नाथद्वारा : पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथजी की हवेली मे शुक्रवार को श्रीजी प्रभु में श्री गुसाईजी (गो.श्री विट्ठलनाथजी) महाराज के प्रागट्य महोत्सव के अवसर पर श्रीजी प्रभु की सेवा में गो.चि.105 श्री विशालजी ( श्री भूपेश कुमारजी) बावा नाथद्वारा पधारे।
श्री विशाल बावा के पधारने के अवसर पर श्रीनाथजी मंदिर के अधिकारी सुधाकर उपाध्याय, श्रीनाथजी मंदिर के मुख्य प्रशासक भारतभूषण व्यास, तिलकायतश्री के मुख्य सलाहकार अंजन शाह, सहायक अधिकारी अनिल सनाढ्य,मंदिर मंडल बोर्ड के सदस्य समीर चौधरी, सुरेशभाई संघवी, मंदिर मंडल के सीईओ कैलाशचंद्र शर्मा, संपदा अधिकारी ऋषि पांडे, तिलकायत के सचिव लीलाधर पुरोहित,मीडिया प्रभारी एवं पीआरओ गिरीश व्यास,राजेश्वर त्रिपाठी,मंदिर के पंड्याजी परेश नागर, समाधानी उमंग मेहता,ओम प्रकाश जलंधरा,हर्ष सनाढ्य,कैलाश पालीवाल, प्रतीक, आशीष, देवेश, दिव्या आदि ने अगवानी की। इस अवसर पर सैकडों वैष्णव जन उपस्थित थे।
शुक्रवार को श्रीजी प्रभु की हवेली में पुष्टिमार्गीय सेवा प्रणालीका के प्रणेता श्री वल्लभ नंदन,गौ ब्राह्मणप्रतिपाल,परम कृपालु, परम दयालु,राग-भोग-श्रृंगार के प्रणेता गो.श्री विट्ठलनाथजी (श्री गोसाईजी) महाराज का 509 वा प्रागट्य महोत्सव गो.चि.105 श्री विशाल बावा के सानिध्य में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर श्रीजी प्रभु की हवेली में राजभोग के दर्शन के समय मोती महल चौक में श्री गोसाईजी (श्री विट्ठलनाथजी) की छवि के सम्मुख 51 वेद पार्टी ब्राह्मणों द्वारा श्री सर्वोत्तमजी का पाठ किया गया तथा श्री विशाल बावा ने श्री गोसाईजी की छवि पर तिलक एवं माल्यार्पण कर उनका पूजन किया। इस अवसर पर श्रीनाथ गार्ड एवं श्रीनाथ बैंड द्वारा श्री गुंसाईजी प्रभु को श्री विशाल बावा के सानिध्य में ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। श्री विशाल बावा ने 51 वेदपाठी ब्राह्मणों को तिलक उपरना एवं प्रसाद प्रदान कर उनका समाधान किया तथा श्रीनाथजी के मुखियाजी प्रदीप सांचीहर एवं नवनीत प्रियाजी के मुखिया घनश्याम सांचीहर, श्रीनाथजी मंदिर के अधिकारी सुधाकर उपाध्याय, श्रीनाथजी मंदिर के मुख्य प्रशासक भारतभूषण व्यास, राजसमंद कलेक्टर नीलाभ सक्सेना, मंदिर मंडल के सीईओ कैलाशचंद्र शर्मा, तिलकायतश्री के मुख्य सलाहकार अंजन शाह, श्रीनाथजी मंदिर मंडल बोर्ड के सदस्य समीर चौधरी, सुरेश संघवी, मंदिर के पंड्याजी परेश नागर, मंदिर के मीडिया प्रभारी एवं पीआरओ गिरीश व्यास का तिलक उपरना एवं प्रसाद प्रदान कर समाधान किया एवं आशीर्वाद प्रदान किया। विशेष अवसर पर आज के दिन से ही श्रीजी प्रभु की सेवा के भोग के रूप में सागर की सुहाग सोंठ का आरोगाना आरम्भ होता है।