अपना जीवन भगवान के चरणों में अर्पित करने वाले साधु महाराज ने लाजवाब मिसाल पेश की है। अपनी सारी दौलत कोरोना के नाम कर अपनी जमा पाई-पाई से जरूरतमंदों के लिए राशन खरीद डाला। बावजी चाहते हंै कि कोरोना के चलते कोई भूखा ना सोए। कहानी उदयपुर जिले के चावंड में रहने वाले महंत घनश्याम बावजी की है। बावजी का चावंड स्थित पुरातन जागनाथ मंदिर में डेरा (निवास) है। वे अपनी पूरी दौलत दान करने के सवाल पर कहते हैं, तेरा तुझको अर्पण। जो जमा पूंजी थी उसमें मेरा क्या था। वह तो इन भक्तों से ही चढ़ावे और दक्षिणा के रूप में प्राप्त हुई थी। भक्तों की जमा पूंजी को राशन के रूप में उन्हीं को समर्पित कर रहा हूं।
महंत घनश्याम बावजी ने 15-15 दिन राशन के एक हजार पैकेट जरूरतमंदों को देने के लिए तैयार किए हैं। ये विप्र फाउंडेशन की ओर से 25 अप्रैल श्रीपरशुराम जन्मोत्सव से 28 अप्रैल आद्य शंकराचार्य जयन्ती तक मनाए जा रहे आरोग्य सिद्धि दिवस के तहत जरूरतमंदों को वितरित किए जाएंगे। विप्र फाउंडेशन ने आरोग्य सिद्धि दिवस के तहत श्रीदुर्गासप्तशती के 1 करोड़ मन्त्रों का जाप व जरूरतमंदों हेतु 1 लाख थाली भोजन प्रसाद जुटाकर उन्हें पहुंचाने का संकल्प लिया है और बावजी इस आयोजन के मुख्य संयोजक हैं।
घनश्याम बावजी बताते हैं कि विप्र फाउंडेशन ने जब मुझे इस आयोजन से जोड़ा तो अपने दायित्व बोध का निर्वहन करते हुए मैंने जरूरतमंदों के लिए भोजन जुटाने की शुरुआत स्वयं से की। लोगों को पेट भरने को भोजन मिल जाए। धन जमा रख मुझे करना भी क्या हैï? घनश्याम बावजी कहते हैं, मेरे पास भक्तों की दी हुई एक गाड़ी भी है। कोई खरीदने वाला हो तो उससे प्राप्त राशि भी इस पुण्य कार्य में लगा दूं। मैंने तो अपने शिष्यों और भक्तों को भी जरूरतमंद की भोजन व्यवस्था का पुण्य करने को ही कहा है। महंतजी इस अभियान से पूर्व भी 500 से अधिक राशन सामग्री के पैकेट वितरित कर चुके हैं।
विप्र फाउंडेशन के 25 अप्रेल से प्रारंभ हो रहे आरोग्य सिद्धि अभियान को अनेक साधु संतों का आशीर्वाद प्राप्त हैं। एक लाख भोजन थाली के अलावा देशभर में दुर्गासप्तशती के 1 करोड़ मंत्रोच्चार रैवासा अग्रपीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज के मुख्यत्व में होंगे। अभियान को पथमेड़ा से दत्तशरणानंदजी महाराज, बीकानेर से सोमगिरीजी महाराज, छींच ब्रह्मा मंदिर के महंत घनश्यामदासजी महाराज, तलवाड़ा गोशाला के महन्त रघुवरदासजी महाराज, बुद्धगिरी आश्रम फतेहपुर के दिनेशगिरीजी महाराज सहित अनेक संतो का आशीर्वाद प्राप्त हैं।