हिन्दुस्तान जिंक ने जंग के खिलाफ जिंक जागरूकता अभियान के साथ आईआईटीएफ 2025 में किया सफल प्रदर्शन

दर्शकों को पसंद आने वाले गैल्वनाइजेशन डेमो, इंटरैक्टिव क्विज और शानदार भागीदारी ने शोकेस को सफल बनाया
आईआईटीएफ 2025 में 1 लाख से अधिक आगंतुकों ने कंपनी के जंग के खिलाफ जिंक’ अवेयरनेस ड्राइव में लिया हिस्सा
उदयपुर :
विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक और शीर्ष पाँच वैश्विक चाँदी उत्पादकों में से एक, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने 44वें इण्डिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर 2025 में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की। हिन्दुस्तान जिंक ने माइनिंग पवेलियन में आकर्षक और बेहद लुभावना शोकेस प्रस्तुत कर आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कंपनी का मुख्य कैंपेन, ‘जंग के खिलाफ जिंक’, लोगों को वाहनों, इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजमर्रा की चीजों को जंग से बचाने में गैल्वनाइजेशन की अहमियत के बारे में बताने के लिए डिजाइन किया गया था। इस एक्टिवेशन ने सभी आयु समूहों के आगंतुकों की मजबूत भागीदारी को आकर्षित किया, जो उनमें पुरानी यादों की गहरी भावना जगाने में कामयाब रहा।
एक विंटेज प्रिया स्कूटर को दिलचस्प विजुअल सेंटरपीस के तौर पर रखा गया था, जिसने दर्शकों के साथ तुरंत इमोशनल जुड़ाव बनाया। इस असरदार सेटअप ने साफ तौर पर दिखाया कि कैसे गैल्वनाइजेशन जंग के खिलाफ लड़ाई जीतता रहता है, जिससे लंबे समय तक सस्टेनेबल और भरोसेमंद परफॉर्मेंस सुनिश्चित होता है।
इस वर्ष, हिन्दुस्तान जिंक ने गैल्वनाइजेशन को एक नए, आकर्षक तरीके से दिखाया, जिसमें एक पुरानी स्कूटर की संरचना को दो विपरीत हिस्सों में विभाजित किया गया था। एक गैल्वनाइज्ड और दूसरा नॉन-गैल्वनाइज्ड, इस आकर्षक तुलना ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि जिंक गैल्वनाइजेशन सतहों को जंग और क्षरण से कैसे बचाता है, जिससे विजिटर्स को सस्टेनेबल, सुरक्षा और लंबी अवधि के इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती पर गैल्वनाइजेशन के वास्तविक प्रभाव को समझने में सहायता मिली।
खनन मंत्रालय की संयुक्त सचिव, फरीदा नाइक ने इस अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि, “‘जंग के खिलाफ जिंक’ बिलकुल वैसा ही है जैसा सार्वजनिक जागरूकता के लिए होना चाहिए। यह एक्टिवेशन अपनी स्पष्टता, भागीदारी और नागरिकों से जुड़ने की क्षमता में अद्भूत था। इसने एक टेक्निकल कॉन्सेप्ट को समझाने वाले, असरदार सीख में बदल दिया,जो आसानी से माइनिंग पवेलियन का मुख्य शैक्षिक आकर्षण था।”
कोरोजन और गैल्वनाइजेशन के बारे में लोगों की जागरूकता को और बढ़ाने के लिए, हिन्दुस्तान जिंक ने ऑन-ग्राउंड बातचीत की, जहाँ विजिटर्स ने कुछ आसान सवालों के जवाब दिए और जिंक के महत्व और इस प्रोसेस के अफोर्डेबिलिटी पर चर्चा की। जिसका रिस्पॉन्स बहुत अच्छा था, लगभग 2 हजार से अधिक पार्टिसिपेंट्स ने क्विज को पूरा किया, जिसने स्टील की सुरक्षा में जिंक की भूमिका के बारे में लोगों की समझ के बारे में कीमती जानकारी प्रदान की। हिंदुस्तान जिंक के स्टॉल में प्रभावशाली 1 लाख से अधिक लोगों ने दौरा किया, जो अभियान द्वारा उत्पन्न मजबूत रुचि को दर्शाता है।
कंपनी के शोकेस के बारे में हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि, इस साल आईआईटीएफ में, हमारा लक्ष्य गैल्वनाइजेशन के जरूरी कॉन्सेप्ट को लोगों के लिए आसान, विजुअल और गहराई से समझने लायक बनाना था। ‘जंग के खिलाफ जिंक’ एक्टिवेशन ने जबरदस्त तरीके से दिखाया कि जंग से बचाव कितना जरूरी है, न सिर्फ रोजमर्रा की जिंदगी में, बल्कि हमारे नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने और विकसित भारत में योगदान देने में भी। हमें मिली उत्साहजनक प्रतिक्रिया गैल्वनाइजेशन पर सार्वजनिक जागरूकता की तत्काल आवश्यकता को पुष्ट करती है, और हमें इस महत्वपूर्ण बातचीत का नेतृत्व करने पर गर्व है।
गैल्वनाइजेशन अवेयरनेस ड्राइव के अलावा, विजिटर्स के लिए और भी आकर्षण थे, जिसमें भारत के क्रिटिकल मिनरल मिशन और ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशन में महत्वपूर्ण मिनरल्स की भूमिका पर आरएफआईडी-इनेबल्ड इंटरैक्टिव इंस्टॉलेशन, रामपुरा आगुचा माइन और चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर का वर्चुअल एक्सपीरियंस देने वाला एआर वीआर माइन टूर, और प्रोडक्ट जोन जिसमें स्पेशल हाई ग्रेड जिंक, 99.997 प्रतिशत प्योर सिल्वर और इकोजेन, एशिया का पहला लो-कार्बन ग्रीन जिंक शामिल था। कंपनी के एग्जिबिट में इसके फ्लैगशिप सोशल इम्पैक्ट परियोजना सखी और उपाया के प्रोडक्ट्स भी दिखाए गए, जो कम्युनिटी एम्पावरमेंट और ग्रामीण आजीविका के लिए कंपनी के कमिटमेंट को दर्शाते हैं।
आईआईटीएफ 2025 में हिन्दुस्तान जिंक की उपस्थिति एक बार फिर भारत के क्रिटिकल मिनरल मिशन को आगे बढ़ाने, जंग की रोकथाम और सामग्री सुरक्षा पर जागरूकता को बढ़ावा देने और विकसित भारत के लिए दीर्घकालिक, टिकाऊ बुनियादी ढाँचे के समाधानों की वकालत करने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।