पापी व्यक्ति को अगरबत्ती की तरह तिल-तिल जलना चाहिए

उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘रंगशाला’ के अंतर्गत रविवार को ‘अगरबत्ती’ नाटक का मंचन किया गया। दर्शकों से खचाखच भरे सभागार में इस प्रस्तुति को खूब सराहा गया।
पश्चिम क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र उदयपुर के निदेशक फ़ुरकान खान ने बताया की प्रति माह आयोजित होने वाली मासिक नाट्य संध्या रंगशाला के अंतर्गत समागम रंगमंडल जबलपुर मध्यप्रदेश द्वारा ‘अगरबत्ती’ नाटक का मंचन शिल्पग्राम उदयपुर स्थित दर्पण सभागार में किया गया। इस नाटक के लेखक आशीष पाठक एवं निर्देशक स्वाति दुबे है। यह नाटक वर्ण और लिंग के भेदभाव से जुड़े नारी अत्याचार के सुलगते प्रश्न खड़े करता है और फिर इनका समाधान प्रस्तुत करता है। अगरबत्ती भारतीय समाज में वर्ग, वर्ण और जेंडर के प्रश्न कों एकसाथ उजागर करने का प्रयास है। विषय वस्तु के तौर पर इन तीनों को नाटक में कहीं भी अलग अलग करके नहीं देखा जा सकता। रंगमंच प्रेमियों ने केन्द्र की प्रशंसा की और ऐसे आयोजन करने के लिए धन्यवाद किया। अंत में सभी कलाकारों का सम्मान किया गया।


इस नाटक में ठकुराईन का किरदार स्वाति दुबे, सुमन का शैवी सिंह, पार्वती का एकता चौरसिया, कौशल्या का वंशिका पाण्डे, लज्जो का अंजली शर्मा, दमयंती का हर्षिता गुप्ता, कल्ली का सृष्टि पोगड़े, नन्ही बाई का साक्षी गुप्ता, हीरा का मयूर तिवारी, सोहन सिंह का वंदित सेठी, लालाराम ठाकुर का हिमांशु तिवारी, सुर्जन ठाकुर का शिवाकर सापरे, शिवपाल ठाकुर का अर्पित खटीक, बंशी ठाकुर का हिमांशु तिवारी ने निभाया।  
कार्यक्रम में केन्द्र के सहायक निदेशक (वित्तीय एवं लेखा) दुर्गेश चांदवानी, सी.एल. सालवी,  राकेश मेहता, सिद्धांत भटनागर सहित शहर के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन दुर्गेश चांदवानी ने किया।
नाटक की शुरूआत अगरबत्ती के एक कारखाने से होती है। जहां उन ठाकुरों की विधवाएं काम करती है जिनकी फूलनदेवी द्वारा हत्या कर दी जाती है। पति की मौत का बदला लेने के लिए वह दमयंती कारखाने में काम करने वाली महिलाओं का ग्रुप बनाकर फूलन देवी की हत्या करने की योजना तैयार करती है लेकिन कोई भी उसका साथ नहीं देती है। तभी दमयंती बचपन में हुई चाइल्ड एब्यूज की घटना याद करती है और पति द्वारा किए गए गलत काम के लिए उसकी अस्थि भस्म को अगरबत्ती के मसाले में मिला देती है। इस दौरान दमयंती सोचती है कि जिस तरह पापी व्यक्ति पाप करते समय रहम नहीं करता है उसी तरह उस पापी को भी तिल-तिल कर अगरबत्ती की तरह जलना चाहिए।

Related posts:

महावीर युवा मंच द्वारा सांध्य दीपिकोत्सव आयोजित

डॉ. तुक्तक भानावत महावीर युवा मंच के अध्यक्ष निर्वाचित

जेके टायर ने अब तक का सबसे ज्यादा राजस्व दर्ज किया

बीएसएनएल के नाम से आ रहे फर्जी मैसेज, महाप्रबंधक ने कहा रहें सावधान

Hindustan Zinc partners with Institute of Chartered Accountant of India for the National Conference ...

चितरी, बडग़ी, गलियाकोट सहित 11 गाँवों के 6000 परिवारों को शुद्ध पेयजल पहुँचाने की योजना को मिली मंज़...

गीतांजली डे़न्टल एण्ड़ रिसर्च इंस्ट्टियूट में ओरियनटेशन कार्यक्रम का आयोजन

सात दिवसीय शिवमहापुराण कथा 31 से

हिन्दुस्तान जिंक के प्रधान कार्यालय में हर्षोल्लास से मनाया 77वां स्वतंत्रता दिवस

महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल की टीम ने बॉक्सिंग प्रतियोगिता में जीते पदक

उदयपुर में ज़मीन की माँग को लेकर औदीच्य समाज के प्रतिनिधियों ने की खोड़निया से  मुलाक़ात

शिव नारायण ज्वैलर्स ने 8 गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स® जीत कर इतिहास रच...