सखी स्वयं सहायता से जुड कर अचार के व्यापार से पूरे हो रहे आसमां छूने के अरमान

हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग से ग्रामीण सखी महिलाएं बनी सशक्तिकरण की मिसाल
उदयपुर :
अजमेर जिले के कायड गांव की रहने वाली गुड़िया कंवर महिला सशक्तिकरण की मिसाल हैं। वह ढाई साल पहले हिन्दुस्तान जिंक की सखी परियोजना के तहत् संचालित उड़ान स्वयं सहायता समूह में शामिल हुई थी, जिसके बाद से वह अचार की यूनिट से जुड़कर कार्य कर रही है। गुडिया कंवर अपने परिवार के सहयोग से स्वयं सहायता समूह में शामिल हुईं जिसने उसे कार्य करने का अवसर देने और प्रभावी ढंग से बातचीत करने का अवसर प्रदान किया, जिससे समुदाय में उनकी पहचान और व्यक्तित्व विकास हुआ। वह अपने परिवार की आर्थिक और सामाजिक सशक्तिरण का आधार है। गुडियां कंवर की तरह ही कायड की अनिशा बानू भी हिन्दुस्तान जिंक के सखी परियोजना से जुड़कर अचार यूनिट में कार्यरत है जिसने उसे आत्मविश्वास देकर आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया है अनिशा अब आगे पढ़ाई कर अपने परिवार और समाज में सशक्तिरण की मिसाल बनना चाहती है जिसमें अब उसका परिवार भी उसके साथ है।
परिवार और समुदाय के सर्वागिंण विकास सुनिश्चित करने का दृष्टिकोण महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सामुदायिक विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित करना हिंदुस्तान जिंक की प्रतिबद्धताओं में से एक है।


सखी कार्यक्रम के तहत् वर्ष 2020 में कायड में अचार इकाई के रूप में लघु उद्यम स्थापित किया गया, जो स्थानीय महिलाओं को आय और आजीविका बनाने का अवसर प्रदान करता है। वर्तमान में 12 से 15 सखी महिलाएं कच्चे माल के प्रसंस्करण से लेकर तैयार उत्पादों की पैकेजिंग तक व्यवसाय के सभी क्षेत्रों में जुडी हैं। अचार इकाई में प्रसंस्करण, पैकिंग, भंडारण सुविधा और तैयार उत्पाद हेतु स्थान है। अपने उत्पाद को बाजार से जोड़ने के अधिक से अधिक अवसरों ने महिलाओं को अधिक स्वतंत्र और समाज में अधिक मान्यता के लिए प्रेरित किया है।
कायड में स्थित अचार यूनिट में आम का अचार, लिसोडा अचार, लेमन स्वीट, लेमन सॉर, हल्दी अचार, लहसुन का अचार, सिंघाडा अचार, मिक्स अचार और हरी मिर्च अचार सहित दस अलग-अलग प्रकार के अचार वर्तमान में बनाएं जाते हैं। 12 सखी इन अचारों के विक्रय और विपणन से जुडी हैं। ये सखी अचार इकाई में कार्य कर 4,500 से 6,000 रुपये प्रति माह अर्जित कर रही हैं। अब तक कुल 20,710 किलोग्राम अचार का उत्पादन किया जा चुका है। इसके अलावा, उनके पास एक मार्केटिंग टीम है जो अजमेर, दिल्ली, जयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और राजस्थान के अन्य स्थानों में अचार बेचने के लिए थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के साथ संबंध स्थापित करने के लिए कार्यरत है।


अचार की इकाई पूर्व में महिलाआंे द्वारा घर में ही द्वारा चलाई जाती थी, जिसने उनके सशक्तिकरण और उत्पादकता को सीमित कर दिया। हिंदुस्तान जिंक और मंजरी फाउंडेशन की दृढ़ पहल से ग्रामीण महिलाएं प्रेरित हुईं और परिणामस्वरूप, उन्हें व्यवसाय चलाने में विश्वास हुआ।
अचार इकाई में सखियों ने इस व्यवसाय में महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए अन्य महिलाओं के जीवन और कल्याण में सुधार करने की अपनी उल्लेखनीय क्षमता साबित की है। इन महिला व्यवसाय उद्यमियों ने सहयोगात्मक सामाजिक और सामुदायिक पहल को प्रोत्साहित किया है।
हिन्दुस्तान जिंक ग्रामीण महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से जोड कर उन्हें उद्यमी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हिन्दुस्तान जिंक अपने सामाजिक सरोकार के तहत महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए विगत 14 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का स्वंय सहायता समूह बनाकर उनक रूचि एवं आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण देकर समाज में अपनी अलग ही पहचान दिलाने का अनुठा प्रयास कर रहा है। फलस्वरूप इस अभियान से जुडी महिलाओं में अदम्य विश्वास मुखरित हुआ है।
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अपने संचालन में ना सिर्फ अपने सयंत्रों और खानों के विभिन्न विभागों में महिलाओं को पुरूषों के बराबर दर्जा है बल्कि आस पास के गांवों में संचालित की जा रही सखी परियोजना से जुडी महिलाएं समाज में कंधे से कंधा मिला कर परिवार के उत्थान के लिए कार्यरत है। अजमेंर जिलें में सखी परियोजना आज न सिर्फ स्वयं आत्मनिर्भर बन महिला सशक्तिकरण की मिसाल है बल्कि अपने आस पास की महिलाओं को समूहों से जोड़ कर उन्हें स्वावलंबन हेतु प्रोत्साहन देकर प्रेरित भी कर रही है।
अजमेंर जिलें में सखी प्रयास समिति में 5 ग्राम पंचायतों के 6 गावों से 144 स्वयं सहायता समूह संचालित है जिससे 1708 महिलाएं जुडी हुई है। इनकी कुल बचत 1 करोड 23 हजार है, इन्होंने 3 करोड 87 लाख 66 हजार का ऋण प्रदान किया जिसमें से 2 करोड 63 लाख 93 हजार पुर्नभुगतान कर दिया गया है। सखी प्रयास समिति से 392 सदस्यों को आजिविका संवर्धन से जोड़ा गया। वित्तिय सहयोग से 78 सखी माट विकसित किये गये। महिलाओं को आवश्यकतानुसार सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया।

Related posts:

उदयपुर से राम मंदिर के लिए पहली चांदी की ईंट अर्पित

थर्ड स्पेस में ओलंपिक फेस्टिवल 26 जुलाई से 11 अगस्त तक

Honda 2Wheelers India’s new dealership Daksh Honda welcomes customers in Udaipur

Zinc City set to groove to the tunes of Nitin Mukesh at Hindustan Zinc supported Srajan The Spark

लुप्त कला के संरक्षण हेतु बागोर की हवेली में लीथोग्राफी कार्यशाला का शुभारंभ

डेयरी फार्मिंग से हो रहा आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था का निर्माण

‘माई स्पेस श्रीनंदा’ एवं रेस्टोरेंट ‘अप द स्काई लॉज’ का शुभारंभ

आयुर्वेद पंचकर्म शिविर में चिकित्सकों व कार्मिकों का सम्मान

डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को जगन्नाथ रथयात्रा का आमंत्रण दिया

एचडीएफसी बैंक की नई शाखा का शुभारंभ

साधारण से लक्षणों से हो सकती किडनी की बीमारी : डॉ. आशुतोष सोनी

जिंक की समाधान परियोजना जावर क्लस्टर में पशु स्वास्थ्य के 30 शिविरों में 9297 पशुओं का हुआ इलाज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *