हिन्दुस्तान जिंक़ ने वित्त वर्ष 24 में 1800 करोड़ लीटर से अधिक मात्रा में पानी को रीसाइकल किया

यह मात्रा राजस्थान में लगभग 1 लाख घरों के वार्षिक उपयोग के बराबर                         

हिन्दुस्तान जिंक वर्तमान में 2.41 गुना वाटर पाॅजिटिव एवं जीरो लिक्विड डिस्चार्ज कंपनी

उदयपुर (डॉ. तुक्तक भानावत)। वल्र्ड वाटर डे के अवसर पर, भारत की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिं़क उत्पादक हिन्दुस्तान जिंक़ लिमिटेड  ने वित्त वर्ष 24 में 1800 करोड़ लीटर से अधिक मात्रा में पानी के रीसाइकल की घोषणा की है, जो राजस्थान में लगभग 1 लाख घरों के वार्षिक जल उपयोग के बराबर है। भारत के सबसे अधिक जल संकट वाले क्षेत्रों में से एक राजस्थान में परिचालन करते हुए, हिन्दुस्तान जिंक सस्टेनेबल वाटर मैनेजमेंट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है, जिसने 2.41 गुना वाटर पाॅजिटिव एवं जीरो लिक्विड डिस्चार्ज कंपनी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है। कंपनी ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज दृष्टिकोण को बनाए रखा है जो यह सुनिश्चित करता है कि प्रक्रिया जल और अपशिष्ट का उपचार, रीसाइकल और पुनः उपयोग किया जाए, जिससे लिक्विड डिस्चार्ज को समाप्त करते हुए शुद्ध जल पर निर्भरता काफी कम हो जाती है।

विश्व की सबसे सस्टेनेबल मेटल और माइनिंग कंपनी के रूप में, हिन्दुस्तान जिंक का जल संरक्षण के प्रति दृष्टिकोण परिचालन और समुदाय के नेतृत्व वाली जल प्रबंधन पहलों को शामिल करता है। विश्व जल दिवस से पहले, हिंदुस्तान जिंक ने राजस्थान के विभिन्न जिलों में परिचालन और सामुदायिक स्तर पर चल रही प्रमुख जल प्रबंधन पहलों का अनावरण किया। कंपनी द्वारा आने वाले सप्ताह में दुनिया के सबसे बड़े भूमिगत जिंक खनन परिचालन के केंद्र, रामपुरा आगुचा में 4,000 किलोलीटर प्रति दिन (केएलडी) जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट का उद्घाटन की योजना है। जिंक स्मेल्टर देबारी, दरीबा स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स, चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर और जावर ग्रुप ऑफ माइंस में मौजूदा जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट के साथ यह नई सुविधा जिम्मेदार जल प्रबंधन के कंपनी के विजन को और आगे बढ़ाती है।

वल्र्ड वाटर डे के अवसर पर हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा कि, हिंदुस्तान जिंक में, हम मानते हैं कि पानी सस्टेनेबल भविष्य की नींव है। हमारा जल प्रबंधन दृष्टिकोण परिचालन दक्षता से परे समुदायों और उद्योगों दोनों के लिए दीर्घकालिक जल सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। 2.41 गुना जल-सकारात्मक कंपनी के रूप में, हम सक्रिय रूप से जल संसाधनों को बढ़ाने और सुदृढ़ीकरण कर रहे हैं। हमारी रणनीति के मूल में स्थायी जल प्रबंधन को शामिल कर, हम औद्योगिक विकास और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को निभाते हुए एक साथ सस्टेनेबल विकास की ओर अग्रसर है।

अपनी परिचालन प्रतिबद्धताओं के साथ ही हिन्दुस्तान जिंक ग्राउण्ड वाटर रिचार्ज को बढ़ाने और ग्रामीण जल पहुंच में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर सामुदायिक जल पहल कर रहा है। भीलवाड़ा जिले के आगुचा में, हिन्दुस्तान जिंक ने आगुचा पंचायत में तालाब जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया है। यह परियोजना गांवों के आसपास की जैव विविधता को पुनर्जीवित करेगी, पानी की उपलब्धता बढ़ाएगी और लगभग 25,000 लोगों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी। राजसमंद जिले में, कंपनी ने 4 गांवों में 4 तालाबों के लिए तालाब गहरीकरण कार्य शुरू किया है, जिससे इन तालाबों की सामूहिक क्षमता 55,000 एम 3 या 550 लाख लीटर बढ़कर 10,000 से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं। अगले वित्तीय वर्ष में इस पहल को दो और तालाबों तक विस्तारित करने की योजना है। चंदेरिया में, हिन्दुस्तान जिंक ने एक लिफ्ट सिंचाई योजना शुरू की, जिससे 100 से अधिक किसानों को लाभ हुआ है। जिससे 50 एकड़ में नकदी फसल की खेती को सहयोग मिला और सस्टेनेबल कृषि के लिए पानी का कुशल उपयोग सुनिश्चित हुआ।

स्थायी जल प्रबंधन में अग्रणी कंपनी के रूप में, हिन्दुस्तान जिंक ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत उदयपुर का पहला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किया है, जो राजस्थान में एक अग्रणी पहल है जो प्रतिदिन 600 लाख लीटर अपशिष्ट जल उपचारित करता है। यह पहल जिंक सिटी उदयपुर की झीलों को प्रदूषित पानी से मुक्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जबकि अत्याधुनिक पाइपलाइन नेटवर्क के माध्यम से हिन्दुस्तान जिं़क के संचालन के लिए उपचारित जल की आपूर्ति करती है। इससे शुद्ध जल की खपत में काफी कमी आयी है।

अपने सामुदायिक पहल का विस्तार करते हुए, हिन्दुस्तान जिंक ने भीलवाड़ा जिले में चार ब्लॉक में बड़े पैमाने पर कृत्रिम भूजल पुनर्भरण परियोजना शुरू की है। तालाबों की सफाई, तटबंधों को मजबूत करने और 84 तालाबों में 358 पुनर्भरण शाफ्टों के निर्माण के माध्यम से, इस पहल ने 87 लाख क्यूबिक मीटर (या 8700 मिलियन लीटर) की भूजल पुनर्भरण क्षमता बनाई है, जो राजस्थान के शुष्क परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हिंदुस्तान जिंक की सामुदायिक विकास पहल में राजस्थान में पीने योग्य पेयजल उपलब्ध कराना भी शामिल है, जिसने वाटर आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट) और वाटर एटीएम के माध्यम से समुदायों को लगभग 4 मिलियन लीटर सुरक्षित पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की है।

राजसमंद में कंपनी ने अपनी तरह की पहली जल सखी पहल भी शुरू की है जो महिला सशक्तिकरण, उद्यमिता और स्वच्छ जल की उपलब्धता के तिहरे लक्ष्य को पूरा करती है, जिसमें महिलाओं के नेतृत्व वाले इस उद्यम ने समुदाय के लिए वाटर एटीएम संचालित करके लगभग 50,000 लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया है। इसके अतिरिक्त, हिन्दुस्तान जिंक़ ने वित्त वर्ष 24 में प्रदेश में 20 से अधिक जल-संकटग्रस्त गांवों में टैंकर के माध्यम से 150 लाख लीटर से अधिक पानी की आपूर्ति की है। समुदाय के सदस्यों के अनुसार, पीने योग्य पेयजल की उपलब्धता ने जल जनित बीमारियों में कमी दर्ज की है।

वेदांता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक़ लिमिटेड विश्व की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिं़क उत्पादक और तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक है। कंपनी 40 से अधिक देशों को आपूर्ति करती है और भारत में प्राथमिक जस्ता बाजार में लगभग 75 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है। हिन्दुस्तान जिंक को एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 द्वारा लगातार दूसरे वर्ष मेटल और माइनिंग श्रेणी में विश्व की सबसे सस्टेनेबल कंपनी के रूप में मान्यता दी गई है। कंपनी ने इकोजेन एशिया का पहला कम कार्बन ग्रीन जिंक भी लॉन्च किया, जो रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग करके उत्पादित किया जाता है, जिसका कार्बन फुटप्रिंट वैश्विक औसत से लगभग 75 प्रतिशत कम है। मेटल और माइनिंग उद्योग में अग्रणी कंपनी  के रूप में, हिन्दुस्तान जिंक सस्टेनेबल भविष्य के लिए ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण धातुएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण है।

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