युवाशक्ति महाराणा सांगा से प्रेरणा लेकर आत्महत्या जैसे कदम उठाने बच सकती है : लक्ष्यराजसिंह मेवाड़

बसवा में महाराणा सांगा की जयंती पर निकली 1111 कलश की भव्य शोभायात्रा
उदयपुर।
दौसा के बसवा कस्बे में जयपुर-दिल्ली मार्ग स्थित महाराणा सांगा के चबूतरे पर हिंदी तिथि के अनुसार शुक्रवार को वीर शिरोमणि महाराणा सांगा की जयंती धूमधाम-भक्तिभाव के साथ मनाई गई। मुख्य अतिथि महाराणा सांगा के वंशज और मेवाड़ पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने कहा कि महाराणा सांगा के शरीर पर 80 घाव थे। एक हाथ, एक पैर और एक आंख नहीं होने के बावजूद उनके ह्रदय में हमेशा स्वाभिमान, शौर्य और पराक्रम के लिए संघर्ष करते रहने की ज्वाला धधकती रही। युवा शक्ति महाराणा सांगा से संघर्ष की प्रेरणा लेकर जरा-जरा-सी हताशा पर आत्महत्या जैसे कदम उठाने से बच सकती है। अभिभावक कठोर परिश्रम कर लालन-पालन कर बच्चे को युवा बनाते हैं ताकि वे उनकी जीवन का मजबूत सहारा बन सकें।

उन्होंने ‘आंधी तूफानों में मेवाड़ ने झुकना नहीं सीखा, लाखों नंगी तलवारों के सामने झुकना नहीं सीखा, शीश कटने के बाद धड़ यहां लड़ा करते हैं, मेवाड़ ने कभी बिकना नहीं सीखा’ पंक्तियां पढ़ीं तो सभा स्थल तालियों से गूंज उठा। इससे पहले बसवा कस्बे से महाराणा सांगा के चबूतरे तक विशाल शोभायात्रा निकली, जिसमें 1111 महिलाएं कलश धारण कर चल रही थीं और युवा देशभक्ति के तरानों पर झूम रहे थे। लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ खुली जीप में सवार थे, जिनकी कदम-कदम पर अगवानी की गई।
आयोजन के सूत्रधार शक्तिसिंह बांदीकुई ने कहा कि श्रीएकलिंगजी ट्रस्ट के तहत इस भव्य चबूतरे का निर्माण कराया गया है। हॉल, रसोई, पेयजल जैसी तमाम सुविधाएं विकसित की गई हैं और कई सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इससे पहले लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि बसवा की पावन धरा को प्रणाम करते हैं। यहां उपस्थित मातृ शक्ति, युवा शक्ति और बड़े बुजुर्गों के जोश-उत्साह को देखकर जो प्रेम की अनुभूति हो रही है उसे शब्दों में बयां नहीं किया सकता है। मेवाड़ का पर्यायवाची स्वाभिमान, पराक्रम और शौर्य है, जिसकी असल वजह है कि मेवाड़ हमेशा स्वाभिमान के लिए न्यौछावर रहा है। मेवाड़ कभी-भी किसी के भी सामने दौलत के लिए नहीं झुका है और ना कभी झुकेगा। डॉ. मेवाड़ ने कहा कि ‘‘टूटने और बिखरने का चलन मांग लिया, हमने हालात से शीशे का बदन मांग लिया, हम भी खड़े थे तक़दीर के दरवाजे पर, लोग दौलत पे गिरे हमने वतन मांग लिया’, ये पंक्तियां मेवाड़ पर चरितार्थ हैं।

Related posts:

एसपी एवं एएसपी का नारायण सेवा ने किया स्वागत

Swarrnim Startup and Innovation University confers an Honourary degree of Doctorate in Literature up...

राजस्थान में एचडीएफसी बैंक की एमएसएमई लोन बुक ने अग्रिम में13000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया

Hindustan Zinc will be among the best companies in world : Chairperson

HDFC Bank signs MoU with SAIL for corporate salary relationship

एम1 एक्सचेंज की मदद से एमएसएमई एवं बड़े कॉर्पोरेट अपनी कार्यशील पूंजी बढ़ाएंगे

प्रदेश के सभी नगरीय क्षेत्रों और मण्डियों में मास्क पहनना अनिवार्य

नेक्सस सेलिब्रेशंस ने पेश किया नेक्सस ग्रैब

महाविद्यालय स्तर की भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का द्वितीय चरण सम्पन्न

एचडीएफसी बैंक ने भारत में 2 लाख से अधिक नागरिकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रक्रियाओं में बारे में...

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 3 अक्टूबर को सुविवि के दीक्षांत समारोह में लेंगी भाग

PIMS Psychiatry Residents Shine as Runners-Up in Intercollege Quiz on 5th Anniversary of Nasha Mukt ...