एरियल ने एक नए कैंपेन की शुरुआत की

जिसमें महिलाओं को बराबरी के नजरिए से देखने तथा #ShareTheLoad करने की बात कही गई है

उदयपुर।एरियल इंडिया ने पिछले 7 सालों के दौरान देश के सभी परिवारों में घरेलू कामकाज के असमान तरीके से विभाजन के बारे में लगातार बातचीत को बढ़ावा दिया है, साथ ही ज्यादा-से-ज्यादा संख्या में है मर्दों से #ShareTheLoad करने का अनुरोध भी किया है। इस मुद्दे पर बातचीत को जारी रखने और परिवारों के भीतर समानता के संदेश को लगातार आगे बढ़ाने की बात को ध्यान में रखते हुए, एरियल ने #ShareTheLoad के 5वें संस्करण का शुभारंभ किया और इस अवसर पर #SeeEqual फ़िल्म को लॉन्च किया। एरियल ने लोगों के सामने एक जायज़ सवाल उठाया है कि – “अगर पुरुष दूसरे पुरुषों के साथ काम में हाथ बटा सकते हैं, तो वे अपनी पत्नियों के साथ ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं?” इस प्रकार, एरियल पुरुषों से अपनी जिम्मेदारियों को समान रूप से निभाने वाला जीवनसाथी बनने का आग्रह कर रहा है। क्योंकि, जब हम #SeeEqual के नजरिए से देखते हैं, तभी हम #ShareTheLoad करते हैं।

 लॉकडाउन के दौरान हर कोई अपने-अपने घरों में कैद होकर रह गया, और इस तरह हम सभी के घर रातों-रात ऑफिस, स्कूल, खेल के मैदान इत्यादि में बदल गए। इस दौरान बड़ी संख्या में पुरुषों ने घरेलू कामकाज में सक्रियतापूर्वक और गर्व के साथ हाथ बटाया – जिसमें साफ़- सफ़ाई से लेकर खाना बनाने या कपड़े धोने जैसे काम शामिल हैं। हालांकि महामारी के कम होते ही यह चलन फीका पड़ने लगा, लेकिन इससे यह बात साबित हो गई कि पुरुष बदलाव के लिए तैयार रहते हैं और जरूरत पड़ने पर घरेलू काम भी कर सकते हैं। इसके अलावा, एक तीसरे पक्ष द्वारा स्वतंत्र रूप से किए गए एक नए अध्ययन से एक चौंकाने वाली बात सामने आई है – 73% पुरुषों ने इस बात को माना कि जब वे दूसरे पुरुषों या रूममेट्स के साथ रहते थे, तब वे भी घर के काम-काज में समान रूप से हाथ बटाते थे। तो सवाल यह है कि, अगर पुरुषों ने अतीत में घरेलू काम-काज की जिम्मेदारी संभाली है, तो कौन सी बात उन्हें अपने जीवनसाथी के काम में हाथ बटाने से रोकती है? 

एरियल की नई फ़िल्म – #SeeEqual पुरुषों के लिए एक जायज़ सवाल उठाती है। हालांकि इस असमानता के कई कारण हो सकते हैं, परंतु 80% महिलाएँ मानती हैं कि उनके जीवनसाथी घरेलू काम-काज करना जानते हैं लेकिन वे ऐसा नहीं करने का विकल्प चुनते हैं, और यह सच्चाई बेहद चिंताजनक है। वही पुरुष, जिन्होंने दूसरे पुरुषों के साथ रहते हुए समान रूप से घरेलू काम-काज की जिम्मेदारी संभाली, वे अपनी पत्नियों के साथ घर में अपने हिस्से का काम नहीं करते हैं। उनके इस ‘विकल्प’ के चयन से सदियों से अचेतन मन में बसे भेदभाव वाली मानसिकता का संकेत मिलता है, और 83% महिलाओं ने महसूस किया कि जब घरेलू काम-काज की बात आती है तो पुरुष महिलाओं को बराबरी के नजरिए से नहीं देखते हैं। एरियल एक जायज़ सवाल – “अगर मर्द दूसरे मर्दों के काम में हाथ बटा सकते हैं, तो वे अपनी पत्नियों के साथ ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं?” उठाकर परिवारों को यह याद दिला रहा है कि सही मायने में बराबरी केवल तभी दिखाई देती है, जब घरेलू काम-काज साझा किए जाते हैं। क्योंकि, जब हम #SeeEqual के नजरिए से देखते हैं, तभी हम #ShareTheLoad करते हैं! 

यह फ़िल्म एक महिला के बारे में है, जो अपने पति के साथ पड़ोसियों से मिलने जाती है। वह देखती है कि दो पुरुष अपने सुबह के कार्यों को तालमेल के साथ पूरा करते हैं और दोनों अपनी जिम्मेदारियों को समान रूप से साझा करते हैं, और फिर वह अपने पति को यह बात बताती है। वह व्यक्ति अनजाने में ही याद करते हुए बताता है कि, कॉलेज के दिनों में वह किस तरह अपने रूममेट के साथ मिल-बांटकर सारे काम किया करता था। इस घटना के अलावा कुछ और बातों से महिला को यह एहसास हो जाता है कि, उसे न तो बराबरी के नजरिए से देखा जा रहा है और ना ही उसके साथ बराबरी वाला बर्ताव किया जा रहा है। इस बात पर काफी सोच-विचार के बाद, वह खुद के लिए एक फैसला लेती है और अपने दिल की बात को पति के साथ साझा करती है कि उसे भी समान नजरिए से देखा जाए। इस बातचीत से पति को एहसास हो जाता है, और वह अपने मन में बसी घिसी-पिटी धारणा को छोड़ने तथा ShareTheLoad करने का वादा करता है। 

इस फ़िल्म में आज के ज़माने की सच्चाई को पूरी तरह से दर्शाया गया है। एक तरफ़, इसमें दिखाया गया है कि एक महिला अपनी शादी में असमानता को स्वीकार करने से इनकार करती है, और दूसरी तरफ़, यह फ़िल्म दर्शाती है कि पुरुष क्या करने में सक्षम हैं और यह कैसे है कि वे बदल रहे हैं।फ़िल्म में दिखाया गया पड़ोसी, असल जिंदगी में किसी व्यक्ति का रूममेट, दोस्त, भाई या अपना रिश्तेदार हो सकता है, लेकिन अपने इस रिश्ते के बावजूद, वे आज के ज़माने के पुरुषों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो बदलाव के लिए तैयार हैं। इनमें से कई पुरुषों ने तो और भी काम करना शुरू कर दिया है। उनमें से अधिकांश पुरुष अपने परिवार की घरेलू जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभाते हैं और बराबरी के साथ ShareTheLoad करते हैं। यह तभी संभव है, जब वे महिलाओं को बराबरी के नजरिए से देखें। 

आज, बेहद गणमान्य व्यक्तियों के एक पैनल ने इस फ़िल्म और #ShareTheLoad के 5वें संस्करण को लॉन्च किया, जिसमें जाने-माने अभिनेता, फ़िल्म-निर्माता, उद्यमी, पर्यावरणविद – जेनेलिया और रितेश देशमुख; लैंगिक समानता तथा हिंसा-मुक्त समाज बनाने के उद्देश्य से कार्यरत एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) की डॉ. नंदिता शाह, जो इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं; पी एंड जी (P&G) इंडिया के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर तथा वाइस प्रेसिडेंट, फैब्रिक केयर, पी एंड जी (P&G) इंडिया – शरत वर्मा; और बी.बी.डी.ओ. (BBDO) इंडिया के चेयरमैन एवं चीफ क्रिएटिव ऑफिसर – जोसी पॉल शामिल हैं। शिबानी दांडेकर ने इस पैनल की परिचर्चा का संचालन किया। कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर आमंत्रित सेलिब्रिटी जेनेलिया डिसूजा का ऐसा अभिनय पहले कभी नहीं देखा गया है, जिसमें उन्होंने एरियल के #ShareTheLoad आंदोलन के शुभारंभ पर अदृश्य होकर एक सशक्त संदेश दिया – “अगर महिलाओं के जीवनसाथी ही उन्हें बराबरी के नजरिए से नहीं देखते हैं, तो उस रिश्ते में उनकी भूमिका लगभग गौण है।” जीवनसाथी के रिश्ते को बराबरी के नजरिए से देखने वाले जेनेलिया और रितेश ने इस कार्यक्रम के जरिए परिवारों के भीतर समानता के महत्त्व के बारे में बात की। 

ज़िंदादिल अभिनेत्री जेनेलिया ने कहा, “घर की जिम्मेदारियों को साझा नहीं करने, और मुझे बराबरी के नजरिए से नहीं देखने से रिश्तों में दरार आएगी। हम हर काम में एक-दूसरे का हाथ बटाते हैं, फिर चाहे वह कोई भी काम हो – जिसमें रसोई के काम-काज से लेकर बच्चों की परवरिश या कपड़े धोने जैसे सभी काम शामिल हैं। हमारे बीच तुम्हारी जिम्मेदारी या मेरी जिम्मेदारी जैसी कोई चीज नहीं है। यह एक ऐसी दुनिया है जिसे हमने बनाया है, और यहाँ हमें हमेशा के लिए एक-साथ ही रहना है। मैं तो मानती हूँ कि अगर आप सही मायने में अपने जीवनसाथी से प्यार करते हैं और उसे बराबरी के नजरिए से देखते हैं, तो फिर घरेलू काम-काज या किसी भी अन्य काम में जिम्मेदारियों को समान रूप से साझा नहीं करने की कोई ठोस वजह नहीं दिखाई देती है। एरियल जैसे ब्रांड को परिवार में समानता की भावना लाने के लिए लगातार प्रयास करते हुए देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है, क्योंकि उन्होंने दिल को छू लेने वाले ऐसे अनुभवों को लोगों के सामने प्रस्तुत किया है, जिस पर निश्चित रूप से लोग चर्चा करेंगे और इस दिशा में कदम उठाएंगे।” 

इस मौके पर, श्री शरत वर्मा, चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, पीएंडजी (P&G) इंडिया और वाइस प्रेसिडेंट, फैब्रिक केयर, पीएंडजी (P&G) इंडिया, ने कहा, “एरियल की #ShareTheLoad मुहिम के साथ हमने इस मुद्दे पर सार्थक बातचीत शुरू करने की कोशिश की है, जिससे सकारात्मक बदलाव लाने में मदद मिलेगी। #See Equal के माध्यम से, हम सदियों से लोगों के मन में बसी घिसी-पिटी सोच और इसी सोच के अनुरूप काम करने की प्रवृत्ति में बदलाव लाना करना चाहते हैं, जो हम सभी के लिए अपनी जिम्मेदारियों को साझा करने की राह में सबसे बड़ी बाधा है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, अगर इसी गति से बदलाव जारी रहा तो अगले 135 साल बाद लैंगिक समानता का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है! हमारे लिए एक ऐसी चीज़ का इंतज़ार करना बहुत लंबा है, क्योंकि पुरुष काम-काज के लिए आपस में बड़े सहज तरीके से तालमेल बना लेते हैं। दिलचस्प बात यह है कि, 73% से अधिक विवाहित पुरुषों ने इस बात को माना कि जब वे दूसरे पुरुषों के साथ रहते थे तो वे घरेलू काम-काज में हाथ बटाते थे। हालांकि, आज भी शहरी भारत में 25 प्रतिशत से कम परिवारों का यह दावा है कि पुरुष घर की जिम्मेदारियों में समान रूप से हाथ बटाते हैं। इस साल का संवाद आम ज़िंदगी के बेहद सरल अनुभव पर आधारित है – जब पुरुष दूसरे पुरुषों के साथ समान रूप से #ShareTheLoad कर सकते हैं, तो वे अपनी पत्नियों के साथ ऐसा क्यों नहीं करते हैं? क्योंकि हमें मालूम है कि जब हम #SeeEqual के नजरिए से देखते हैं, तभी हम #ShareTheLoad करते हैं।” 

एक कार्यक्रम के दौरान, एरियल ने अपने एरियल मैटिक पाउडर पैक के स्पेशल एडिशन को भी लॉन्च किया, जिसके पिछले हिस्से पर लोगों के मन में बसे एक भ्रम की तस्वीर मौजूद है। भ्रम की यही तस्वीर हमारे समाज को दर्शाती है, जिसे खुद के आकलन के लिए तैयार किया गया है कि हम बराबरी के नजरिए से देखते हैं या नहीं। अगर हम सिर्फ एक महिला को कपड़े धोते हुए देखते हैं, तो संभव है कि हमारा नजरिया अभी भी भेदभाव वाला है। करीब से निरीक्षण करने पर, भ्रम की यह तस्वीर दिखाती है कि एक पुरुष भी घर की जिम्मेदारियों में हाथ बटा रहा है।   

Related posts:

मुख्यमंत्री कोष में दिया 10 करोड़ राशि का योगदान
एचडीएफसी बैंक के द्वारा जारी की गई भारत की पहली इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी
Jaguar Land Rover Announces Annual Monsoon Service Camp
HDFC Bank’s Xpress Car Loan adjudged ‘Best in Class Lending Solution’ at Global Fintech Fest
Micro-loans – Helping poor households and businesses survive and thrive in challenging times
वैल्वोलाइन ने ‘मेकैनिकों’ के लिये उदयपुर में अपनी पहली सुरक्षा पहल लॉन्च की
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ साझेदारी में आरएलजी का आईईसी जागरूकता और संग्रह अभियान
Sachin Bansal’s Navi Mutual Fund launches Navi Nifty 50 Index Fund with Lowest Expense Ratio, NFO is...
एचडीएफसी बैंक ने 11,000 से अधिक छात्रों और शिक्षकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं के बारे में श...
श्री सीमेन्ट ने 50 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेंट किए
From Pollard to AB De Villiers, 12 cricketers who have taken the #BreakTheBeard challenge this IPL
हिंदुस्तान जिंक द्वारा आरओ प्लांट और वाटर एटीएम का उद्घाटन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *