उदयपुर। सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्री महाकालेश्वर में आज बसंत पंचमी के मौके पर मां सरस्वती व प्रभु श्रीमहाकालेश्वर के मुखारविंद को रजत पालकी में विराजमान कर दोपहर अभिजित मुर्हूत में पूजा अर्चना की गई।
प्रन्यास सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि मां सरस्वती व प्रभु महाकालेश्वर महादेव को सरसों के पीले फूल अर्पित कर केसरिया पीले पकवान, लड्डू का भोग लगाया गया। वसंत पंचमी माघ शुक्ल पंचमी को ज्ञान और बुद्धि की देवी माँ सरस्वतीजी के प्राकट्य दिवस के रूप मे जाना जाता है। भारतीय गणना के अनुसार वर्ष भर में पड़ने वाली छः ऋतुओं (बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर) में बसंत को ऋतुराज अर्थात सभी ऋतुओं का राजा माना गया है। बसंत पंचमी को विशेष रूप से सरस्वती जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस अवसर पर आशुतोष भगवान महाकालेश्वर का जलाभिषेक कर विशेष श्रृंगार कर केसरिया भात का भोग धराया गया। दोपहर में आरती की गई।
महाकालेश्वर में मनाया बसंतोत्सव
