उदयपुर। सस्टेनेबिलिटी हिन्दुस्तान की अंतःस्थापित प्रणाली में है एवं स्थायी प्रथाओं और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। जिम्मेदार खनन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराते हुए, कंपनी को सीओपी 26 बिजनेस लीडर की मान्यता प्रदान की गई है। कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए कंपनी द्वारा विज्ञान आधारित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है।
हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में जिंक अपने परिचालन से कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए ग्लोबल प्रेक्टिस को अंगीकार करने और उसे निरंतर संधारण के लिए प्रतिबद्ध है। विज्ञान आधारित तकनीक से हमें स्थायी दिशानिर्देश को निर्धारित करने में सहायता मिली है जिससे निश्चित तौर पर कंपनी द्वारा समग्र ऊर्जा खपत को कम करने, सुरक्षित भविष्य एवं ब्रांड वैल्यू बढ़ाने की उम्मीद है।
व्यवसाय के विस्तार के साथ ही विज्ञान-आधारित लक्ष्यों को पूरा करने की चुनौती को स्वीकार करते हुए जिंक ने कार्बन उत्सर्जन कम करने हेतु निरंतर प्रयास किये है। कंपनी पर्यावरणीय अनुकूल तरीकों का उपयोग करते हुए ऊर्जा और वेस्ट के कुशल उपयोग की दिशा में निवेश कर रही है। कंपनी की ऊर्जा क्षमता 349 मेगावाट है, जिसमें 275 मेगावाट पवन ऊर्जा , 40 मेगावाट सौर क्षमता और 34 मेगावाट अपशिष्ट ताप से प्राप्त ऊर्जा शामिल है जिन्हें गोल्ड स्टैंडर्ड प्राप्त हैं।
पिछले 17 वर्षों में, हिंदुस्तान जिंक ने परियोजनाओं का विस्तार कर 3 बिलियन से अधिक का निवेश किया है एवं 1.2 मिलियन टन की खनन धातु क्षमता प्राप्त की है, जिससे राज्य और राष्ट्र के विकास में मूल्य वृद्धि हुई है। कंपनी की इकाइयों में 19,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है एवं ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट द्वारा ग्रेट प्लेस टू वर्क सर्टिफाइड है। कंपनी देश की जीडीपी में 0.53 प्रतिशत एवं राजस्थान राज्य की जीडीपी में लगभग 1.8 प्रतिशत का योगदान दे रही है।
जिंक ने गुणवत्ता और दक्षता मानकों के अनुरूप धीरे-धीरे अपनी क्षमताओं और उत्पाद संविभाग में वृद्धि की है। कंपनी की मान्यता है कि सफलता सस्टेनेबिलिटी से ही संभव है। कंपनी सामूहिक सहभागिता एवं विकास की भावना के अनुरूप उद्धेश्यों को ध्यान में रखकर सस्टेनेबल माइनिंग और दीर्घकालीन पर्यावरण सरंक्षण एवं सामुदायिक विकास से परिचालन करती है। सस्टेनेबल माइनिंग हेतु निरंतर प्रयासों के लिए हिन्दुस्तान जिंक को डॉव जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स द्वारा एशिया पेसिफिक मंे पहला स्थान मिला है, 2.41 गुना वाटर पॉजिटिव कंपनी, लगातार 4 वर्षो से एफटीएसई4गुड इंडेक्स की सदस्य एवं जलवायु संरक्षण हेतु सीडीपी द्वारा ए स्कोर प्राप्त है।
हिंदुस्तान जिंक ने सस्टेनेबिलिटी लक्ष्य 2025 के लिए सर्वागींण दृष्टिकोण को सम्मिलित किया है जिसके तहत् कंपनी अगले पांच वर्षो में और अधिक सकरात्मक बदलाव हेतु कार्य करेगी। अगले पांच वर्षो में कंपनी सस्टेनेेबल विकास के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए और अधिक उत्कृष्ट कार्य हेतु अवसरों को क्रियान्वित कर कार्बन प्रभावों को कम करने हेतु विशेष बल देगा। सीओपी26 बिजनेस लीडर्स का उद्देश्य आर्थिक क्षेत्र के उन विशिष्ट और अनुभवी अग्रणी उद्योग समूह को आगे लाना है जो कि मूल्य आधारित एवं जलवायु सरंक्षण हेतु दृष्टिकोण को प्रतिपादित करने की दिशा में अग्रसर हो।
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