कर्ज से मुक्ति के लिए दिव्यांग बेटी के पिता को दिया 4 लाख का चेक

नारायण सेवा संस्थान ने निःशुल्क लगाए कृत्रिम हाथ-पां
उदयपुर। दिव्यांगों की सेवा में समर्पित नारायण सेवा संस्थान में आयोजित त्रिदिवसीय ‘अपनों से अपनी बात’ कार्यक्रम भावनाओं और उम्मीदों का अद्भुत संगम बना। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से आई 21 वर्षीय सलीना खातून और उसके पिता फखरे आलम की मार्मिक आपबीती ने सभी की आंखें नम कर दीं। बेटी के इलाज के लिए कर्ज के बोझ तले दबे इस परिवार को राहत देते हुए संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने 4 लाख रुपये का चेक भेंट किया।
कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों से निःशुल्क दिव्यांगता सुधारात्मक सर्जरी तथा कृत्रिम हाथ-पैर व कैलीपर्स लगवाने आए दिव्यांग और उनके परिजनों से संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान कुशीनगर की सलीना खातून (21) ने बताया कि कॉलेज से घर आते समय वह रेलवे पटरी पार कर रही थी कि उसका दुप्पट्टा पटरी के निकट झाड़ियों में फंस गया। वह उसे छुड़ा ही रही थी कि अचानक तेज गति से आई ट्रेन ने उसे चपेट में ले लिया, जिससे उसका एक हाथ और पांव कट गए। पिता फखरे आलम ने बताया कि हम बहुत गरीब परिवार के हैं बेटी के भविष्य को देखते हुए उसका इलाज एक बड़े अस्पताल में करवाया। खर्चा इतना था कि खेत बेचने के बाद भी रिश्तेदारों से कर्ज लेना पड़ा। आज भी वे 4 लाख के कर्जदार है।  यह कहते हुए फखरे आलम की आंखों से आंसू टपक पड़े। संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने उन्हें तत्काल इस कर्ज से उबरने के लिए 4 लाख रूपए का चेक प्रदान किया। सलीना को संस्थान में आने पर अत्याधुनिक मॉड्यूलर कृत्रिम हाथ-पैर लगाए गए हैं। उन्होंने कार्यक्रम में चलकर और हाथ से काम करके भी बताया। उसने कहा कि वह पढ़ाई पूरी कर परिवार को गरीबी के अभिशाप से मुक्त करेगी।

 देवास (मप्र) से आई रेखा सहदेव ने बताया कि जन्म के बाद उनका बेटा अंशु कभी खड़ा नहीं हो सका। एक हाथ भी काम नहीं करता था। कई अस्पतालों में बताया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। यहां तक कि हाथ-पांव की नसों में खून जमने की बात कहते हुए एक अस्पताल में 16-16 हजार के इंजेक्शन भी लगे बावजूद बच्चा खड़ा नहीं हो पाया। यहाँ आने पर बच्चे का ऑपरेशन हुआ और वह अब उठ-बैठ सकता है। बिना सहारे चलता भी है।  
चित्तौड़गढ़ के बलवीर जाट और डूंगरपुर में कक्षा चौथी की छात्रा काव्या पाटीदार ने भी अपनी मार्मिक कथा-व्यथा बताई। बलवीर के दोनो पांव टखने के नीचे से मुडे हुए थे, जो दो ऑपरेशन के बाद सामान्य स्थिति में आए जब कि काव्या की ऐड़ी में विकृति होने से उसे पावं को काफी ऊपर उठाकर कदम लेना पड़ता था। ऑपरेशन के बाद वह अब ठीक से चल लेती है।
संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि जीवन में हादसों, समस्याओं और चुनौतियों का सामना तो करना पड़ता है लेकिन जब व्यक्ति आत्म विश्वास से खुद को बेहतर बनाने की ठान लेता है, तो सफलता उसके क़दमों में होती है। निराशा व्यक्ति को खत्म कर देती है। हमें अपने पर नियंत्रण रखना चाहिए। कई समस्याओं की जड़ मन है। अभावों के बादलों को छांटते हुए कई लोग बड़े काम कर जाते हैं। उनसे प्रेरणा लें।

Related posts:

हिंदुस्तान जिंक ने भारत के सबसे अधिक भार वाले ट्रांसमिशन स्टील पोल स्ट्रक्चर के लिए जिंक की आपूर्ति ...

Hindustan Zinc receives CSR Leadership Award

प्रो. सारंगदेवोत फिर पांच साल के कुलपति चुने गए

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा आयोजित सखी फेस्ट 28 को

उदयपुर की फिल्म सिटी का सपना हो गया सच

बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में पौधारोपण

5,950+ Rural Youth Secure Jobs Through Hindustan Zinc's Zinc Kaushal Kendra

फील्ड क्लब चुनाव को लेकर घमासान, 18 उम्मीदवार मैदान में

हर्षमित्र सरूपरिया महावीर युवा मंच के महामंत्री मनोनीत

हिन्दुस्तान जिंक की सीएसआर परियोजनाएं सराहनीय, ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण- जसमीतसिंह संधु, जिला कल...

More than 500 Rural Youth securejobs through Hindustan Zinc’s skilling project ZincKaushal Kendra

पिम्स के विद्यार्थियों का फेमिली अडॉप्शन प्रोग्राम के अंतर्गत धोल की पाटी में विजिट