युगधारा धींग सम्मान समारोह में माधव नागदा और मीनाक्षी पंवार सहित सात सम्मानित

युगधारा विशिष्ट सम्मान बड़ीसादड़ी के कृष्णार्जुन पार्थभक्ति एवं हेमेन्द्र जानी को
उदयपुर :
युगधारा साहित्यिक सांस्कृतिक एवं वैचारिक संस्था उदयपुर का वर्ष 2025 का युगधारा धींग पुरस्कार समारोह जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ में कुलपति कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत की अध्यक्षता मे संपन्न हुआ। वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद सनाढ्य के मुख्य आतिथ्य में आयोजित समारोह में पूर्व जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल विशिष्ट अतिथि थे। युगधारा संस्थापक ज्योतिपुंज ने बताया कि समारोह में कुलपति, अतिथिगण युगधारा अध्यक्ष किरण बाला ‘किरन’ एवं संयोजक डॉ. दिलीप धींग ने माधव नागदा को कन्हैयालाल धींग राजस्थानी पुरस्कार और मीनाक्षी पंवार को उमरावदेवी धींग साहित्योदय पुरस्कार से उनकी उल्लेखनीय साहित्यिक उपलब्धियों हेतु मेवाड़ी पाग, शॉल, साहित्य, मुक्ताहार, सम्मान राशि, सम्मान पत्र, स्मृति चिह्न ओर कलम प्रदान करके सम्मानित किया। श्राविकारत्न उमरावदेवी धींग की स्मृति में चित्रांशी जारोली, अस्मिता पटेल और नेहल मेहता को जैन दिवाकर रजत पदक प्रदान किये गये।
किरण बाला ने सम्मान समारोह में बड़ीसादड़ी जिला चित्तौड़गढ़ के कवि एवं समाजसेवी कृष्णार्जुन पार्थभक्ति एवं हेमेन्द्र जानी की विशेष साहित्यिक प्रतिबद्धता हेतु युगधारा विशिष्ट सम्मान के तहत शॉल, पगड़ी, स्मृतिचिह्न एवं सम्मानपत्र से सम्मानित किया। कुलपति कर्नल सारंगदेवोत ने युगधारा और पुरस्कार प्रवर्तक डॉ. दिलीप धींग की साहित्यिक प्रतिबद्धता की सराहना की। प्रमोद सनाढ्य ने साहित्य व अध्यात्म के संगम पर बल दिया। मेघवाल ने शिक्षा और साहित्य का महत्व बताया। प्राकृत भाषा संस्थान चैन्नई के निदेशक डॉ धींग ने अवगत कराया कि यह पुरस्कार युगधारा के सान्निध्य में 21 वर्षों से प्रदान किए जा रहे हैं अब तक 29 साहित्यकारों को सम्मानित किया जा चुका है। धींग मुख्य रूप से बंबोरा निवासी हैं वर्तमान में चैन्नई में निवास करते हैं एवं प्रतिवर्ष अपने माता पिता की स्मृति में राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के पावन संस्कार के साथ यह आयोजन उदयपुर में आकर करते हैं। इस अवसर पर प्रणत धींग ने जियो और जीने दो कविता की प्रभावी प्रस्तुति दी। इस पर युगधारा ने प्रणत का सम्मान किया। युगधारा संस्था द्वारा डॉ दिलीप धींग का सपत्नीक सम्मान किया गया। साहित्यकारों का परिचय श्याम मठपाल, सूर्यप्रकाश दीक्षित एवं दीपा पंत शीतल ने प्रस्तुत किया । उपाध्यक्ष और बाल पत्रिका ‘बच्चों का देश’ के संपादक प्रकाश तातेड़ ने स्वागत उद्बोधन दिया। धन्यवाद महासचिव सिम्मी सिंह ने ज्ञापित किया। मोहनसिंह राणावत (बम्बोरा) ने विचार रखे। पूर्व अध्यक्ष अशोक जैन ‘मंथन’ ने संचालन किया। इस आत्मिक आयोजन को शहर के कई साहित्य अनुरागियों एवं परिवारजनों ने अपनी उपस्थिति से भव्यता प्रदान की।

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