवेदी, एनस्थिसियोलोजिस्ट डॉ. अनिल भिवाल के अथक प्रयासों से भीलवाड़ा निवासी 30 वर्षीय रोगी को नया जीवन मिला है। भीलवाड़ा से इलाज करवाने आये रोगी ने बताया कि उसे पथरी की समस्या 2019 से थी, रोगी ने भीलवाड़ा में सोनोग्राफी जांच भी करवाई उसमें बताया गया कि रोगी की सिर्फ एक किडनी है और पथरी की पुष्टि हुई। इसके पश्चात् रोगी ने दवाइयां भी ली परन्तु उसे स्वास्थ लाभ नही मिला।
डॉ. विश्वास ने बताया कि रोगी क्रॉस्ड फ्यूजड़ एक्टोपिक किडनी एक दुर्लभ एवं असामान्य जन्मजात विकृति से ग्रसित था। सामन्यतया हम सबके दोनों किडनियां एक दाईं व एक बाईं तरफ़ होती हैं, परन्तु इस रोगी की दोनों किडनियां जन्म से ही दाईं तरफ थी। रोगी की दोनों किडनियों में पथरी थी। बाईं किडनी में 2 स्टोन जोकि 2 सेंटीमीटर से बड़े थे और दायीं किडनी में 1 स्टोन था जोकि लगभग 1 सेंटीमीटर का था। रोगी की स्थिति को देखते हुए पी.सी.एन.एल की योजना बनायी गयी, रोगी के एक ही स्टेज में दोनों किडनीयों से सफलतापूर्वक ट्यूबलेस पी.सी.एन.एल से स्टोन निकाले गए। इस तरह के ऑपरेशन में प्राय: रक्तस्त्राव का रिस्क ज्यादा होता है। रोगी को बिना किसी प्रकार की जटिलता के सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। रोगी अभी स्वास्थ्य है व ऑपरेशन के दूसरे दिन उसे छुट्टी दे दी गयी।
गीतांजली हॉस्पिटल में किडनियों में से पथरी को निकालने का सफल इलाज
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