हिंदुस्तान जिंक की गु्रप कोरोना कवच पॉलिसी से लाभान्वित होगें व्यापारिक साझेदारों के संविदाकर्मी

  • कैशलेस पॉलिसी में 25800 से अधिक कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
  • अब तक 5000 कर्मचारी, उनके एवं परिवार के सदस्यों ने कराया टीकाकरण
    उदयपुर। हिंदुस्तान जिंक के परिचालन में कर्मचारी और इससे जुडे व्यावयसायिक भागीदार महत्वपूर्ण हैं। उत्तरदायी और सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित प्रदान करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप, कंपनी ने राजस्थान एवं उत्तराखंड के पंतनगर में सभी संचालित स्थानों पर कोविड 19 के निमित्त, अनुबंधित कर्मचारियों के लिए ग्रुप कोरोना कवच पॉलिसी की शुरूआत की है।
    हिन्दुस्तान जिं़क में कर्मचारियों का हित और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है एवं और लंबी अवधि के विकास को सक्षम करने वाली जन-केंद्रित नीतियों पर बल देती है। कंपनी का मानना है कि कर्मचारियों के साथ-साथ बिजनेस पार्टनर भी संगठन के विकास में समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अनुबंध श्रमिकों के लिए ग्रुप कोरोना कवच पॉलिसी न्यू इंडिया एश्योरेंस, मुंबई से लिया गया है जिसमें 25800 से अधिक अनुबंध कर्मचारी शामिल हैं।
    यह कैशलेस पॉलिसी अस्पताल में भर्ती होने से पहले और अस्पताल में भर्ती होने के बाद के खर्चों सहित कोरोना से संबंधित सभी नैदानिक शुल्क को कवर करती है। कंपनी ने दुर्भाग्यपूर्ण अत्यावश्यकता के मामले में सभी अनुबंध श्रमिकों के लिए गो-डिजिट बीमा कंपनी के माध्यम से कोविड मृत्यु पॉलीसी भी प्रदान की है। इसके अलावा, पूरे कार्यबल और कर्मचारियों के परिवारों पर प्रभाव की निगरानी के लिए कोविड टास्क फोर्स को तैनात किया गया है।
    हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि‘ हमारे लोग हमारी संपत्ति हैं और हमारी व्यापार निरंतरता योजना का मूल हमेशा हमारे कर्मचारियों, व्यापार भागीदारों और समुदाय के स्वास्थ्य और सुरक्षा के आसपास रहा है। जबकि हमने कोविड से प्रभावित किसी भी व्यक्ति की उचित देखभाल और उपचार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचा और जनशक्ति की व्यवस्था की है, हमने इस ओर अग्रसर होतु हुए इस संकट के समय में 25800 से अधिक अनुबंध कर्मचारियों के लिए ग्रुप कोरोना कवच पॉलीसी टर्म इंश्योरेंस की शुरुआत की है। यह बीमा किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना दूर्घटना की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के साथ-साथ मुआवजा भी देगा। सभी संविदा कर्मचारियों को इसमें शामिल किया गया है।‘
    एएसी माइनिंग एक्जीक्यूटर्स इण्डिया के एक्जीक्यूटीव डायरेक्टर मुकाया सिमुबली ने कहा कि हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा उठाये गये कोविड 19 ग्रुप इंश्योरंस के इस महत्वपूर्ण और सामयिक निर्णय की मैं सराहना करता हूं। मुझे खुशी है कि इससे कर्मचारियों में नैतिक उत्थान और आत्मविश्वास बढे़गा। यह उत्कृष्ट कदम यह दर्शाता है कि हिन्दुस्तान जिं़क अपने कर्मचारियों के लिये सावधान और सजग है।
    इस महामारी के बीच, हिंदुस्तान जिंक ने विभिन्न अनिवार्य मानदंडों और विनियमों का पालन किया है। कंपनी ने महामारी से बचाव के लिये कर्मचारियों हेतु सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कार्य करने के तरीके में बदलाव हेतु विभिन्न उपाय किए हैं। दिशानिर्देशों को हिन्दुस्तान जिं़क की सभी ईकाइयों में लागू किया गया, जिसमें संचालन के साथ साथ कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिये प्रभावी इंतजाम किये गये।
    इसके अलावा, कंपनी ने राजस्थान के दूरस्थ स्थानों में अपने संयंत्रों और अत्याधुनिक टाउनशिप में संसाधनों की व्यवस्था की है। राज्य में कोविड-19 मामलों में तेजी से वृद्धि के कारण अस्पतालों में बढ़ती रोगियों की संखया और ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिये चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की पहल की है।
    कंपनी राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स स्थित अपने ऑक्सीजन प्लांट से उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज को क्रायोजेनिक टैंकरों के जरिए लिक्विड ऑक्सीजन दे रही है। कोविड रोगियों के इलाज के लिए प्रशासन को लिक्विड ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के साथ ही पहल करते हुए विशेष रूप से स्थापित ऑक्सीजन बॉटलिंग प्लांट के साथ प्रति दिन 500 ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है। कंपनी ने अब तक 160टन लिक्विड ऑक्सीजन एवं 9 हजार से अधिक सिलेंडर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया है। इसके अतिरिक्त, कंपनी जल्द ही 1200 ऑक्सीजन सिलेंडर की क्षमता का बॉटलिंग प्लांट भी शुरू करने की ओर प्रयासरत है जो कि ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में मदद करेगा। हिंदुस्तान जिंक ने कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए कोविड टीकाकरण अभियान शुरू किया है। कंपनी ने कर्मचारियों, परिवार के सदस्यों और व्यावसायिक भागीदारों के लिए अब तक 5000 से अधिक टीकाकरण सुनिश्चित किया है।
    कंपनी ने सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल के छिड़काव और फ्यूमिगेटिंग मास्क, सैनिटाइजर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) जैसे चिकित्सा उपकरण प्रदान कर आसपास के क्षेत्रों को संक्रमणमुक्त करने मंे सहयोग दिया है। अब तक सैनिटाइजेशन के लिए करीब एक लाख लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल का छिडकाव किया गया है।

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