निर्जरा भावना, बोद्धि दुर्लभ भावना, धर्म भावना तथा लोक भावना पर कार्यशाला

उदयपुर। तेरापंथ धर्मसंघ की विदुषी साध्वी शासनश्री मधुबालाजी की विशेष प्रेरणा से अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में स्थानीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में जप, तप, ध्यान, स्वाध्याय के पायदान निरन्तर चढ़ते जा रहे हैं। इसी कड़ी में इस माह चार भावनाओं का विश्लेषण करने का निर्देश केन्द्र से मिला जिसेे क्रियान्वित किया जा रहा है। शुभारंभ मण्डल संरक्षिका कंचन सोनी ने नमस्कार महामन्त्र के उच्चारण से किया। मीनल इंटोदिया ने मंगलाचरण का संगान किया। अध्यक्ष श्रीमती सुमन डागलिया ने सबके सुस्वास्थ्य की मंगलकामना करते हुए स्वागत उद्बोधन दिया।  
कार्यक्रम में रोचकता लाने एवं ज़्यादा से ज़्यादा बहनों को जोडऩे के लिए अलग अलग विषयों पर महिलाओं को बोलने का अवसर प्रदान किया गया। इसमें मण्डल संरक्षिका इंदुबाला पोरवाल, लाड़ कंठलिया एवं श्रीमती उषा चव्वाण ने भक्तामर के पद्य का संगान किया। श्रीमती चंद्रा बोहरा ने मण्डल की गतिविधियों की जानकारी दी। अ.भा. तेरापंथ महिला मंडल की सदस्या श्रीमती हेमलता नाहटा ने संक्षिप्त में सभी भावनाओं की जानकारी दी। केन्द्र द्वारा निर्देशित बारह भावना कार्यशाला के अन्तर्गत प्रति माह चार भावनाओं का गहन विस्तृत स्पष्टीकरण किया जाता है। उसी क्रम में सर्वप्रथम निर्जरा भावना को कहानी के माध्यम से नियति कंठालिया ने विश्लेषित किया। बोद्धि दुर्लभ भावना पर महक कोठारी ने, धर्म भावना पर आज़ाद तलेसरा ने, लोक भावना पर मधु चव्हाण ने सरल सहज तरीके से प्रकाश डाला। चारों ही भावनाओ को ऑडियो एवं वीडियो के माध्यम से विभिन्न ग्रुप्स में सर्कुलेट किया गया। वीडियो बनाने में श्रीमती अंतिमा सिंघवी का सहयोग रहा। कार्यक्रम में संगीता चपलोत, सरोज सोनी,  मुनमुन सुराणा, सीमा पोरवाल, सीमा मांडोत, केसर पोरवाल का भी सहयोग रहा। मंत्री श्रीमती सीमा बाबेल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। 

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