हिन्दुस्तान जिंक द्वारा पोषण और स्वास्थ्य के लिए की जा रही पहल के माध्यम से 3.7 लाख से अधिक महिलाएं और बच्चे लाभन्वित

राजस्थान में लगभग 2 हजार नंद घर बच्चों को शुरुआती पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान कर रहे
110 गाँवों में, मोबाइल हेल्थ वैन से स्तनपान, कुपोषण से बचाव और एनीमिया के बारे में कर रहे जागरूक
उदयपुर :
दुनिया की सबसे बड़ी जिंक उत्पादक और शीर्ष 5 सिल्वर उत्पादकों में से एक, हिन्दुस्तान जिंक बुनियादी स्तर पर पोषण और स्वास्थ्य को बढ़ावा दे रही है, जिससे राजस्थान में करीब 3.7 लाख महिलाऐ और बच्चे लाभान्वित हो रहे है। कंपनी प्रदेश में लगभग 2000 नंद घरों के जरिए बड़ा बदलाव ला रही है। इन नंद घरों में पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की सुविधाएँ दी जाती हैं। पोषण माह 2025 के दौरान, हिन्दुस्तान जिंक ने चार मोबाइल हेल्थ वैन के माध्यम से राजस्थान में अपने संचालन क्षेत्रों में स्तनपान, कुपोषण, एनीमिया और संतुलित आहार के बारे में लोगो को जागरूक किया। इसके साथ ही, स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए, वेदांता जिंक सिटी हाफ मैराथन का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें दुनिया भर के हजारों धावक फिटनेस के लिए दौड़ेंगे और “जीरो हंगर” के उद्धेश्य को बढ़ावा देंगे।


अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख पहल, नंद घर, आंगनवाड़ियों को आधुनिक रूप देकर विकसित किये गए हैं। इन्हें एकीकृत बाल विकास सेवाओं के साथ मिलकर, चार मुख्य स्तंभों- पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ और महिला सशक्तिकरण पर बनाया गया है। हर नंद घर में डिजिटल लर्निंग टूल, सौर ऊर्जा, शुद्ध पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाएँ मौजूद हैं, साथ ही महिलाओं के लिए कौशल विकास के अवसर भी उपलब्ध हैं। हिन्दुस्तान जिंक के आस पास के संचालन क्षेत्रों में, करीब 2 हजार नंद घर, बच्चों के शुरुआती विकास, माताओं के बेहतर स्वास्थ्य और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण में सहायता कर रहे हैं, जिससे लगभग 3.7 लाख महिलाएं और बच्चे लाभान्वित हो रहे है।
पोषण और स्वास्थ्य की समझ को क्लासरूम और सामुदायिक केंद्रों से आगे ले जाते हुए, वेदांता जिंक सिटी हाफ मैराथन एक ऐसा मंच बन गया है जो फिटनेस को एक उद्देश्य के साथ जोड़ता है। भारत की सबसे सुंदर मैराथन के रूप में जानी जाने वाली, इसकी पहली मैराथन में दुनिया भर से 5 हजार से अधिक धावकों ने हिस्सा लिया, जिसमें दिव्यांग बच्चों के लिए रेस विद चैंपियंस का भी आयोजन किया गया और नंद घर के रन फाॅर जीरो हंगर अभियान को भी बढ़ावा मिला। 21 सितंबर को पोषण माह 2025 के दौरान होने वाली इसकी दूसरी मैराथन भी समुदायों को साथ लाने, फिटनेस को बढ़ावा देने और पोषण देने व कुपोषण मुक्त समुदाय के महत्व को बताने किये महत्वपूर्ण है।
पोषण माह के दौरान, हिन्दुस्तान जिंक ने चार मोबाइल हेल्थ वैन को स्वास्थ्य सेवा पहल के तहत 110 गाँवों में जानकारी प्रदान करने हेतु तैनात किया है। इन वैन के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों, स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। इस पहल का ध्यान स्तनपान, कुपोषण, एनीमिया से बचाव और संतुलित आहार पर था। हेल्दी थाली मॉडल के जरिए, स्वास्थ्य में लगातार सुधार के लिए सरल और स्थानीय पोषण तरीकों को समझाया गया।
पोषण और बच्चों की शुरुआती देखभाल के अलावा, हिन्दुस्तान जिंक महिला सशक्तिकरण, स्थायी आजीविका, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच, और खेल व कौशल विकास के क्षेत्रों में सामाजिक पहलों के माध्यम से समुदायों को मजबूत कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2025 तक, इन पहलों से 2,300 से अधिक गाँवों में 23 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। हिन्दुस्तान जिंक भारत के शीर्ष 10 सीएसआर निवेश में से एक कंपनी है, यह दर्शाता है कि किस प्रकार उद्योग बड़े स्तर पर समावेशी और स्थायी विकास ला सकते हैं।

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