निशुल्क स्त्री रोग चिकित्सा परामर्श एवं पीसीओएस पर व्याख्यान

उदयपुर : जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संघटक विभाग डिपार्टमेंट ऑफ़ कंप्यूटर साइंस एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और मदन मोहन मालवीय राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, उदयपुर से सम्बद्ध राजवैद्ध प्रेमशंकर शर्मा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के स्नातकोत्तर प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग विभाग के सयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय निशुल्क स्त्री रोग चिकित्सा परामर्श एवं पीसीओएस और मासिक धर्म संबंधी विकार विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया I
संस्थान निदेशक प्रो. मंजू माण्डोत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि उक्त कार्यक्रम में अध्यनरत बीसीए, एमसीए , एमएससी, पीजीडीसीए की छात्राए सम्मिलित हुई एवं चिकित्सको द्वारा दी गई स्वास्थ्य समबन्धित जानकारी से लाभान्वित हुई I मुख्य अतिथि डॉ नरेन्द्र कुमार मीना, एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभाध्यक्ष ने उपस्थित छात्राओ को पीसीओएस के विभिन्न लक्षणों जैसे स्वाभाव में बदलाव, गर्भधारण में समस्या, थकावट रहना, बालो का झड़ना, अनियमित मासिक धर्म, वजन का बढ़ना, त्वचा सम्बन्धी समस्या, अनचाहे अंगो पर बाल उगना, इन्सुलिन प्रतिरोध इत्यादि के बारे में बताया तथा इनसे बचाव के तरीको से अवगत करायाI पी जी अध्येता डॉ अनीता मायल, डॉ शिवानी जायसवाल तथा डॉ कोमल ने भी उपयोगी जानकारी प्रदान की I कार्यक्रम में डॉ गुणबाला आमेटा, डॉ मनीष श्रीमाली, डॉ भारतसिंह देवड़ा, डॉ गौरव गर्ग, डॉ प्रदीपसिंह शक्तावत, डॉ भरत सुखवाल, डॉ दिलीप चौधरी, डॉ प्रेरणा भाटी, डॉ प्रीती अग्रवाल, डॉ विनीता श्रीमाली, डॉ रेखा दरबार, डॉ रीना मेनारिया उपस्थित थे I

Related posts:

सामान्य सिरदर्द भी हो सकता है किसी बीमारी का संकेत : डॉ. मनीष कुलश्रेष्ठ

बरसों पुराने साथी फिर से मिले तो सभी के दिल खिले

Hindustan Zinc Becomes the World’s Largest Integrated Zinc Producer

विश्व जनजाति दिवस पर उदयपुर को मिलेगी सौगात

हिंदुस्तान जिंक ने मात्र 1 वर्ष में 0.8 मिलियन गीगाजूल से अधिक ऊर्जा बचत की

ग्रेनाइट की जोखिम भरी पहाड़ियों पर नजर आए तेंदुए

डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के संरक्षक सदस्य मनोनीत

कम्पोस्टेबल उत्पाद : प्लास्टिक का पर्यावरण-अनुकूल विकल्प और भविष्य की राह

तप अभिनंदन समारोह आयोजित

उन्नत भारी जल रिएक्टर पर एक दिवसीय सेमिनार सम्पन्न

श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा की पहली बैठक

अणुव्रत आंदोलन से ही नैतिक जीवनोत्थान