उदयपुर। अनुपचारित (अनट्रीटेड) अपशिष्ट की दैनिक आमद के चलते भारत पर बोझ काफी बढ़ चुका है और लैंडफिल्स यानी कचरा भराव भूमि तेजी से कम होती जा रही है। लगभग 3.1 मिलियन टन अपशिष्ट, जोकि भारत में वार्षिक रूप से इकट्ठा होने वाले कचरे का 70 प्रतिशत से अधिक है, अनुपचारित पड़ा रहता है। यह एक चिंताजनक आंकड़ा है। फिलहाल, देश में घरेलू और व्यावसायिक अपशिष्ट के प्राथमिक प्रवाहों में कांच भी एक है।
फिर से इस्तेमाल हो सकने वाली पैकेजिंग पर्यावरणीय दुष्प्रभावों को कम करने के लिए एक बढि़या विकल्प है। अभी जिन कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है उनमें से एक है उपभोक्ता पैकेजिंग में ग्लास का उपयोग और पर्यावरण पर इसके असर। हो सकता है ज्यादा लोग न जानते हों कि रिटर्नेबल ग्लास बॉटल (आरजीबी) फिलहाल उपलब्ध सबसे अधिक पर्यावरण अनुकूल उपभोक्ता पैकेजिंग है। वजह है इसकी संसाधन दक्षता और कम कार्बन फुटप्रिंट। आपको सिर्फ इतना करना होता है कि बीयर की बोतल को सही-सलामत हालत में बोतल-डीलर को या नियमित कचरा निपटान प्रक्रिया के अनुसार वापस कर दें। बहरहाल, संवहनीय उपायों को अपनाने से न केवल पर्यावरण को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचता है, बल्कि विभिन्न स्तरों पर रोजगार मिलने से समाज को भी सहारा मिलता है।
एल्कोबेव उद्योग में पर्यावरण सुरक्षा पर फोकस के साथ ‘पुनः उपयोग’ को चर्चाओं में धीरे-धीरे मान्यता मिल रही है और अधिक सस्टेनेबल भविष्य की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। कार्ल्सबर्ग के महत्वाकांक्षी सस्टेनेबिलिटी कार्यक्रम ‘टुगेदर टुवॉर्ड्ज जीरो’ के तहत, ‘जीरो वेस्ट’ को बढ़ावा देने वाली पहलें फोकस में हैं।
पर्यावरण पर प्राथमिक कांच उत्पादन के बड़े प्रभावों को देखते हुए, अगर इसका कई बार उपयोग होता है तो यह पर्यावरण के अनुकूल है। कांच की बोतल के पुनः उपयोग पर कार्ल्सबर्ग का फोकस बीयर की बोतलों को सबसे कम कार्बन असर वाली पैकेजिंग बनाता है, जिसे पुनः उपयोग को बढ़ाकर और बेहतर किए जाने की जरूरत है। और अगर प्रत्येक उपभोक्ता कार्ल्सबर्ग ग्लास बॉटल को सही-सलामत स्थिति में लौटाने की जिम्मेदारी ले, तो ऐसा बड़ी आसानी से किया जा सकता है।
उपभोक्ता के व्यवहार में परिवर्तन लाना महत्वपूर्ण कारकों में से एक है, ताकि कांच की सारी बोतलों को फिर से उपयोग करने के लिए अच्छी तरह से संरक्षित किया जाना सुनिश्चित हो सके। इससे ऊर्जा बचाई जा सकेगी और उसे सस्टेनेबल भविष्य के लिए बेहतर उपयोग में लाया जा सकेगा। इसलिए अगली बार जब आप कार्ल्सबर्ग या ट्युबॉर्ग का सेवन करें, तो बोतल को अच्छी स्थिति में वापस करना न भूलें, क्योंकि ऐसा करते हुए आप जलवायु प्रभाव को कम करने के लिए अपने हिस्से का एक छोटा योगदान दे रहे होंगे। हर बोतल मायने रखती है।
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