उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अपने कार्यरत अधिकारियों को वर्तमान समय के अनुसार ज्ञान अर्जन, कौशल विकास और कार्य करने के दौरान उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए वर्क इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम की शुरूआत की गई है। यह दो वर्ष का कार्यक्रम बिट्स पिलानी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के वर्चुअल शुभारंभ पर चीफ ह्यूमन ऑफिसर हिन्दुस्तान जिंक कविता सिंह ने कहा कि ज्ञानार्जन की कोई उम्र या सीमा नहीं है। अर्जित किए ज्ञान को कार्यस्थल पर कुशलता से लागु करें ताकि गुणवत्ता और कार्य के प्रति हमारी समझ में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद जीवन में और अधिक अनुशासन की आवश्यकता होगी। इसे सभी को सुअवसर के रूप में लेकर अमल में लाना होगा ताकि इसे सफलता मंे बदला जा सके।
निदेशक, ऑफ कैम्पस प्रोग्राम एण्ड इण्डस्ट्री मैनेजमेंट बिट्स पिलानी, प्रो. जी सुदंर ने कहा कि एक बार फिर से विद्यार्थी बनकर आपके पास शिक्षा अर्जन का सुअवसर आया है जिसे पूर्ण समर्पण से पूरा करना आवश्यक है। हेड लर्निंग एण्ड स्कील डेवलपमेंट रवि गुप्ता ने बताया कि डब्ल्यूआईएलपी के अंतर्गत एमबीए फाईनेन्स में 26, बिजनेस एनलिटिक्स में 55 अधिकारी इसमें प्रशिक्षित होंगे। कार्यक्रम में डीन बिट्स पिलानी प्रो. गुरूनारायण, गु्रपलीड फॉर मैनेजमेंट प्रोग्राम प्रो. कृष्णा मूर्ति, प्रो. गौरव नागपाल, गौरव गाबा ने भी विचार व्यक्त किये।
ज्ञातव्य है कि जुलाई 2020 में हिन्दुस्तान जिंक द्वारा डब्ल्यूआईएलपी के अंतर्गत अपने 37 अधिकारियों को आईआईएम उदयपुर से उच्च शिक्षा हेतु दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस एडमिनिसटेªशन का अवसर प्रदान किया जा चुका है।