रजत पालकी में सवार हो प्रभु श्री महाकालेश्वर ने किया जल विहार

उदयपुर। सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्री महाकालेश्वर रानी रोड़ पर श्रावण के तृतीय सोमवार पर आशुतोष भगवान श्री महाकालेश्वर रजत पालकी में सवार हो मंदिर परिसर में परिक्रमा करते हुए गंगा घाट पहुंचे जहां उन्हें जल विहार कराया गया।
प्रन्यास के सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि श्रावण मास के प्रारंभ होने पर भगवान रूद्र को प्रिय इस माह में स्थानीय महाकालेश्वर मंदिर के अन्तर्गत प्रात: से ही निज मंदिर में विशेष पूजा अर्चना कर रूद्री पाठ किया गया। भगवान महाकाल को विशेष श्रंृगार करा भोग धरा आरती की गई। श्रावण मास के तृतीय सोमवार के चलते मंदिर में कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करते हुए दर्शन व्यवस्था की गई। भक्तजनों ने मंदिर सभामण्डप से ही भगवान रूद्र के दर्शन कर घट से जलाभिषेक किया।
प्रन्यास के अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया तथा श्रावण महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुनील भट्ट ने बताया कि प्रात: अभिजीत मुर्हूत में प्रभु महाकालेश्वर के विग्रह स्वरूप को सूखे मेवे का श्रृंगार धराया गया। रजत पालकी में विराजमान कर मंदिर परिसर की परिक्रमा कराते हुए गंगा घाट पर ले जाया गया जहां प्रभु को जल विहार करा महाआरती की गई। रजत पालकी का विशेष श्रृंगार कमल चैहान, पुरूषोत्तम जीनगर, घनश्याम द्वारा किया गया। महोत्सव समिति के मीडिया प्रभारी गोपाल लोहार ने बताया कि इस बार पालकी को पहली बार महिला शिवभक्तों ने उठाया। महिलाओं ने पालकी के आगे शिव भजन गाते हुए नृत्य किया।
प्रन्यास उपाध्यक्ष महिम दशोरा ने बताया कि महिषासुर मर्दिनि का स्तोत्रम कर प्रभु महाकालेश्वर की आरती की गई। कार्यक्रम में विनोदकुमार शर्मा, महिपाल शर्मा, यतीन्द्र दाधीच, शंकर कुमावत, प्रेमलता लोहार आदि ने विभिन्न व्यवस्थाओं की देखरेख की। सामाजिक पहल की तहत् गुर्जर गौड़ समाज की अक्षपाद सेवा समिति की ओर से मंदिर की साफ सफाई, दर्शन व्यवस्था, गंगा घाट पर सवारी की व्यवस्था व दर्शनार्थ आने वाले शिवभक्तों को कोविड-19 की पालना के अन्तर्गत, मुंह पर मास्क, सेनेटाइजर, दो गज की दूरी आदि के बारे में अवगत कराया। सेवाओं में विनोद श्रौतिय, धरनीधर तिवारी, महिपाल शर्मा, विमल तिवारी, नरेश शर्मा, खेमशंकर शर्मा आदि ने सहयेाग किया।

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