ऊर्जा संरक्षण दिवस पर, दोहराई कार्बन उत्सर्जन कम करने की प्रतिबद्धता
उदयपुर : कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए हिंदुस्तान जिंक ने ऊर्जा संरक्षण दिवस पर अपने परिचालन में लगातार तीसरे वर्ष नो व्हीकल डे मनाया। कंपनी के सभी कर्मचारी और व्यावसायिक साझेदार सार्वजनिक परिवहन, इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग, साइकिल या पैदल चलकर कार्यालय पहुंचे। ऊर्जा की खपत को अनुकूलित करने और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए ऑटोमोबाइल प्रदूषण को कम करने के बारे में जागरूकता इसका बड़ा उद्देश्य था।
सप्ताह में आयोजित नो व्हीकल डे के दौरान जिंक परिवार ने बिजली उपकरणों का सदउपयोग, ऊर्जा प्रबंधन पर प्रशिक्षण सत्र, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, साइकिल रैली जैसी विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर इसमें सक्रिय भूमिका निभायी। इन गतिविधियों में सभी ने उत्साह से भागीदारी की, उन्हें पर्यावरण-योद्धा बनने के लिए प्रेरित किया।
वेदांता समूह की कंपनी और भारत में जिंक, सीसा और चांदी की सबसे बड़ी और एकमात्र एकीकृत उत्पादक हिंदुस्तान जिंक को एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट द्वारा धातु और खनन क्षेत्र में शीर्ष 3 सस्टेनेबल कंपनियों में स्थान दिया गया है। जिम्मेदार विकास के प्रति कंपनी का समर्पण सस्टेनेबल लक्ष्य 2025 के माध्यम से प्रदर्शित होता है। नए युग की प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम सेे 2050 तक नेट शून्य उत्सर्जन के अपने मूल दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में कंपनी निरंतर अग्रसर हैं।