तीन वर्षों के बकाया पुरस्कारों की घोषणा, रिकॉर्ड तोड़ पुस्तकों के प्रकाशन का निर्णय
उदयपुर। राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष डॉ दुलाराम सहारण के कार्यकाल का एक वर्ष गुरुवार को पूर्ण हो गया। इस मौके पर अध्यक्ष डॉ सहारण ने अध्यक्ष कक्ष में अकादमी द्वारा गत एक वर्ष में किए गए कार्यों को सभी से साझा किए। उन्होंने सर्वप्रथम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्ही की बदौलत अकादमी अध्यक्ष बनने का मौका मिला। उन्होंने एक किसान से अकादमी अध्यक्ष बनने तक के अपने सफर को साझा किया और हर बात का श्रेय मुख्यमंत्री को ही दिया। उन्होंने यह भी बताया कि वे अकादमी के इतिहास में किसान वर्ग से प्रथम और अब तक के सबसे युवा अध्यक्ष है और इस बात से गौरव महसूस करते हैं। अकादमी में काफी सीखने को मिला है, जो हमेशा उनका मार्गदर्शन करेगा।
अकादमी की उपलब्धियों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में अब तक की सर्वाधिक पुस्तकों के प्रकाश में सहयोग प्रदान किया गया। पांडुलिपि प्रकाशन योजना में वर्ष 2022 में 121 पुस्तकों पर 12.94 लाख रुपए का एवं वर्ष 2023 में 133 पुस्तकों पर 13.96 लाख रुपए का सहयोग स्वीकृत किया गया। इसी प्रकार से प्रकाशित ग्रंथों पर सहयोग योजना अंतर्गत वर्ष 2022 में 29 पुस्तकों पर 1.93 लाख रुपए का एवं वर्ष 2023 में 27 पुस्तकों पर 2.40 लाख रुपए का सहयोग स्वीकृत किया गया। यह सहयोग अकादमी के अब तक के इतिहास में सर्वाधिक है।
उन्होंने बताया कि अकादमी ने न सिर्फ वर्ष 2022-23 के सभी पुरस्कार समय पर दिए बल्कि गत तीन वर्षों के बकाया पुरस्कारों की घोषणा भी राज्य सरकार से नियमानुसार बजट लेकर की। ऐसा करके अकादमी ने देश भर में एक नया कीर्तिमान भी रचा। इसी प्रकार गत कई वर्षों से बंद पड़े पुरस्कारों विजय सिंह पथिक साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार, आलमशाह खान अनुवाद पुरस्कार, मरुधर मृदुल युवा पुरस्कार, प्रभा खेतान प्रवासी पुरस्कार को पुनर्जीवित कर हेतु संचालिका में प्रस्ताव पास किया। आर्थिक सहयोग योजना के तहत 2022 में 10 साहित्यकारों को 2 लाख 50 हजार रुपए एवं वर्ष 2023 में 8 साहित्यकारों को 2.25 लाख रुपए का आर्थिक सहयोग दिया। ऐसे ही साहित्यिक पत्रिका सहयोग अंतर्गत 2022 में 6 पत्रिकाओं को 1.13 लाख रुपए एवं वर्ष 2023 में 4 पत्रिकाओं को 80 हजार का सहयोग स्वीकृत किया। अकादमी की ओर से हाल ही में जयपुर में वर्ष 2022-23 के पुरस्कारों के वितरण के लिए भव्य समारोह आयोजित हुआ जहां कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने पुरस्कार वितरित किए। यह समारोह भी बड़ी संख्या में साहित्यकारों की उपस्थिति का साक्षी बना।
राजस्थान साहित्य अकादमी की मुखपत्रिका ‘मधुमती’ राज्य की सबसे प्रमुख साहित्यिक पत्रिका मानी जाती है जिसका प्रकाशन अकादमी स्वयं करती है। समय पर वितरण नहीं हो पाने तथा डाक व्यवस्था की खामियों से इसके ग्राहकों की संख्या में निरंतर कमी आ रही थी। इसके अलावा कई अन्य मूलभूत सुधारों की भी दरकार थी। डॉ सहारण ने इसके सुधार में दिन-रात एक कर दिए। मधुमती के आकार में बढ़ोत्तरी की, कलेवर को नया रूप दिया, युवाओं की रचनाओं के लिए स्थान आरक्षित करने का काम किया तथा आवरण को भी अत्यधिक आकर्षक बना दिया। इसके अलावा सामान्य डाक से पत्रिका भेजे जाने की व्यवस्था को बंद कर केवल रजिस्टर्ड डाक से ही इसके प्रेषण की व्यवस्था स्थापित की जिससे अब यह पत्रिका समय से सभी ग्राहकों के दरवाजों तक पहुँच रही है और ऐसा पहली बार हो पा रहा है। इन सुधारों से इस पत्रिका की संख्या में भी व्यापक बढ़ोत्तरी हुई है और होती जा रही है।
अकादमी अध्यक्ष डॉ सहारण ने पहले ही दिन ‘365 दिन, 365 कार्यक्रम’ की अपनी सोच को जाहीर कर दिया था और उसी के पीछे वे निरंतर लगे रहे। उनके प्रयासों से राजस्थान साहित्य अकादमी के आर्थिक सहयोग से राज्य में रिकॉर्ड तोड़ कार्यक्रम हुए और वर्ष 2022 में 72 कार्यक्रमों का आयोजन राज्य के लगभग हर जिले में किया गया। ऐसे ही वर्ष 2023 में अब तक 22 कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं और यह सिलसिला निरंतर जारी है।
अकादमी ने मौलिक कृतियों के प्रकाशन की बंद पड़ी योजना को भी हाल में शुरू करने का निर्णय संचालिका के माध्यम से लिया है। राजस्थान साहित्यकार प्रस्तुति योजना के तहत भी पुस्तकों के प्रकाश का काम युद्धस्तर पर जारी है। राजस्थान साहित्यकार परिचय कोश भी शीघ्र ही जनसामान्य के बीच होगा। चित्रकार-साहित्यकारों के लिए शब्द-रंग योजना मूर्त हुई है। अकादमी ने अपने संकुल में एक स्टूडियो भी स्थापित किया है जिसमें लेखकों से परिचर्चा कार्यक्रम रिकॉर्ड कर ऑनलाइन किए जा रहे हैं। इसके अलावा शीघ्र ही वयोवृद्ध साहित्यकारों पर डॉक्यूमेंटरी निर्माण का कार्य भी राज्य सरकार से बजट प्राप्त के पश्चात आरंभ किया जाएगा। राजस्थान साहित्य अकादमी के सभागार के किराए में साहित्य संबंधी कार्यक्रमों हेतु 50 प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया है। साथ ही अकादमी की पुस्तकों की छूट 30 प्रतिशत की गई है जिससे आमजन कम लागत पर ये अमूल्य पुस्तकें खरीद पा रहे हैं।
अकादमी ने पहली बार अपनी पुस्तकों की बिक्री के लिए वेबसाइट बुक्स डॉट आरएसएयूडीआर डॉट ऑआरजी और मधुमती के ग्राहक बढ़ाने की दिशा में सब्स्क्रिप्शन के लिए वेबसाइट वेबसाइट बुक्स डॉट आरएसएयूडीआर डॉट ऑआरजी लॉन्च की है जिससे अकादमी प्रकाशनों की बिक्री और मधुमती के ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ है। अकादमी ने अंदर वर्षों से पड़ी पुस्तकों की बिक्री में भी सफलता हाँसील की है। अकादमी अध्यक्ष डॉ सहरण के प्रयासों से वर्ष 2023 में पुस्तकों की रिकॉर्ड बिक्री होकर 4.61लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है जबकि वर्ष 2018 से लेकर 2023 तक पांच वर्ष में मात्र 1.31 लाख रुपये की ही पुस्तकों की बिक्री हो पाई थी।
अकादमी अध्यक्ष ने हाल ही में गाँव-गँवाड कार्यक्रम भी शुरू किया है जिसके तहत अब ग्राम स्तर पर भी अकादमी चर्चा-संगोष्ठी कर लोगों तक पहुँच रही है। अकादमी अध्यक्ष डॉ सहारण ने सरस्वती सभा में विभिन्न वर्गों, क्षेत्रों, जातियों आदि को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया और आदिवासी समुदाय की डॉ सुनीता घोगरा को उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति सरस्वती सभा में प्रस्ताव स्वीकृति के माध्यम से दी। ऐसा होने से अकादमी में पहली बार एक जनजाति समुदाय से उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति मिली। इन प्रयासों से अकादमी में हर वर्ग का प्रतिनिधित्व बढ़ा और विविध विचारों और सुझावों से अकादमी निरंतर आगे बढ़ी।
डॉ सहारण का कहना है कि नवाचारों का यह सिलसिला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विभाग के मंत्री डॉ. बीडी कल्ला के मार्गदर्शन में चलता रहेगा। वे निरंतर उनसे प्रेरणा लेकर कार्य करते रहेंगे। उन्होंने अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने पर सहयोग हेतु साहित्यप्रेमियों, अकादमी स्टाफ, सरस्वती सभा और संचालिका सहित अकादमी से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हर व्यक्ति का आभार व्यक्त किया है।
राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष डॉ सहारण के कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण
Hindustan Zinc’s Baal Mela spreads smiles on the faces of more than 6000 children across 265 Khushi ...
कोरोनरी ब्लोकेज का अब शॉकवेव के साथ इलाज संभव
टैफे ने राजस्थान के छोटे किसानों को मुफ्त ट्रैक्टर किराये पर उपलब्ध कराया
गुलाबी दीदियां - स्वदेशी महिला चेंजमेकर्स डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया की मातृ और शिशु मृत्यु दर के खिल...
हिंद जिंक स्कूल को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा प्रतिष्ठित प्लेटिनम प्रमाणपत्र
Dr. Raghupati Singhania conferred the ‘Lifetime Achievement Award 2022’
कोरोना के विरूद्ध लड़ाई में अब सरकारी संस्थाओं की भूमिका कम और हमारी और आपकी भूमिका ज्यादा है - सहा...
नारायण सेवा ने मनाया गणतंत्र दिवस
जेएसजी जॉय संगिनी का गठन
KTM organises a spectacular Stunt show in Chittorgarh
हिंदुस्तान जिंक को जलवायु परिवर्तन पारदर्शिता के लिए ‘ए‘ स्कोर
Nexus Celebrations hosts Late Night Shopping during Diwali