जल के लिए जनांदोलन की जरूरत : बीजेएस

साधु-संतों के साथ आमजन को जोडऩे का संकल्प
देश 23 संघटनाओं के हाथों में सौंपी बागडोर

उदयुपर। भारतीय जैन संघटना ने देश के सौ जिलों में जल की जटिल समस्याओं को दूर करनेे के लिए अभियान को जनांदोलन से जोडऩे का संकल्प लिया है। इसके लिए देश के ऐसे 23 संघटनाओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो बीते 25 सालों से बीजेएस से जुड़े हैं तथा गहन अनुभव भी रखते हैं। अब यह 23 संघटना इन जिलों में स्थित जल की जटिलाओं पर कार्ययोजना तैयार करेंगे। ये विचार बीजेएस के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में उभर कर सामने आये।
राष्ट्रीय अधिवेशन में हुए सत्र में भारतीय जैन संघटना के संस्थापक शांतिलाल मुथ्था ने कहा कि जब हम छोटे मोटे कार्य में साधु-संतों से आशीर्वाद लेते हैं तो इतना बड़ा अभियान साधु-संतों के सहयोग के बिना नहीं हो सकता है। ऐसे मे संघटना देशभर के साधु-संतों के अनुभवों को भी इस अभियान के साथ साझा करेगा। मुथ्था ने कहा कि इसका फायदा यह होगा कि इस अभियान को हम 25 सालों की तुलना में 05 सालों में ही पूरा कर लेंगे।
मुथ्था ने बताया कि देश में महज 04 फीसदी ही वाटर रिर्सोसेज है। इस लिहाज से बीजेएस का यह अभियान महत्वपूर्ण साबित होगा। अभियान में पूरी तरह से ईमानदारी और पक्के ईरादे से कार्य होगा, क्योंकि जिस कार्य में ईमानदारी और पक्के ईरादे का वास होता है, उस कार्य को करने के लिए भगवान को भी नीचे आना होता है। इस अवसर पर प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत, प्रदेश महामंत्री अभिषेक संचेती तथा कार्यक्रम संयोजक महेंद्र तलेसरा ने बताया कि बीजेएस द्वारा चयनित 23 संघटनाओं का मंच पर सम्मान किया गया। साथ ही सभी चयनित संघटनाओं ने अपने अनुभवों को साझा किया।
लुंकड़ राष्ट्रीय अध्यक्ष, फत्तावत राष्ट्रीय महामंत्री बने :


बीजेएस के दो दिवसीय अधिवेशन के दौरान राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा एवं शपथग्रहण समारोह हुआ। संस्थापक शांतिलाल मुथ्था ने ट्रस्टी प्रफुल्ल पारख, अध्यक्ष पद पर राजेन्द्र लुंकड़ के नाम की घोषणा की। उसके बाद अध्यक्ष ने पूरी कार्यकारिणी के नामों की घोषणा करते हुए उन्हें मंच पर बुलाया। मुथ्था की उपस्थिति में पूरी कार्यकारिणी ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। कार्यकारिणी में राजकुमार फत्तावत, दिनेश पालरेचा, पंकज चौपड़ा तथा राजेश खिनवासरा राष्ट्रीय महामंत्री, संप्रति सिंघवी, सुरेश पाटिल, ज्ञानचंद आंचलिया एवं गौतम बापना राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं संजय सिंह, अनिल रांका, निरंजन जुआ जैन, डी. के. जैन, दीपक नाहर, श्रवण दुग्गड़, प्रदीप संचेती एवं डॉ. हर्षिता जैन सदस्य मनोनीत हुए।
उदयपुर को मिला ओवरऑल बेस्ट चेप्टर का अवार्ड :


समारोह के हुई अवॉर्ड सेरेमनी में उदयपुर को ओवरऑल बेस्ट चैप्टर अवार्ड प्रदान किया गया। उदयपुर के लिए अवार्ड की घोषणा होते ही उदयपुरवासी खुशी से झूम उठे। प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत के साथ मंच पर पहुंचे टीम के सदस्यों ने ‘राणा की जय जय’, ‘शिवा की जय जय’ के नारों से पंडाल गुंजा दिया। उत्साह और खुशी के माहौल में राजकुमार फत्तावत एवं उनकी टीम ने यह अवार्ड भारतीय जैन संघटना के संस्थापक शांतिलाल मुथ्था के हाथों ग्रहण किया। उत्साह इतना चरम पर था टीम के कई साथी मंच के नीचे ढोल नगाड़ो के साथ नाचने लगे। इस दौरान अध्यक्ष मुथ्था ने श्रेष्ठ कार्य करने पर राजकुमार फत्तावत की प्रशंसा की।
संसाधनों को सहेजने से होगा संरक्षण :
प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि देश में पानी की जटिल समस्याओं का हल, जैन समाज एवं साधु साध्वियों की पहल विषय पर हुए सत्र में चयनित संघटनाओं में अधिकांश का यह मत था कि देश में महज 04 फीसदी ही वाटर रिसोर्सेज है, जो एक चिंता का विषय है। ऐसे में वर्तमान में जो संसाधन व स्त्रोत हैं उन्हें सहेजना बेहद आवश्यक है। यदि वर्तमान समय में ऐसा नहीं किया गया तो आगामी समय में यह चुनौतियां विकराल रूप धारण कर सकती है, जिसका परिणाम मानव जीवन को ही उठाना पड़ेगा। इसलिए यहां यह भी जरूरी हो जाता है कि हम इस अभियान को जन आंदोलन का रूप दें। इसमें साधु-संत ही नहीं बल्कि हर समाज हिस्सेदार बनें।
बेटियां बोली.. तो नहीं होता निर्भया-श्रद्धा कांड :


संघटना में स्मार्ट गर्ल-महिला सशक्तिकरण के सत्र में देशभर से आई मां-बेटियों ने अपने अनुंभव साझा किए। बेटियों ने बीजेएस के ऐसे अधिवेशनों पर कहा कि यदि यह पहले होते तो निर्भया और श्रद्धा कांड नहीं होते, वहीं उनकी माताओं का कहना था कि बीजेएस से जुडक़र आत्मविश्वास मजबूत हुआ है तो हमारी बेटियां आत्मनिर्भर हुई हैं। कर्नाटक की भावना कोठारी ने कहा कि मैं चार साल पहले जुड़ी। अब मैं अपने जीवन के सारे फैसले खुद लेने लगी हूं। मध्यप्रदेश से आई अमिता ने कहा कि स्मार्ट गर्ल प्रोग्राम बेटियों के लिए शादी से पहले और उसके बाद भी जरूरी है। बेटियों की शादी में 1 किलो सोना दो या ना दो, स्मार्ट प्रोग्राम जरूर देना चाहिए। स्मार्ट गर्ल प्रोग्राम आने के बाद सैकड़ों परिवार में पृष्ठभूमि बदल गई है। बेटियों ने कहा कि पहले हम एक बदमाश का मुकाबला नहीं कर सकती थी, लेकिन आज इस प्रोग्राम के आने के बाद एक साथ चार बदमाशों का मुकाबला कर सकती हैं। इस प्रोग्राम के बाद माता-पिता को भी बेटियों पर विश्वास और भरोसा हुआ है। इस अवसर पर स्मार्ट गर्ल प्रोग्राम पर आधारित 04 मिनट की वीडियो दिखाई गई।
देश से इन संघटनाओं का हुआ चयन :
अधिवेशन में पुणे से विलास राठौड़ एवं रमेश ओसवाल, अमरावती से सुदर्शन जैन, महाराष्ट्र से हस्तिमल बम्ब, नागपुर से रजनीश जैन, यूपी से मोहित जैन, विजयकुमार जैन एवं मनोज जैन, छत्तीसगढ़ से संतोष सावा, चेन्नई से राजेंद्र दुग्गड़, उटी से धनराज तातिया, सूरत से गणपत भंसाली व राजेश जैन, एमपी से विमलकुमार जैन व दिलीप दोशी, कर्नाटक से महावीर पारिख, बेंगलुरू से ओमप्रकाश लुणावत, होसपेट से राजेंद्र बुरहट, हैदराबाद से निर्मल सिंघवी, तेलंगाना से श्रीपाल देशलहरा, लुघियाना से रिचा जैन, जयपुर से राजकुमार बाफना व पीसी छाबड़ा का चयन हुआ।
हमारे बदलाव का परिणाम देश को समर्पित : बीजेएस


अधिवेशन के दूसरे सत्र में ‘भविष्य की पुनर्कल्पना’ में देशभर से जुटे संघटनाओं ने अनुभव साझा किए। तय किया कि बीजेएस के बैनर तले जो भी बदलाव होगे, उनके परिणाम देश को समर्पित होंगे। एडवाइजरी बोर्ड और नेशनल स्टेटजरी ग्रुप का गठन किया है। इसमें हम हमारे विजन को जमीनी स्तर पर लाएंगे। ट्रस्टी वल्लभ भंसाली ने कहा कि पढ़ाई मात्र एक प्रशिक्षण है विद्या नहीं। विद्या भारती जिसमें वेदना हो। हम रात को अपने कमरे में भी ठीक तरह से नहीं जा सकते तो फिर संसार में कैसे जाएंगे। संसार में जाने के लिए वेदना और संवेदनशीलता बहुत जरूरी है। इसके माध्यम से उन्होंने संदेश दिया कि 38 साल की इस यात्रा के बाद आने वाले समय में दुगनी ताकत से पानी और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करना है।


जैनराज जैन ने भारतीय जैन संघटना के बारे में कहा कि इस संगठन से जुडऩा यानी अपनी उम्र 40 वर्ष बढ़ाना है। यह संगठन इतनी ऊर्जा और सकारात्मकता देता है कि इससे व्यक्ति के सारे जीवनमूल्य ही बदल जाते हैं। उदयपुर की इस कॉन्फ्रेंस में हर एक को ऐसी ऊर्जा दी है कि वह दोगुनी रफ्तार से देश और समाज हित में काम कर सकता है। संजय जैन ने कहा कि संगठन में अब तक जो हुआ है वह तो केवल एक तरह से बॉडी बनी है अब आगे इस बॉडी के नीचे पहिये लगाने का काम होगा जिससे यह और दोगुनी तिगुनी रफ्तार से दौड़ सके। हमें सबको साथ में लेकर चलना पड़ेगा। आज का जमाना कंपटीशन का नहीं बल्कि कंट्रीब्यूशन का है।
नरेंद्र भाई ने कहा कि संगठन ने आज एक मुकाम हासिल कर लिया है अब हमें दूसरे मुकाम की यात्रा शुरू करनी है। बदलाव प्रकृति का नियम है। पहले हमें एक से दूसरे शहर या विदेश में बात करनी होती तो ट्रंककोल बुक कराते थे। आज समय बदला और मोबाइल पर झूम के माध्यम से कई लोगों से एक साथ बात कर सकते हैं। हमें बदलाव के लिए लक्ष्य के साथ काम करना होगा। कोलकाता से राजेश जैन ने कहा कि बीजीएस एक संगठन नहीं बल्कि एक विचार है एक समर्पण है। इसमें कई दिनों के मंथन के सीधे समाधान सामने लाने का प्रयास किया जाता है। हम सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पानी बचाने और मूल्यों की बात हम करते हैं उसे औरों के लिए ही नहीं बल्कि स्वयं के ऊपर भी लागू करना होगा। हर्षिता जैन ने कहा कि भारतीय जैन संघटना केवल जैनियों का ही नहीं हर भारतीय का संगठन है। संवेदनशीलता अगर जीवन में आ जाती है तो हम हत्या लूट बलात्कार जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में कामयाब हो सकते हैं। जैन संगठन इस पर बहुत ही बारीकी से काम कर रहा है। जैन संगठन की हर लडक़ी इस शिक्षा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर पूरा ध्यान दे रही है जिसकी वे स्वयं साक्षी है।
देंगे ईडब्ल्यूएस की जानकारी :
देशभर से जुटे संघटनाओं ने ज्वलंत मुददों पर चर्चा करते हुए कहा कि बेटियों की शादी से पहले स्मार्ट गर्ल प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा तथा उसके बाद ही उनके विवाह की रूपरेखा खिंची जाएगी। तर्क दिया गया कि वर्तमान में समाज में ऐसी कई स्थितियां बन जाती हैं, जहां कभी छोटी-छोटी बातों पर ही विवाह विच्छेद जैसी स्थितियां बन जाती है। ऐसे में समाज में पुर्नविवाह जैसी प्रथा ही समाप्त की जाएगी। विवाह से पहले ही बेटियों को इतना सक्षम बनाया जाएगा कि वे अपने जीवन की हर दहलीज पर आने वाली चुनौतियों का सामना कर सके। वहीं ईडब्लूएस को लेकर भी चर्चा हुई। बताया गया कि ईडब्ल्यूएस की जानकारी अधिकांश को नहीं है। जबकि, कई बच्चों को उच्च शिक्षा में प्रवेश सिर्फ ईडब्लूएस से ही मिल पाया है। बता दें, सरकार की तरफ से गरीब स्वर्ण को उच्च शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। आव्हान किया गया कि ईडब्ल्यूएस की जानकारी समाजजनों में दी जाएगी। संघटनाओं ने कहा कि बीजेएस की तरफ से परिवार को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जाता है। तय किया गया है कि देशभर में 1000 चैप्टर बनाए जाएंगे। उस दिशा में भी सभी प्रयासरत रहेंगे। ऐसे में सभी अध्यक्ष 18 जनवरी 2023 तक अधिकाधिक चैप्टर अपने राज्य एवं जिले में खोले।

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