अंतरध्वनी, इंडियन रुमेटोलॉजी एसोसिएशन ने उदयपुर में एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों के लिए एक ‘सपोर्ट ग्रूप’ बनाया

सपोर्ट ग्रूप में विशेषज्ञ और डॉक्टर शामिल हैं, जो मरीजों को सामान्य और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करने के लिए कार्यशाला आयोजित करेंगे

उदयपुर।
 अंतरध्वनी ने इंडियन रुमेटोलॉजी एसोसिएशन के सहयोग से 4 सितंबर, शनिवार को एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (गठिया, सूजन की बीमारी) के लिए एक रोगी सपोर्ट ग्रूप(सहायता समूह) के उदयपुर चैप्टर की शुरुआत की है।
इस सपोर्ट ग्रूप के गठन का उद्देश्य इस बीमारी से पीडि़त मरीज एवं इसके उपचार से संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर, फिजियोथेरेपिस्ट, योग प्रशिक्षकों और आहार विशेषज्ञों को एक साथ जोडना है, जो कि इस क्षेत्र में नई दवाएं, नए शोध और निष्कर्ष साझा करके मरीजों की सहायता करते हैं। राजस्थान में 150 से अधिक एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के मरीज अंतरध्वनी के साथ पहले से जुड़े हुए हैं।
उदयपुर चैप्टर का शुभारंभ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, उदयपुर के अध्यक्ष डॉ. आनंद गुप्ता, जाने-माने रुमेटोलॉजिस्ट डॉ. विष्णु शर्मा और डॉ. मोहित गोयल तथा अंतरध्वनी के प्रोजेक्ट मैनेजर और हाई-टेक आईसोल्यूशन्स के एसोसिएट डायरेक्टर आशीष जोशी की उपस्थिति में किया गया।


आशीष जोशी ने कहा कि अंतरध्वनि का मिशन डॉक्टरों और मरीजोंं को जोडऩा और एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के प्रबंधन के बारे में जागरूकता फैलाना है। अंतरध्वनी के पहले से ही अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और जयपुर में चैप्टर कार्यरत हैं और अब तक 2700 से अधिक रोगियों के साथ काम कर चुके हैं। हम आने वाले महीनों में राजस्थान और अन्य राज्यों के और शहरों में रोगी सहायता समूह बनाने की योजना बना रहे हैं।
एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस एक ऐसी स्थिति है जहां रीढ़ की हड्डी के सभी या कुछ जोड़, संधि स्थल और हड्डियां बांस की तरह आपस में जुड़ जाती हैं। यह अक्सर रीढ़ की हड्डी में सूजन का कारण बनता है और गंभीर मामलों में, यहां तक कि हृदय या आंखों को भी प्रभावित करता है। इसे एक दुर्लभ बीमारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है क्योंकि प्रत्येक 10,000 में से 8 व्यक्ति इससे पीडि़त हैं। यह रोग आजीवन और लाइलाज बीमारी है, लेकिन नियमित व्यायाम और चिकित्सा सहायता रोगियों को राहत प्रदान कर सकती है।
विशेष रूप से, इसके पहले लक्षण पीठ के निचले हिस्से और नितंबों में लगातार दर्द और जकडऩ हैं, जो धीरे-धीरे समय के साथ होते हैं। इस रोग में दर्द दोनों तरफ महसूस होता है और कम से कम तीन महीने तक बना रहता है। यह आमतौर पर सुबह और रात में बहुत तेज होता है, लेकिन हल्के व्यायाम या गर्म स्नान से स्थिति में सुधार किया जा सकता है।
एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस से 20-30 वर्ष की आयु के पुरुष सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इसके लक्षणों में सुबह की जकडऩ के साथ पीठ के निचले हिस्से में दर्द शामिल है। इसका सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि आनुवंशिक, पर्यावरण और प्रतिरक्षा प्रणाली के बीच परस्पर क्रिया इसके लक्षणों को सक्रिय करती है।
रुमेटोलॉजिस्ट कैल्शियम और विटामिन-डी से भरपूर भोजन के सेवन की भी सलाह देते हैं, जो संरचनात्मक क्षति को रोकने में मदद करते हैं। अन्य सामान्य उपचार व्यवस्थाओं में दवा, व्यायाम और संभवत:  शारीरिक उपचार, अच्छा आसन अभ्यास, मांसपेशियों को आराम देने और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करने के लिए गर्म/ठंडा पदार्थ लगाना शामिल है।

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