अब घर बैठे मिलेगी पशु चिकित्सा सुविधा
उदयपुर। पशुधन राजस्थान की सबसे बड़ी संपदा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार पशुपालकों को राहत देने के लिए कटिबद्ध है। पशुओं को बीमारी के समय त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार और राज्य सरकार के साझे में शुरू की गई मोबाइल वेटरनरी यूनिट के तहत अब एक और सौगात जोड़ दी गई है। इसके तहत प्रदेश में 108 की तर्ज पर पशु चिकित्सा के लिए 1962 कॉल सेंटर सेवा प्रारंभ कर दी गई है। इसके तहत पशु पालक 1962 पर फोन कर बीमार पशु की सूचना दे सकते हैं। संबंधित क्षेत्र की मोबाइल वेटरनरी यूनिट पशुपालक के घर पहुंच कर बीमार पशु का उपचार करेगी।
प्रदेश स्तर पर बुधवार को कॉल सेंटर का शुभारंभ जयपुर स्थित राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान परिसर में किया गया। वहीं उदयपुर जिले में चेटक सर्कल स्थित बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय परिसर में जिला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल और जिला प्रमुख ममता कुंवर के आतिथ्य में मोबाइल वेटरनरी यूनिट कॉल सेंटर का लोकार्पण हुआ।
योजना के तहत जयपुर स्थित राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान में कॉल सेंटर स्थापित किया गया है। पशुपालकों को अपने पशु के बीमार होने पर हेल्पलाइन नंबर 1962 पर कॉल कर पशुपालक का नाम, ग्राम, पशु एवं रोग के लक्षण आदि की जानकारी देनी होगी। कॉल सेंटर पर नियुक्त कार्मिक उक्त जानकारी को सिस्टम में दर्ज कर पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार टिकट जनरेट करेगा। इसकी सूचना पशुपालक तथा संबंधित क्षेत्र की मोबाइल वेटरनरी यूनिट के चिकित्सक के मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगी। साथ ही चिकित्सक के मोबाइल एप्पीकेशन पर भी प्रदर्शित होगी। पशु चिकित्सक, पैरा वेट (पशु कम्पाउंडर) तथा चालक कम हेल्पर मोबाइल वेटरनरी यूनिट वाहन के साथ पशु चिकित्सक के घर पहुंच कर बीमार पशु का उपचार करेंगे।
संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ शरद अरोड़ा ने बताया कि सरकार की ओर से प्रति एक लाख पशुधन पर एक मोबाइल वेटरनरी यूनिट का प्रावधान किया है। इसके अनुसार उदयपुर जिले में 27 मोबाइल यूनिट उपलब्ध कराई गई हैं। मोबाइल यूनिट का लोकार्पण फरवरी 2024 में हुआ। अब तक यह यूनिट प्रतिदिन दो गांवों में शिविर लगाकर पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रही थी, लेकिन अब कॉल सेंटर सेवा के आधार पर घर-घर पहुंच कर बीमार पशुओं का उपचार किया जाएगा।
कॉल सेंटर के शुभारंभ अवसर पर जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने पशुपालकों का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार ने पशुपालकों की सुविधा के लिए बहुत अच्छी पहल की है। उन्होंने कहा कि एक पशु पालक के लिए उसका पशु परिवार के सदस्य के समान होता है। पशु के बीमार होने पर उसकी आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होती है। कॉल सेंटर सुविधा से पशुपालकों को घर बैठे बीमार पशुओं के उपचार की सुविधा मुहैया होगी। पशुपालक जागरूक रहकर इसका लाभ उठाएं। जिला प्रमुख ममता कुंवर ने भी सरकार की इस पहल को स्वागत योग्य बताते हुए पशुपालकों को इससे लाभान्वित होने का आह्वान किया। प्रारंभ में संयुक्त निदेशक पशु पालन डॉ शरद अरोड़ा ने जिला कलक्टर व जिला प्रमुख का पगडी पहनाकर स्वागत किया। जिला कलक्टर व जिला प्रमुख ने परिसर में पौधरोपण भी किया। उपनिदेशक डॉ सुरेंद्र छंगाणी ने सहित विभागीय अधिकारी, चिकित्सक, पशुपालक तथा प्रशिक्षु विद्यार्थी उपस्थित रहे।
पशु बीमार हैं तो डायल करें- 1962
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