पिम्स हॉस्पिटल में वृद्ध महिला के फेंफड़े की जटिल बीमारी का सफल उपचार

उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स) हॉस्पिटल, उमरड़ा में चिकित्सकों ने वृद्ध महिला के फेंफड़े की जटिल बीमारी का सफल उपचार किया है।  
चेयरमेन आशीष अग्रवाल ने बताया कि पिछलों दिनों पिम्स हॉस्पिटल, उमरड़ा में रेस्पिरेटरी मेडिसिन ओपीडी में एक 64 वर्षीया महिला सांस लेने में तकलीफ और कफ के साथ खांसी की शिकायत लेकर आई थी। इसके अलावा महिला को भूख कम लगना, वजन कम होना और कमजोरी महसूस हो रही थी। जानकारी लेने पर, रोगी को पूर्व में उच्च रक्तचाप और मधुमेह का होना भी पाया गया। सीटी स्केन में दाहिने फेंफड़े में बड़े पैमाने पर गांठ का सूचक था। हड्डियों में लिटिक के साथ-साथ स्क्लेरोटिक घाव थे जो कैंसर फेंफड़े के मेटास्टेसिस का संकेत था। इसके बाद बीमारी का पता लगाने के लिए ब्रोंकोस्कोपी कर विभिन्न जांचों के लिए सैंपल भेजे गए थे। माइक्रोस्कोपिक विशेषताएं पल्मोनरी माइकोसिस के अनुरूप थीं। बीएएल फ्लुइड कल्चर एस्परगिलस फंगस के लिए सकारात्मक था। चूंकि सीटी स्कैन बड़े पैमाने पर घाव का सूचक था इसलिए सीटी गाइडेड बायोप्सी ली गई जो फेफड़े के द्रव्यमान के एडेनोकार्सिनोमा का संकेत था। हड्डी की बायोप्सी भी की गई थी जो बोनी ट्रैबेकुले के बीच घातक कोशिकाओं के छोटे समूहों का सूचक था। इसलिए मामले को फेफड़े के एडेनोकार्सिनोमा के रूप में फुफ्फुसीय माइकोसिस के साथ दाहिने फेफड़े के अंतर्निहित पतन के साथ सकल दाएं तरफ फुफ्फुस बहाव के रूप में निदान किया गया था जो एक दुर्लभ स्थिति है क्योंकि यह कैंसर और कवक रोग का एक संयोजन है। रोगी की एंटी फंगल थेरेपी शुरू की गई और फेंफड़े के कैंसर के आगे के प्रबंधन के लिए ऑन्कोलॉजी विभाग में भेजा गया। मरीज का इलाज पिम्स के श्वसन रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वाहब मिर्जा, डॉ. सानिध्य टांक व उनकी टीम के सदस्य डॉ. टी. कुशलकुमार, डॉ. ऋषभ अग्रवाल, डॉ. कुमार प्रान्शु, डॉ. गुरमेहरसिंह ठेठी, डॉ. अर्पित जोहर एवं टेक्निशियन गिरिराज ने किया। आशीष अग्रवाल ने चिकित्सक दल को बधाई दी और बताया कि इस संस्थान पर अब जटिल से जटिल व पुराने श्वसन रोगों का इलाज सफलतापूर्वक किया जा रहा है।  

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