उदयपुर। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे उदयपुर निवासी 60 वर्षीय रोगी का गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कार्डियक सेंटर ने अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक का उपयोग करते हुए सफल उपचार कर स्वस्थ जीवन प्रदान किया गया। गीतांजली हॉस्पिटल में चिकित्सा क्षेत्र में सभी उन्नत तकनीकों को अपनाकर कुशल कार्डियोलॉजिस्ट्स की टीम में डॉ. रमेश पटेल, डॉ. दिलीप जैन, डॉ. जय भारत द्वारा निरंतर रोगियों का उपचार किया जा रहा है।
डॉ. जय भारत शर्मा ने बताया कि 60 वर्षीय रोगी को 2 माह पूर्व बायपास होने के बावजूद भी दिल का दौरा पड़ा, जिसमें रोगी को निजी हॉस्पिटल द्वारा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रेफर किया गया। डॉक्टर्स की टीम ने एंजियोग्राफी कर पता लगाया कि रोगी के दिल में कैल्शियम की परत जम गई है, जिसका आधुनिक आई.वी.एल आई.वी.एल (इंट्रावास्कुलर लिथोट्रिपसी) तकनीक द्वारा सफलतापूर्वक इलाज कर रोगी की एंजियोप्लास्टी की गई और अगले दिन ही रोगी को छुट्टी दे दी गई। शॉकवेव कोरोनरी लिथोट्रिप्सी एक अनोखी प्रक्रिया है, जिसकी मदद से कोरोनरी आर्टरी डिजीज के एडवांस चरण वाले मरीज का भी इलाज करना संभव हो पाता है, जिनकी धमनी में कैल्शियम इकठ्ठा होने के कारण हार्ड ब्लॉकेज बन जाता है। शॉकवेव कोरोनरी लीथोट्रिप्सी एक एडवांस तकनीक है, जिसमे एक खास गुब्बारे को दिल की नसों द्वारा ले जाया जाता है, जिससे कि जमा हुआ कैल्शियम टूट जाता है।
डॉ. जय भारत ने बताया कि ह्रदय की धमनियों में कैल्शियम का जमा होना और केल्शिफाइड ब्लॉकेज होना हमेशा से ही ह्रदय रोग डॉक्टरों के लिए चिंता का विषय रहा है। उक्त रोगी की नाज़ुक स्तिथि को देखते हुए शॉकवेव लिथोट्रिप्सी तकनीक द्वारा इलाज करने की एक्सपर्ट कार्डियोलॉजिस्ट टीम द्वारा योजना बनायी गयी। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पिछले 16 वर्षों से सतत् रूप से एक ही छत के नीचे जटिल से जटिल ऑपरेशन एवं प्रक्रियाएं निरंतर रूप से कुशल डॉक्टर्स द्वारा की जा रही हैं। गीतांजली ह्रदय रोग विभाग की कुशल टीम के निर्णयानुसार रोगीयों का सर्वोत्तम इलाज हार्ट टीम अप्प्रोच द्वारा निरंतर रूप से किया जा रहा है जोकि उत्कृष्टा का परिचायक है।