सनातन संस्कृति की विरासत परमार्थ : खराड़ी
दिव्यांगों के सशक्तीकरण में सरकार व समाज के प्रयास सराहनीय : जैन
उदयपुर। जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि भारतीय जीवन पद्धति में संस्कारों का बड़ा महत्व है और इन संस्कारों में भी परमार्थ सर्वोपरि है। यह बात उन्होंने शनिवार को नारायण सेवा संस्थान के सेवा महातीर्थ परिसर में निशुल्क दिव्यांग चिकित्सा शिविर के उदघाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम सनातन संस्कृति की विरासत है, जिसे बनाए रखते हुए हमें देश के विकास में योगदान देना है। उन्होंने उपस्थित जन समुदाय से अपील की कि वे दिव्यांगों एवं समाज के कमजोर वर्ग के सशक्तिकरण में आगे आएं।

अध्यक्षता करते हुए शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि एक समय था जब विकलांग को अभिशप्त माना जाता था, लेकिन सरकार और समाज के सम्मिलित प्रयासों से अब विकलांग दिव्यांग रूप में समाज की मुख्यधारा के साथ परिवार और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के सशक्तिकरण की दिशा में नारायण सेवा संस्थान पिछले 35 वर्षों से महत्वपूर्ण काम कर रहा है। इस संस्था की शुरुआत हर घर से एक मुट्ठी आटा इकट्ठा करने के साथ हुई थी। मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि खेरवाड़ा के पूर्व विधायक नानालाल अहारी, भाजपा एस.सी मोर्चा की जिलाध्यक्ष पम्मी पहाड़िया, भाजपा महिला मोर्चा की महामंत्री डॉ. सोनिका जैन, देहात जिला मंत्री भंवर भट्ट, समाजसेवी तुषार मेहता, अनिल अग्रवाल और अनिल हरकावत ने सर्जरी के लिए भर्ती दिव्यांगों से मुलाकात के साथ ही उन्हें फल, व्हीलचेयर एवं नारायण कृत्रिम अंग वितरित किए।
आरंभ में संस्थान के संस्थापक चेयरमैन कैलाश ‘मानव’ एवं अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने मेवाड़ी पाग, उपरणा व स्मृति चिन्ह प्रदान कर अतिथियों का अभिनंदन किया। ट्रस्टी निदेशक देवेंद्र चौबीसा ने संस्थान की 40 वर्षीय सेवा यात्रा की जानकारी दी । अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नारायण सेवा संस्थान ने विश्व में उदयपुर का गौरव बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। कार्यक्रम का संयोजन महिम जैन तथा आभार प्रदर्शन संस्थान के मीडिया प्रभारी विष्णु शर्मा हितैषी ने किया।