आदित्य पुरी को यूरोमनी अवाड्र्स ऑफ एक्सिलेंस 2020 द्वारा लाईफटाईम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया

यह सम्मान पाने वाले एकमात्र भारतीय कॉर्पोरेट लीडर
उदयपुर।
 एचडीएफसी बैंक के एमडी, आदित्य पुरी को यूरोमनी अवाड्र्स ऑफ  एक्सिलेंस, 2020 द्वारा लाईफटाईम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया। यह पुरस्कार पाने वाले वे पहले भारतीय कॉर्पोरेट लीडर हैं। इस पब्लिकेशन ने यह पुरस्कार आदित्य पुरी को एक ऐसे समय में एक विश्वस्तरीय भारतीय बैंक के निर्माण के लिए दिया, जब इस तरह के अन्य संस्थान अस्तित्व में नहीं थे। इस ग्लोबल फाईनेंशल मैग्जीन द्वारा यह सम्मान उन्हें बैंकिंग के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय करियर के लिए दिया गया।
अपने एडिटोरियल में मैग्जीन ने लिखा-‘1994 से एचडीएफसी के निर्माण में आदित्य पुरी की सफलता को कुछ चीजों के न होने में मापा जा सकता है, जिनमें किसी घोटाले का न होना, किसी भी क्रेडिट के नुकसान का न होना तथा ड्रामा का न होना शामिल है। भारतीय बैंकिंग में आमतौर पर इन चीजों की कोई कमी नहीं। कभी क्रेडिटर बेईमानी कर जाते हैं, कभी जालसाजी व धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं और गिरफ्तारी के बाद जमानत का दौर चलता है लेकिन एचडीएफसी बैंक में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया और यह बैंक लगातार विकसित होता रहा।’
 आदित्य पुरी ने कहा कि मैं अपने सभी स्टेकहोल्डर्स के योगदान की सराहना करता हूँ, जो इस सफर में हमारे साथ रहे। मैं उनमें से प्रत्येक की तरफ  से इस सम्मान को स्वीकार करता हूँ। यह सफर उन सभी के योगदान के बिना संभव न हो पाता।
यूरोमनी ने लिखा-‘इसने अस्थिर समूहों को आकर्षक दिखने वाली परंतु जोखिमभरी लेंडिंग से खुद को बचाए रखा, अन्य संस्थान इस अल्पकालिक लाभ के लालच में पड गए, जिसके दीर्घकालिक परिणाम विनाशकारी हुए। इसीलिए यह बैंक देश में मार्केट कैपिटलाईजेशन में सबसे बड़ा बैंक बन गया, जिसका आकार स्टेट बैंक ऑफ  इंडिया के मुकाबले दोगुना है। 2012 तक निवेशक इस बैंक के प्रति इतने आसक्त हो गए थे कि इसका प्राईस-टू-बुक अनुपात न केवल भारत में, अपितु पूरी दुनिया में सर्वाधिक हो गया था।’ उल्लेखनीय है कि इस पूरे सफर में बैंक ग्राहक पर केंद्रित रहने, ऑपरेशनल एक्सिलेंस, प्रोडक्ट लीडरशिप, लोगों व सततता की अपनी मूल अवधारणा पर अडिग रहा।

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