डॉ. महेंद्र भानावत पंचतत्व में विलीन, अंतिम यात्रा में शामिल हुए सैंकड़ों लोग  

डॉ. महेंद्र भानावत को बेटियों और पुत्रवधू ने भी दिया कंधा

उदयपुर। राजस्थान के प्रख्यात लोककलाविज्ञ और उदयपुर के भारतीय लोक कला मंडल के पूर्व निदेशक डॉ. महेन्द्र भानावत का बुधवार को उदयपुर में अंतिम संस्कार किया गया। भानावत को उनके बेटे और पौते के साथ उनकी बेटियों और पुत्रवधू ने भी कंधा दिया। सुबह साढ़े नौ बजे न्यू भूपालपुरा स्थित उनके निवास आर्ची आर्केड से अंतिम यात्रा गाजे—बाजे के साथ रवाना हुई। इसमें शहर के विशिष्ट जन, प्रमुख लोग, प्रबुद्धजन, साहित्यकार, पत्रकार आदि शामिल हुए।


87 वर्षीय डा. भानावत की अंतिम यात्रा में उनके घर से उनके पुत्र—पुत्रवधू डॉ. तुक्तक भानावत—रंजना भानावत, बेटी डॉ. कविता मेहता एवं डॉ. कहानी भानावत और पौत्र शब्दांक—अर्थांक ने कंधा दिया। अशोक नगर मोक्षधाम पर भी बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल हुए।
साहित्यकार डा. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने कहा कि डा. भानावत लोक साहित्य के विश्वकोष थे। गीतकार इकराम राजस्थानी ने कहा कि डॉ. महेंद्र भानावत राजस्थान सहित देश की लोक संस्कृति के सच्चे संरक्षक एवं संवाहक थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन लोक कला व आदिवासी साहित्य को समर्पित कर दिया था। भोपाल के साहित्यकार वसंत निरगुणे ने कहा कि डॉ. भानावत राजस्थानी कला और संस्कृति के सबसे बड़े अध्ययेता थे। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है।


राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा ने कहा कि उनकी लिखी पुस्तकें और शोध पत्र राजस्थान के लुप्त हो रहे लोक व आदिवासी जीवन को जानने में सहायक होंगे। श्रमण संघीय दिनेश मुनि ने कहा कि डॉ. भानावत प्रख्यात लोककलाविज्ञ थे। वरिष्ठ मीडिया शिक्षक प्रो. संजीव भानावत ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनके निधन से भारतीय लोक साहित्य और परम्परा का एक सुनहरा अध्याय समाप्त हो गया है। लेखक सैयद हबीब ने कहा कि डॉ. महेंद्र भानावत के बिना अब लोक का मंच सूना हो गया है। उन्होंने कहा कि डा. भानावत ने अपनी पूरी जिंदगी लोक नाट्य को समर्पित कर दी, गवरी, भवई, रम्मत, तमाशा,कठपुतली जैसी राजस्थान की हर कला विधा में अपनी लेखनी की छाप छोड़ी।


अंतिम यात्रा शामिल हुए ये लोग :
ओसवाल सभा के कुलदीप नाहर, प्रकाश कोठारी, आनंदीलाल बंबोरिया, आलोक पगारिया, राजकुमार फत्तावत, फील्ड क्लब के सचिव उमेश मनवानी, राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, साहित्यकार डॉ. देव कोठारी, डॉ. श्रीकृष्ण जुगूनू, रंगकर्मी विलास जानवे, वरिष्ठ पत्रकार सुमित गोयल, ब्रजमोहन गोयल, डॉ. जेसी देवपुरा, डॉ. के. के. शर्मा, डॉ. धवल शर्मा, आर्ची ग्रुप के ऋषभ भाणावत, डूंगरसिंह कोठारी, राजीव जैन, किरण नागोरी, शांतिलाल मेहता, डॉ. कुंजन आचार्य, तेरापंथ समाज के कमल नाहटा, राजेंद्र नलवाया, अजय सरूपरिया, शैलेष नागदा, दिनेश सुहालका, रमेश सुहालका, हिम्मतसिंह चौहान, खुबीलाल मेनारिया, पंकज कनेरिया, आर्ची आर्केड के उपाध्यक्ष बसंत कुमार जैन, शिशिर वया, शांतिलाल नागौरी, कन्हैयालाल नलवाया, धर्मचंद्र नागौरी, विनय भाणावत, विनय सिंह कुशवाह, कवि प्रकाश नागौरी, उदयपुर मार्बल एसोसिएशन के रोबिन सिंह आदि मौजूद थे।
शाम को महाप्रज्ञ विहार में शोकसभा :
शाम को महाप्रज्ञ विहार में हुई शोकसभा में डॉ. भानावत को शहरवासियों ने पुष्पांजलि दी। इसमें उदयपुर शहर और जिले के अलावा बाहर के शहरों से भी डॉ. भानावत के मित्रगण, परिचित, रिश्तेदार आदि शामिल हुए। इस दौरान मावली के पूर्व विधायक धर्मनारायण जोशी, भाजपा नेता प्रमोद सामर, दलपत सुराणा, रजनी डांगी, अमित शर्मा, त्रिलोक पूर्बिया, करण जारोली, सुरेश गोयल, अनिल कटारिया आदि भी इसमें शामिल हुए। संचालक आलोक पगारिया ने किया। पौत्र अर्थांक ने दादाजी की यादें साझा की।

Related posts:

नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट के लिए खेल विशेषज्ञ उदयपुर पहुंचे, ग्राउण्ड्स का लिया जायजा

जिला कलक्टर ने किया खेरवाड़ा सीएचसी का निरीक्षण

Udaipur is getting ready for iStart-Ideathon on 5th Aug 2023

Kotak Securities launches Trade Free Pro Plan for equity traders with Pay Later at only 9.75% pa

परीक्षाओं के दबाव में जीवन को खोना हमारी सामाजिक विफलता : राजनाथ सिंह

“स्मृतियों की सुगंध से” पुस्तक का विमोचन

गौरीकांत शर्मा ने संभाला सूजस उपनिदेशक का पदभार

महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन का 39वां वार्षिक विद्यार्थी सम्मान समारोह

आयुष्मान आरोग्य मंदिर के 12 वे बेच का आवासीय प्रशिक्षण प्रारंभ

राजस्थान के पहले शोल्डर केडेवरीक ओर्थोप्लासी कोर्स का पिम्स उदयपुर में सफल आयोजन

Motorola launches its highly anticipated edge50 pro in India with the World’s first True Colour Came...

माँ-पुत्र दोनों का पहली बार चातुर्मास उदयपुर शहर में