उदयपुर : अहमदाबाद स्थित ‘प्रॉम्प्ट इनोवेशन’ को पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 में अवार्ड देकर सम्मानित किया गया है। प्रॉम्प्ट इनोवेशन एनर्जी एफीसिएंट और सस्टैनबल कूलिंग सोलूशन के क्षेत्र में अग्रणी स्टार्ट-अप है। पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा स्टार्टअप इंडिया पहल के भाग रूप आयोजित पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 का उद्देश्य पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के लिए नई और व्यावसायिक सोलूशन की खोज करना और इन क्षेत्रों में नई तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस चैलेंज(चुनौती) के लिए कुल 157 आवेदन प्राप्त हुए थे। प्रॉम्प्ट इनोवेशन को इसके उत्पाद मिल्कोचिल, जो एक इंस्टेंट मिल्क चिलर है और दूध को ताजा रखने और उसकी शेल्फ लाइफ को बढ़ाने में मदद करता है, के लिए अवार्ड से सम्मानित किया गया।
प्रॉम्प्ट इनोवेशन के निदेशक श्रीधर मेहता ने कहा कि मिल्कोचिल एक क्रांतिकारी उत्पाद है जो दूध को ठंडा करने के तरीके को बदल देगा। दूध को तत्काल ठंडा करने से इसके खराब होने की आशंका कम हो जाती है, दूध की क्वालिटी बनी रहती है और ज्यादा शेल्फ लाइफ से डेयरी किसानों को अधिक आय होती है। हम गौरवान्तित और रोमांचित हैं कि भारत सरकार ने कूलिंग टेक्नोलॉजी सेगमेंट में हमारे प्रयासों को मान्यता दी है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री माननीय श्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा बुधवार को नई दिल्ली में NASC कॉम्पलेक्स में प्रॉम्प्ट को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
वार्षिक 210 मिलियन टन उत्पादन के साथ भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है। हालांकि, रेफ्रिजरेशन और चिलिंग की सुविधा की कमी के कारण लाखों लीटर दूध खराब हो जाता है। दूध खराब होने से डेयरी किसानों पर गंभीर आर्थिक प्रभाव पड़ता है, जिनकी आय का प्राथमिक स्रोत दूध है। चिलिंग में विलंब और इसके लिए लगातार बिजली की आपूर्ति की कमी डेयरी किसानों के सामने प्रमुख चुनौतियां हैं क्योंकि इससे दूध खराब होता है और दूध की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इस मुद्दे का समाधान करना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का लक्ष्य भी सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले दूध उत्पादक के रूप में उभरना है।
मिल्कोचिल एक पेटेंट थर्मोडायनामिक डिजाइन पर आधारित है जिसे IIT बॉम्बे से प्रौद्योगिकी लाइसेंस के तहत प्रॉम्प्ट द्वारा विकसित किया गया है। जब भी बिजली उपलब्ध होती है तो थर्मल स्टोरेज मैकेनिज्म ऊर्जा को संग्रहित करता है और बिजली के अभाव में भी तत्काल दूध को ठंडा करने में सक्षम बनाता है, जिससे यह ऐसे ग्रामीण स्थानों के लिए आदर्श बन जाता है, जहां बिजली की आपूर्ति अभी भी अनिश्चित है।
मिल्कोचिल का उपयोग जहां किसान सीधे उपभोक्ताओं को दूध बेचते हैं, छोटे दूध संग्रह केंद्रों पर जहां कोई चिलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, ग्राम्य संग्रह केंद्रों के साथ-साथ सहकारी समितियों और निजी डेयरी, जो मूल्य वर्धित उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार के लिए दूध की गुणवत्ता में सुधार करना चाहते है, वहां किया जा सकता है।
इनोवेटीव और किफायती मिल्कोचिल, 500 लीटर की दैनिक क्षमता के साथ 250 लीटर प्रति घंटे की दर से तत्काल ठंडा करने की सुविधा देता है।