इन्दिरा आईवीएफ ने किया राजस्थान को गौरवान्वित : डॉ. रघु शर्मा

101वें सेंटर ‘गया’ बिहार का डिजिटल माध्यम से किया उद्घाटन
उदयपुर।
नि:संतातना उपचार के क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी फर्टिलिटी चैन इन्दिरा आईवीएफ के 101वें हॉस्पिटल का बिहार के गया शहर में वर्चुअल प्लेटफार्म पर मुख्य अतिथि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने फीता काटकर उद्घाटन किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि राजस्थान सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अजय मुर्डिया, इन्दिरा मुर्डिया, सीईओ डॉ. क्षितिज मुर्डिया, डायरेक्टर नितिज मुर्डिया, स्टाफ सहित कई लोग उपस्थित रहे।
इन्दिरा आईवीएफ का बिहार में बेगूसराय, भागलपुर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर और पटना के बेली रोड और कंकड़बाग के बाद यह 7वाँ हॉस्पिटल है। इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप को बधाई देते हुए डॉ. सी.पी. ने कहा कि मेरे लिए यह गर्व का विषय है कि इन्दिरा आईवीएफ के पहले हॉस्पिटल का 2011 में उदयपुर में और 101वें हॉस्पिटल का गया बिहार में उद्घाटन करने का अवसर मुझे मिला। दस साल पुरानी यादें ताजा हो गयी। नि:संतानता से प्रभावित दम्पतियों के दर्द को समझ कर उन्हें रियायती दरों में उच्चस्तरीय उपचार उपलब्ध करवाने का जो बीड़ा इन्दिरा आईवीएफ ने उठाया और उसे निष्ठापूर्वक अंजाम दे रहे हैं, यह एक मिसाल है।
डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि इन्दिरा आईवीएफ ने देश में विशेषतौर पर राजस्थान में नि:संतानता और इसके इलाज की जागरूकता के लिए जो प्रयास किये हैं वो नि:संतान दम्पतियों को संतान सुख देने के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। इन्दिरा आईवीएफ ने नि:संतानता जैसे अनछुए पहलू की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने इन्दिरा आईवीएफ प्रबंधन से कहा कि नि:संतानता और इसके उपचार से जुड़े किसी कार्य में सरकार से किसी तरह की मदद की आवश्यकता हो तो वे सहयोग के लिए तैयार हैं।
डॉ. अजय मुर्डिया ने कहा कि जिस विजन के साथ इन्दिरा आईवीएफ की शुरूआत की गयी थी, वह रंग ला रही है। हमने अवेयरनेस, अफोर्डेबिलिटी, एक्सेसिबिलिटी और एक्यूरेसी इन चार स्तम्भों के सहारे उच्च सफलता दर से 85000 से अधिक सफल आईवीएफ प्रक्रियाएं की हैं। नि:संतान दम्पतियों पर बिना आर्थिक बोझ डाले उन्हें संतान सुख की ओर अग्रसर करने के लिए हम दृढ़ संकल्पित हैं। डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि हमारा लक्ष्य हर नि:संतान दम्पती को कम दरों में उनके आसपास विश्वस्तरीय उपचार उपलब्ध करवाना है। नि:संतान दम्पतियों को उपचार प्रदान करने वाले डॉक्टर्स और एम्ब्रियोलॉजिस्ट को प्रशिक्षण देने के लिए हमने इन्दिरा फर्टिलिटी अकेडमी की स्थापना की ताकि पूरे देश में एक समान और सफल उपचार दिया जा सके। नितिज मुर्डिया ने कहा कि ग्रुप ने आईवीएफ विशेषज्ञों और अपनी अत्याधुनिक तकनीक से आईवीएफ प्रक्रियाओं में असाधारण सफलता दर हासिल की है। आज इन्दिरा आईवीएफ जिस शिखर पर हैं वहां तक पहुंचने में यहां के डॉक्टर्स, एम्ब्रियोलॉजिस्ट और स्टॉफ का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। मरीज की समस्या को ध्यान में रखकर उपचार प्रक्रिया का निर्धारण आईवीएफ में सफलता को बढ़ाता है। आज देश के 21 राज्यों में हमारे हॉस्पिटल्स में 200 से ज्यादा स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स, 125 से ज्यादा एम्ब्रियोलॉजिस्ट तथा 2000 से ज्यादा स्टाफ सेवाएं दे रहे हैं। इन्दिरा आईवीएफ की स्थापना की प्रेरणास्त्रोत इन्दिरा मुर्डिया ने कहा कि हम प्रयास करते हैं कि इन्दिरा आईवीएफ से जुडऩे वाले प्रत्येक दम्पती के घर खुशियों का जन्म हो। एक महिला के लिए मातृत्व की खुशी को हम समझते हैं इसलिए कोशिश करते हैं कि श्रेष्ठ उपचार से किसी भी महिला की गोद सूनी नहीं रहे।

Related posts:

Micro-loans – Helping poor households and businesses survive and thrive in challenging times

Zinc wins three recognitions at Global Sustainability Leadership Awards

ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास से जोडकर आत्मनिर्भर बनाने में जिंक की महत्वपूर्ण भूमिका

अपनों को दें खुशियों और देखभाल का तोहफा

FIMI appoints Hindustan Zinc CEO - Arun Misra as Chairman of Sustainable Mining Initiative - a Susta...

जेके टायर ने हुंडई मोटर इंडिया के साथ अपनी ओईएम साझेदारी को और मजबूत किया

राजस्थान फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा देबारी में राज्य अंडर-17 बालिका शिविर का सफल आयोजन

हिंदुस्तान जिंक प्रतिष्ठित एसएंडपी ग्लोबल प्लैट्स ग्लोबल मेटल अवार्ड से सम्मानित

HDFC Bank named India’s Best SME Bank by Asiamoney

Jaypore.com and Creative Dignity Launch Second Edition of Artisan Direct Campaign in Rajasthan

वित्तीय वर्ष 25 में वेदांता का मुनाफ़ा 172 फीसदी बढ़कर रु. 20,535 करोड़ पर पहुंचा

गर्भावस्था के शुरुवाती नुकसान के बाद भी मातृत्व सुख