उदयपुर। फ्लिपकार्ट की द बिग बिलियन डेज़ 2020 संपन्न हो गई है। इसने ग्राहकों में खरीदारी की भावना बढ़ाने और स्थानीय एमएसएमई के विकास को बढ़ावा देने में ई-कॉमर्स के योगदान को फिर से साबित किया। इस बिग बिलियन डेज़ ने विक्रेताओं के अटूट जुनून और उद्यमशीलता को सबके सामने प्रदर्शित किया। विक्रेताओं ने भारतीय ग्राहकों तक त्योहार की खुशियां पहुंचाने के लिए डिजिटल कॉमर्स को अपनाया। इसने भागीदारी की ताकत को प्रदर्शित किया कि कैसे ब्रैंड्स और किराना ने आपस में मिलकर न केवल ग्राहकों की ज़रूरतों को पूरा किया बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए।
फ्लिपकार्ट में कस्टमर ग्रोथ एंड एंगेजमेंट की वाइस प्रेसीडेंट, नंदिता सिन्हा ने कहा कि इस त्योहारी सीजऩ में फ्लिपकार्ट का उद्देश्य समुदाय की ताकत को फिर से बहाल करने का था। ग्राहकों से मिली ज़बरदस्त प्रतिक्रिया से वैल्यू चेन से जुड़े सभी लोगों को रिकवरी की शुरुआत का संकेत मिला है। टीबीबीडी 2020 विक्रेताओं, कारीगरों, किराना स्टोर्स और विशमास्टर्स, सभी की भागीदारी से संभव हुआ है। इन्होंने ग्राहकों तक ऐसी सेवा पहुंचाई, जिसकी तुलना नहीं की जा सकती। उम्मीद है कि मांग और खपत में दिखाई दी यह वृद्धि टीबीबीडी के बाद भी बनी रहेगी क्योंकि हम पूरे ईकोसिस्टम को बेहतर बनाना जारी रखेंगे। यह पहला पूरी तरह वर्चुअल टीबीबीडी भी था क्योंकि हमने खुद को ‘न्यू नॉर्मल’ के हिसाब से तैयार किया है। इसकी सफलता के पीछे सभी वर्टिकल्स और जगहों पर हमारी टीमों द्वारा की गई कड़ी मेहनत का हाथ है।
इस साल टीबीबीडी में पिछले साल की तुलना में विक्रेताओं की संख्या में 1.5 गुना की बढ़ोतरी देखी गई। इनमें से 35 प्रतिशत से अधिक विक्रेताओं ने टीबीबीडी 2019 की तुलना में 3 गुना अधिक बिक्री की। करोड़पति विक्रेताओं की संख्या 1.5 गुना हो गई और लखपति विक्रेताओं की संख्या में 1.7 गुना की वृद्धि हुई। कोविड-19 के बाद फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस पर 40,000 विक्रेता लखपति बने। यह ई-कॉमर्स पर एमएसएमई के भरोसा को दर्शाता है। इस बिग बिलियन डेज़ में छोटे शहरों के छोटे व्यापारियों की काफी बिक्री हुई। इस बिग बिलियन डेज़ में 35 प्रतिशत से अधिक नए विक्रेता जुड़े जिसमें से लगभग 60 प्रतिशत टियर 2 और टियर 3 शहरों से थे। कारीगरों और बुनकरों के लिए लाए गए फ्लिपकार्ट समर्थ प्रोग्राम से जुडऩे वालों की संख्या में 7 गुना वृद्धि देखी गई। यह प्रोग्राम 7 गुना ज्यादा शहरों तक पहुंचा। समर्थ विक्रेताओं का 60 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा टियर 2 और उसके बाद की श्रेणी वाले शहरों से आता है। इसमें हैंडलूम कॉटन साडिय़ों और घर की सजावट आदि श्रेणियों ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।