पारस जे. के. हॉस्पिटल में विश्व हाइपरटेंशन डे मनाया
उदयपुर। पारस जे. के. हॉस्पिटल के डायरेक्टर एंड हैड व वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट डॉ. अमित खंडेलवाल ने कहा कि अमेरिका व चीन में हुई स्टडी में पाया गया कि कोविड से मरने वाले 90 फीसदी लोगों में मृत्यु का कारण हाइपरटेंशन रहा है। कोरोना काल में बीपी को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। इसकी जटिलताएं कई बीमारियों की वजह है। हाईब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन हार्ट, ब्रेन और किडनी को गंभीर क्षति पहुंचाता है। यह कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रोगियों के लिए साइलेंट किलर है। हाइपरटेंशन कोरोनरी आर्टरी की परतों को भी नुकसान पहुंचाता है।
विश्व हाइपरटेंशन डे पर डॉ. खंडेलवाल ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की थीम भी इस बार यही है कि अपने रक्तचाप को मापें। इसे नियंत्रित करें। अधिक समय तक स्वस्थ जीवन जियें। बीपी नापने के लिए आजकल कई लोग स्मार्ट वॉच का सहारा ले रहे हैं। एक छोटा सा दिखने वाला डिवाइस दिनभर के ब्लड प्रेशर को नापने में आपकी मदद जरूर करता है लेकिन हाइपरटेंशन के रोगियों को सटीक जांच के लिए डॉक्टर से ही बीपी जांच करवानी चाहिए। रिस्ट वॉच के आंकड़ों पर विश्वास नहीं किया जा सकता। इलाज के दौरान चिकित्सकीय उपकरणों में आए आंकड़ों से ही इलाज किया जाता है। ब्लडप्रेशर का एक मोटा ऑकलन करने तक ही स्मार्ट वॉच से बीपी नापना ठीक है। डॉ. अमित ने बताया कि बीपी नापने से पहले पांच मिनिट आराम करें। आधे घंटे पहले स्मोकिंग या कैफीन युक्त कोई तरल पदार्थ लिया है तो रीडिंग गलत आ सकती है। ब्लडप्रेशर की सही जांच के लिए डॉक्टर को दो-तीन बार ब्लड प्रेशर मापने की रिक्वेस्ट करें। उसके बाद उनका औसत देखें। कुर्सी पर सहारा लेकर रोगी को बिठाएं और हाथ को सीने के स्तर तक लाकर बीपी नापें।