डॉ. महेन्द्र भानावत को मिला प्रतिष्ठित श्रीकाग अलंकरण

साहित्य समाज का दर्पण : प्रो. सारंगदेवोत
मानवीय वृत्तियों का पोषण साहित्य सृजन से ही संभव : डॉ. भानावत
मानवता को प्रतिष्ठित करने में साहित्य, व सनातन धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका : प्रो. जॉनी

उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के प्रतानगर स्थिति आईटी सभागार में लोक साहित्य में उल्लेखनीय कार्य करने वाले डॉ. महेन्द्र भानावत को मॉ सोनल धाम गडवाड़ा की अधिष्ठात्री पूज्या कंकू केसर आई, कुलाधिपति प्रो. बलवंत राय जॉनी, कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, पर्यावरणविद् डॉ. राजेन्द्र सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दााधीच ने संत मुरारी बापू द्वारा प्रतिस्थापित श्री काग पुरस्कार अलंकरण से नवाजा गया। अलंकरण के तहत 51 हजार रूपये का चेक, शॉल, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह दिया गया।


कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि साहित्य व वास्तविक जीवन में गहरा सम्बंध है। साहित्य व्यक्ति को न केवल कलात्मक रूप से विकसित करता है वरन् जीवन के क्लिष्ट समझे जाने वाले मर्म को सहजता और सरलता से समझने और अंगीकार करने की योग्यता व क्षमताएं विकसित करता है। साहित्य की विविध विधाओं, भाषा के सामथ्र्य और शक्ति समझने की आवश्यकता है। इसे समझने वाला न केवल अपने आसपास के वातावरण को समझता है अपितु जीवन के सत्य को प्राप्त कर लेता है। प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है, एक ऐसा प्रकाश पुंज है जो मानवता के लुप्त प्राय: हो रहे गुणों व वृत्तियों को पुर्नजीवित करने की संजीवनी है।
साहित्य और संत वाणी दोनों ही समाज के परिमार्जन करने तथा उसे परिष्कृत की कामना से युक्त होने से सामाजिक समरसता व राष्ट्र उन्नति के साथ साथ सांस्कृतिक परम्पराओं के वाहक है, उसका मूर्त स्वरूप है। वर्तमान समय में साहित्य लेखन की दिशा व दशा को रेखांकित करते हुए कहा कि आवश्यकता साहित्यिक सृजन की है। साहित्य और साहित्यकारों की लुप्त हो रही परम्परा को बचाए रखने के लिए युवा पीढ़ी को साहित्य सृजन करना होगा।
आध्यात्मिक व्यक्तित्व की धनी कंकू केसर आई ने कहा कि मनुष्य जीवन बहुत दुर्लभ है। ईश्वर द्वारा प्रदत्त इस अनमोल जीवन को मानवता के उत्थान हेतु समर्पित कर भाईचारे एवं प्रेम का वातावरण बनाने में अर्पित करना होगा। साथ ही राष्ट्र उत्थान हेतु नारी सशक्तीकरण और स्त्री शिक्षा के क्षेत्र. में प्राथमिकता से कार्य करने होंगे।
अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति प्रो. बलवंत राय जॉनी ने साहित्य और साहित्यकारों की उन्नत परम्पराओं को बनाए रखने के लिए साहित्यिक -सांस्कृतिक सम्बंधों को बेहतर बनाने तथा पारम्परिक वैचाारिक आदान प्रदान करने की बात कही। जॉनी ने बताया कि वर्तमान में अर्थ के लिए मूूल्यों को अनदेखा किया जा रहा है। मूल्यों की पुनस्र्थापना में साहित्यिक आदान प्रदान की महत्वपूर्ण भूमिका है। राजस्थान व गुजरात की परम्पराओं में समानता होने के साथ साथ एकजुटता एवं दृढता भी प्रतिबिम्बित होती है।
मुख्य अतिथि पर्यावरणविद् डॉ. राजेन्द्र सिंह ने कहा कि समाज में शुभ की भावना प्रेरित करने के लिए प्रकृति के ज्ञान तंत्र को जन जन से जोडऩा होगा। उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन के रक्षण, संरक्षण भारतीय ज्ञान तंत्र और भारतीय आस्था से ही संभव है। प्रकृति को भगवान के रूप में स्वीकार, उसके सम्मान मे उठते हाथ ही इस सृष्टि के सम्बल बन पाएगे। प्रकृति की गोद का संयमित उपयेाग तथा स्वावलम्बी वृत्ति अपनाकर ही उसके प्रति अपने दायित्वों को पूर्ण कर पाएंगे।
श्रीकाग से सम्मानित होने पर डॉ. भानावत ने कहा कि मनुष्य का प्रथम गुण है निर्भय रहे। अपेक्षा और उपेक्षा दोनों से ही बचें। साथ ही किसी को भी न तो प्रभावित करने की चेष्टा करे और न ही आसानी से किसी से भी प्रभावित हों और ये विशिष्ट मानवीय प्रवृत्ति साहित्य सृजन से ही पोषित हो सकती है। डॉ. भानावत ने नव साहित्यकारों और सृजनकर्ताओं को निरंतर नया लिखने के लिये प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन की मुश्किलों से ना डरे, हमेशा डटे रहें, अपने उसूलों मूल्यों के आधार पर चाहे जितना बीहड़ हो, सृजन से बेखौफ रास्ता तय करे।
कुल प्रमुख बी एल गुर्जर ने कहा कि साहित्य एवं सनातन धर्म दोनों ही मानव कल्याण के लिए हैं। दोनों का संतुलित समागम समाज को सही दिशा प्रदान कर भारतीय जनमानस का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। अत: मानवता को प्रतिष्ठित करने में साहित्य व सनातन धर्म दोनों की ही गहरी भूमिका है।
समारोह में अतिथियों द्वारा सहायक आचार्य डॉ. चन्द्रेश कुमार छतलानी द्वारा रचित हाल ए वक्त , लघुकथा संग्रह पुस्तक का विमोचन किया गया।
संचालन डॉ. अमी राठौड़, डॉ. इंदू आचार्य ने किया जबकि आभार भंवरलाल गुर्जर ने जताया। समारेाह में विद्यापीठ के डीन, डायरेक्टर व कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Related posts:

महिला बंदियों के साथ दीवाली मिलन कार्यक्रम आयोजित

राजस्थान फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा देबारी में राज्य अंडर-17 बालिका शिविर का सफल आयोजन

कैन्सर जागरूकता सेमीनार आयोजित

पिम्स हॉस्पिटल उमरड़ा : ओपियोइड विषाक्तता मामलों के लिए आशा की किरण

Hindustan Zinc receives5-Star Ratingfrom Indian Bureau of Mines for Sustainable Practices

IIT Madras Partners with Hindustan Zinc to Develop Advanced Zinc-Air Battery Technology

Hindustan Zinc Marks the Successful Completion of 3-Day Intra Zonal Mine Rescue Competition

जिंक को बेस्ट प्रेक्टिस इन डिजिटल ट्रांसफोरमेशन के लिए सीआईआई-डीएक्स पुरस्कार

हिंदुस्तान जिंक की जीवन तरंग पहल से दिव्यांग बच्चों के लिए समावेशी समाज का निर्माण

हिन्दुस्तान जिंक ने टीईआरआई के साथ मिलकर पारिस्थितिकीय बहाली को दुगुना कर 13 हेक्टेयर में किया

उदयपुर-चंडीगढ़ नई रेल सेवा का शुभारंभ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई हरी झंडी

नारायण सेवा ने की महालक्ष्मी रथयात्रा की महाआरती