उदयपुर। शहर के देहलीगेट से धोलीबावड़ी जाने वाली रोड पर गुरूवार को नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण हटाया। इस दौरान वहां पर दुकानदार और उसके परिवारनों ने भारी विरोध किया। हंगामे की स्थिति के बीच भारी भीड़ जमा हो गई। जानकारी के अनुसार गुरूवार सुबह नगर निगम की टीम देहलीगेट के अंदर धोलीबावड़ी रोड पर पहुंची और चना, मुगफली व अन्य सामग्री बेचने की दुकान पर कार्रवाई शुरू की। टीम के साथ धानमंडी पुलिस और नगर निगम के सुरक्षाकर्मी थे।
निगम के राजस्व अधिकारी नितेश भटनागर, सीआई मांगीलाल डांगी के साथ टीम ने जैसे ही दुकान ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू की दुकान मालिक और उसके परिजनों ने विरोध शुरू कर दिया। विरोध के बीच निगम की टीम ने तर्क दिया कि निगम की तरफ से विधिक प्रक्रिया पूरी करते हुए दुकानदार से स्वामित्व संबंधित दस्तावेज मांगे लेकिन वह प्रस्तुत नहीं कर पाया। निगम ने पूरा समय दिया। बाद में सुरक्षाकर्मियों और पुलिस ने उनको वहां से हटाया और दुकान को ध्वस्त कर दिया।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम ने हुसैना बाई, यूसूफ और अन्य के नाम नोटिस के साथ विधिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद कार्रवाई की। निगम आयुक्त ने 24 मई और 11 जुलाई को नोटिस जारी कर इनको अपने स्तर पर अतिक्रमण हटाने को कहा। निगम का कहना है कि दुकान के दक्षिण में सडक़ की पर्याप्त चौडाई नहीं होकर दुकान से सडक़ भूमि पर भी अतिक्रमण किया हुआ हैं। इसके अलावा पश्चिम और पूरब में सार्वजनिक सडक़ 30 और 40 फीट चौड़ी है। दक्षिण मे सडक़ मात्र 26 से 27 ही फीट रह गई है और यहां पर अतिक्रमण दुकान का है। इस दुकान में पिछले समय ही भयावह आगजनी घटित हुई थी। घनी आबादी के बीच भट्टी लगाकर व्यापार करना तथा उससे होने वाले प्रदूषण से आम जन के स्वास्थ्य के प्रतिकुल प्रभाव का भी नगर निगम ने तर्क दिया। इस मामले को लेकर सिविल न्यायालय उदयपुर शहर उत्तर ने भी बेदखली के आदेश पारित किए थे।