कलाकारों को संबल देने के लिए कश्ती फाउंडेशन बना रहा ‘तैराकी’ फीचर फिल्म

उदयपुर। हर मेवाड़वासी को प्रकृति द्वारा दी गई नैसर्गिक सौगात के साथ अपने समृद्ध व गौरवमयी इतिहास और अपने पुरखों द्वारा छोड़ी गई सदियों पुरानी धरोहर पर गर्व है। हमारी कला-संस्कृति को संरक्षित करने और उसे देश- दुनिया तक पहुंचाने के काम में इस अंचल के हजारों कलाकार और संस्कृतिप्रेमी जुटे हुए हैं। यद्यपि इन्हीं कलाकारों व साहित्यकारों को संबल प्रदान करने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा कई योजनाओं व कार्यक्रमों को चलाया जा रहा है तथापि आज भी मेवाड़-वागड़ के साथ पूरे राज्य में ऐसे कई कलाकार-साहित्यकार है जिन्हें उनके कला-कौशल के लिए उचित पहचान प्राप्त नहीं हुई है। ऐसे कलाकारों को पहचानने, उन्हें तराशने और संबल प्रदान करते हुए कला, साहित्य व संस्कृति संरक्षण की उदात्त पहल कश्ती फाउंडेशन कर रहा है। इसी उद्देश्य से फाउंडेशन द्वारा एक फीचर फिल्म ‘तैराकी’ का निर्माण किया जा रहा है। यह जानकारी गुरूवार को आयोजित प्रेसवार्ता में फाउंडेशन के संरक्षक और बालीवुड फिल्मों के निर्माता डॉ. अजय मुर्डिया ने दी।


उन्होंने कहा कि मेवाड़ व देश के जरूरतमंद कलाकारों को मंच प्रदान करते हुए कश्ती फाउंडेशन मूर्त रूप दे रहा है। लेकसिटी ने अब बालीवुड की ओर भी रूख कर लिया है और इंदिरा इंटरप्राइसेस के बैनर तले बॉलीवुड फिल्मों के निर्देशक महेश भट्ट और विक्रम भट्ट के साथ चार फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत पहली रोमांटिक फिल्म ‘तुमको मेरी कसम’, इंदिरा आईवीएफ की कहानी पर आधारित होगी। इसी प्रकार ऐतिहासिक फिल्म रण, वाइल्ड लाइफ थ्रिलर विराट और रोमांटिक फिल्म ‘तू ही मेरी पूरी कहानी’ आदि शीर्षकों से है। इसके लिए कहानी लेखन, स्टारकास्ट आदि फाइनल की जा चुकी है और पिछले दिनों मुंबई में फिल्मों की शूटिंग भी प्रारंभ हो चुकी है।
तैराकी फिल्म की निर्माता व कश्ती फाउंडेशन की प्रमुख श्रद्धा मुर्डिया ने कहा कि मेवाड़ में विलुप्ति के कगार पर जा रही कलाओं को आज भी सैकड़ों कलाकार सहेजे है परंतु उन्हें न तो अपेक्षित रूप में सरकारी प्रश्रय व प्रोत्साहन मिल पा रहा है और न ही उन्हें वह गौरव प्राप्त हो रहा है जिसके वे वास्तविक हकदार है। इस प्रकार के कलाकारों को उचित मंच देने की दिशा में कश्ती फाउंडेशन द्वारा जिला मुख्यालय और जिले के कई सरकारी स्कूलों में अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। मुर्डिया ने बताया कि फाउंडेशन ने गत दिनों शहर के कलाधर्मियों द्वारा कला सृजन पर संध्या चिंतन, शब्दाभिषेक, शिवम कला प्रदर्शनी, फोटो प्रदर्शनी एवं कार्यशाला, अर्बन स्कैचर्स की स्कैचिंग एक्टिविटी, स्कैच प्रदर्शनी, कलारोहण, गुड टच, बैड टच कार्यशाला, मेरी माटी-मेरा देश व अमृत कलश यात्रा, बर्ड वॉचिंग व कार्यशाला, उदयपुर स्टोरी फेस्टिवल, विज्ञान एवं जीवन कौशल प्रदर्शनी, राम कहानी व रोम रोम में राम कार्यक्रम, राम रन, रामाभिषेक, द फेमस फैंटेस्टिक पिल पर नाटक प्रस्तुति, शास्त्रीय संगीत कार्यशाला, करीबखाना सहित कई प्रकार के आयोजन किए हैं। फाउंडेशन द्वारा जिले के 5 सरकारी स्कूलों में भी विभिन्न कार्यक्रमों और डोनेशन के माध्यम से बच्चों के शैक्षिक उत्थान व करियर निर्माण के प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से आयोजित करने के लिए ‘तैराकी’ फीचर फिल्म का निर्माण किया जा रहा है । तैराकी फिल्म सामाजिक मुद्दों पर आधारित एक स्पोट्र्स ड्रामा है और इसके माध्यम से उभरते खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन देना ही मुख्य उद्देश्य है।
प्रेसवार्ता दौरान फिल्म के पटकथा लेखक व निर्देशक कुणाल मेहता ने फिल्म तैराकी की कहानी और इसके निर्माण में जुटे कलाकारों के बारे में जानकारी दी। मेहता ने बताया कि फिल्म में स्थानीय कलाकारों को ही स्थान दिया गया है। फिल्म आगामी 24 फरवरी को रिलीज की जाएगी।

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