हिन्दुस्तान जिंक द्वारा देबारी में एआई सक्षम हॉटस्पॉट मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित

इस एआई तकनीक से दक्षता बढ़ेगी और डाउनटाइम खत्म होगा
उदयपुर :
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने अपनी उत्पादन क्षमता और दक्षता को बढ़ाने के लिए राजस्थान के देबारी में अपने स्विचयार्ड में एक एआई सक्षम हॉटस्पॉट मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किया है। यह सिस्टम इलेक्ट्रिकल उपकरणों की विश्वसनीयता और दक्षता को बेहतर बनाने में मदद करेगा। यह डिजिटल समाधान बिजली के उतार-चढ़ाव का रियल-टाइम पता लगाता है और वाट्सअप और ईमेल के जरिए अलर्ट भेजता है। इसके अलावा, यह ऑन-प्रिमाइसेस और क्लाउड प्लेटफॉर्म दोनों से कार्य करता है।
यह सिस्टम अनियोजित शटडाउन को नियोजित मेंटेनेंस में बदल देता है, जिससे उत्पादन में लगने वाला समय बढ़ता है और उत्पादन दक्षता में सुधार होता है। इस एप्लीकेशन को गुरुगांव के एक स्टार्टअप रिपीक.एआई के साथ मिलकर विकसित किया गया है। ट्रायल के दौरान मिले फीडबैक के आधार पर इसे बेहतर बनाया गया है। यह सॉल्यूशन समस्याओं का पहले ही पता लगा लेता है, जिससे कंपनी के कुल उत्पादन घाटे में लगभग 20 प्रतिशत की कमी आई है।
इस सिस्टम को क्लाउड और इलेक्ट्रिकल एससीएडीए, सुपरवाईज़री कंट्रोल एण्ड डाटा एक्विजेशन रूम दोनों से आसानी से एक्सेस किया जा सकता है, जिससे टीम संभावित समस्याओं पर तुरंत प्रतिक्रिया दे पाती है। हिन्दुस्तान जिंक अपनी सभी इकाइयों में ऐसी एआई संचालित निगरानी और ऑटोमेशन समाधान लागू करने की योजना बना रहा है, जिससे परिसंपत्ति का अधिकतम उपयोग हो सके।
हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि स्विचयार्ड और रेक्टिफायर हॉटस्पॉट मॉनिटरिंग एप्लीकेशन बेहतर परिचालन की दिशा में हमारा एक और कदम है। हम मानते हैं कि डिजिटल नवाचार धातु और खनन के भविष्य को आकार देने की कुंजी है। एआई संचालित निगरानी और पूर्वानुमानित सिस्टम को लागू कर, हम न केवल उत्पादन दक्षता बढ़ा रहे हैं, बल्कि अपनी सभी इकाइयों में स्केलेबल और तकनीक-उन्मुख संचालन की नींव भी मजबूत कर रहे हैं।
हिन्दुस्तान जिंक सुरक्षा, दक्षता और स्थिरता बढ़ाने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग कर रहा है। कंपनी ने एक अपनी तरह का पहला डिजिटल सहयोग केंद्र भी बनाया है जो सभी व्यावसायिक इकाइयों के डेटा का विश्लेषण करता है और तुरंत जानकारी प्रदान करता है। हाल ही में, कंपनी ने एआई संचालित कैमरा निगरानी प्रणाली भी लगाई है, जिससे परिचालन दक्षता 20से 30 प्रतिशत बढ़ गई है और मैनुअल हस्तक्षेप की आवश्यकता में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अलावा, कंपनी ने स्मेल्टिंग आॅपरेशंस में रोबोटिक ऑटोमेशन भी लागू किया है, जिससे सटीकता बढ़ी है और उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर हुई है।

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