उदयपुर। वैश्विक व्यापार की गतिशीलता में बदलाव की विशेषता वाली मौजूदा आर्थिक स्थितियों के मद्देनजर, यह आवश्यक है कि आगामी बजट न केवल हमारे विकास पथ को बनाए रखे बल्कि उसे गति भी दे। पिछले बजट में रियल एस्टेट और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने से एक ठोस आधार तैयार हुआ है, फिर भी पीवीसी उद्योग की क्षमता को पूरी तरह से साकार करने के लिए और अधिक रणनीतिक उपायों की आवश्यकता है। ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आर एंड डी अनुदान और कर प्रोत्साहन शुरू करने, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए निर्यात प्रक्रियाओं को सरल बनाने और स्थानीय उद्योगों को समर्थन देने के लिए घरेलू रूप से उत्पादित सामग्रियों का उपयोग करके त्वरित बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, कौशल विकास कार्यक्रमों में निवेश करना, उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करना और कर लाभों व पुरस्कारों के माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देना एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगा। यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे घरेलू उद्योग फलते-फूलते रहें और हमारी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता मजबूत हो।
इसके अतिरिक्त, भारत ने पीवीसी उद्योग में पर्याप्त वृद्धि देखी है और हमारा मानना है कि आने वाले वर्षों में घरेलू क्षमता वृद्धि इस मांग में वृद्धि को पूरा करेगी। 25 से अधिक वर्षों के वैश्विक अनुभव के साथ पीवीसी निर्माण सामग्री और साइनेज के भारत के अग्रणी निर्माता होने के नाते, इकोन को उम्मीद है कि आगामी बजट में पीवीसी उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक उपाय शामिल होंगे। हम अनुसंधान और विकास, सुव्यवस्थित निर्यात प्रक्रियाओं और स्थिरता पहलों के उद्देश्य से प्रोत्साहन की वकालत करते हैं। ये उपाय न केवल उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएंगे बल्कि भारत के व्यापक बुनियादी ढांचे के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।