– अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस का उत्सव –
उदयपुर । भारत के विविधतापूर्ण आर्थिक परिदृश्य में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और जमीनी स्तर पर विकास को गति देने में कारीगरों एवं सूक्ष्म उद्यमियों (माइक्रो एंटरप्रेन्योर) की महत्वपूर्ण भूमिका है। अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के मौके पर फ्लिपकार्ट अपने एमएसएमई समर्थ उद्यमियों की प्रेरक यात्रा को सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रही है। एमएसएमई उद्यमियों की ये कहानियां इस बात का उदाहरण हैं कि किस तरह से ऑनलाइन मार्केटप्लेस और इनोवेशन में कारोबारी सफलता को गति देने की परिवर्तनकारी क्षमता है। 2019 में लॉन्च किए गए फ्लिपकार्ट समर्थ प्रोग्राम ने बाजार तक पहुंच एवं डिजिटल टूल्स प्रदान करते हुए 18 लाख से ज्यादा आजीविकाओं को अपना समर्थन दिया है, एमएसएमई को सशक्त किया है और उन्हें ई-कॉमर्स इकोसिस्टम से जुड़ने में सहायता की है।
इस महत्वपूर्ण दिवस के अवसर पर हम सुखेन दास की एंटीक ज्वेलरी क्राफ्टमैनशिप, स्वप्निल काबरा के पारंपरिक वुड फर्नीचर कारोबार, आयुष कुमावत के इनोवेटिव हैंडीक्राफ्ट और प्रियदर्शिनी पांडा के साड़ी वेंचर की विविधता से परिपूर्ण उद्यमिता के सफर की कहानीको सभी के समक्ष प्रस्तुत किया हैं। हर कहानी उद्यमिता के उत्साह, उनकी सफलता की गाथा और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, बाजार तक पहुंच एवं समुदायों के सशक्तीकरण के माध्यम से विकास को गति देने में फ्लिपकार्ट की भूमिका को रेखांकित करती है।
जोधपुर, राजस्थान में ‘द एटिक’हस्तनिर्मित फर्नीचर के मामले में गुणवत्ता एवं परंपरा का उदाहरण है। 35 वर्षीय उद्यमी स्वप्निल काबरा द्वारा स्थापित इस कारोबार की जड़ें स्वप्निल के बचपन से जुड़ी हैं। वह बचपन से ही फर्नीचर बनाने की कला से घिरे रहे हैं। उनके पिता फर्नीचर के लिए कच्चा मैटेरियल सप्लाई करते थे और वहीं से स्वप्निल की महत्वाकांक्षा को पंख लगे थे।
नई दिल्ली से एम. कॉम. और एमबीए करने वाले स्वप्निल ने 2013 में ‘द एटिक’की स्थापना की। इसमें उनका फोकस ऐसे सॉलिड वुड फर्नीचर पर रहा, जिनमें जोधपुर की कारीगरी की विरासत नजर आए। शुरुआत में उनका कारोबार सीमित लोगों तक ही पहुंच पा रहा था, लेकिन 2015-16 में फ्लिपकार्ट से हाथ मिलाने के बाद उन्होंने बड़ी छलांग लगाई। डिजिटल दुनिया में कदम रखने से ‘द एटिक’को ज्यादा लोगों तक पहुंचने में मदद मिली और उनके कारोबार ने तेजी से विकास किया।
पहले पांच साल में ही फ्लिपकार्ट के साथ ‘द एटिक’ ने बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया और साल-दर-साल लगातार विकास किया। आज उन्होंने मैन्यूफैक्चरिंग (विनिर्माण), बिक्री और ऑफिस के कामों के लिए कुल मिलाकर 140 से ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान किया हुआ है। इनके प्रोडक्ट्स की रेंज में कॉफी टेबल, बेड, स्टडी टेबल, कंसोल टेबलऔर लोकप्रिय किचन कैबिनेट शामिल हैं। फ्लिपकार्ट पर सालाना 3 से 4 करोड़ रुपये के टर्नओवर के साथ ‘द एटिक’विशेषरूप से बेंगलुरु और गुरुग्राम में लोकप्रिय है। कुल बिक्री में इन दो शहरों की हिस्सेदारी 30 से 40 प्रतिशत है।
स्वप्निल ने आगे और भी विस्तार की योजना बनाई है। उन्होंने 2026 तक फ्लिपकार्ट पर 10 करोड़ रुपये के टर्नओवर और 15 साल में 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर का लक्ष्य रखा है।
लचीलेपन, दृढ़ निश्चय और उद्यमिता की भावना के साथ जयपुर की जीवंत गलियों में आयुष कुमावत की कहानी ने आकार लिया है। 27 साल की उम्र में अपने खानदानी कारोबार स्तुति आर्ट्स की कमान संभाल रहे आयुष ने बहुत सी मुश्किलों के बीच कारोबार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े परिवार में जन्मे आयुष में बचपन से ही संगमरमर और लकड़ियों के अनूठे उत्पाद बनाने का शौक था। अपने पिता मोतीलाल कुमावत के दिशानिर्देश में आयुष ने कड़ी मेहनत और समर्पण से काम किया। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने अपनी पहचान स्थापित करने के लक्ष्य के साथ उद्यमिता का रास्ता चुना।
पिछले तीन दशक से कुमावत परिवार अपने कारोबार को आगे बढ़ा रहा है। वे खूबसूरती से तराशे गए उत्पादों की आपूर्ति होलसेलर्स को करते हैं और स्थानीय स्तर पर एक दुकान का भी संचालन करते हैं। हालांकि महामारी के दौरान लॉकडाउन ने उनके सामने अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया था। आयुष हार मानने को तैयार नहीं थे और उन्होंने ई-कॉमर्स को अपनाने और इससे मिलने वाले अवसरों का लाभ लेने की जरूरत को समझा। फ्लिपकार्ट समर्थ प्रोग्राम के माध्यम से उन्होंने ऑनलाइन रिटेल की दुनिया में कदम रखा। उपलब्ध जानकारियों का लाभ लेते हुए उन्होंने डिजिटल मार्केटप्लेस में स्तुति आर्ट्स को आगे बढ़ाया।