महाराणा प्रताप उदयपुर एयरपोर्ट पर उपलब्ध होंगे महिलाओं द्वारा बने ‘सखी‘ उत्पाद
उदयपुर। हिन्दुस्तान ज़िंक की सीएसआर पहल के तहत् ‘सखी‘ परियोजना से जुडी ग्रामीण सखियों की कडी मेहनत और हुनर को पहचान देने के साथ ही सशक्त और आत्तनिर्भर बनाने हेतु मंच प्रदान करने के उद्धेश्य से उनके द्वारा बने उत्पाद अब महाराणा प्रताप एयरपोर्ट उदयपुर पर भी उपलब्ध होंगे। राजस्थान दिवस के अवसर पर एयरपोर्ट पर सखी हाट का उद्घाटन एयरपोर्ट डायरेक्टर नंदिता भट्ट ने फीता काटकर किया। उदयपुर एयरपोर्ट अथॅारिटी द्वारा हस्तकला और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने हेतु सखी महिलाओं को स्थान उपलब्ध कराया गया है।
सखी महिलाओं द्वारा हस्तकौशल एवं हस्त निर्मित सुदंर एवं डिजाइनर परिधानों, सहित अन्य आकर्षक वस्तुओं जैसे बेग, पर्स, वॉल हेंगिंग, मोबाईल कवर, कार्ड होल्डर आदि अब देशी-विदेशी सैलानियों के लिये खरीददारी हेतु एयरपोर्ट पर उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर नंदिता भट्ट ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि राजस्थान दिवस के अवसर पर हमने सखी के साथ मिलकर ग्रामीण उत्पादों को बढ़ावा देने के लिय इस प्रकार की पहल की है। यह स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार और आय संवर्धन की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा।
हिन्दुस्तान जिं़क उदयपुर, राजसमंद, चित्तौडगढ़, भीलवाडा और अजमेर एवं उत्तराखंड के रूद्रपुर की 7 इकाइयों में सखी कार्यक्रम से ‘वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देता है जिनसे घरेलू उत्पादों और स्थानीय पहल को पुनर्जीवित करने में सहायता मिली है। हिन्दुस्तान जिं़क का सखी कार्यक्रम महिलाओं को लघु उद्यमियों के रूप में पहचान दिलाने और उन्हें प्रशिक्षित कर आर्थिक रूप से स्वतंत्र एवं सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
चित्तौडगढ़ के पुठोली गांव निवासी सखी अनीसा बानो जो कि अपने बनाएं परिधानों के साथ सखी हाट में आयी थी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सखियों द्वारा बनाए गये उत्पादों को देशभर से अच्छा प्रोत्साहन मिल रहा है मुझे खुशी कि अब हमारे उत्पाद देशी-विदेशी सैलानियों के लिये एयरपार्ट पर भी उपलब्ध होंगे। बैंगलुरू से उदयपुर घूमने आयी अदिती ने सखी स्टॉल पर परिधानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ग्रामीण महिलाओं का यह प्रयास प्रशंसनीय है जिनके द्वारा बने उत्पाद आकर्षक और गुणवत्ता के है।
जिंक अपने सामाजिक सरोकार के तहत महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए विगत 14 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का स्वंय सहायता समूह बनाकर उनक रूचि एवं आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण देकर समाज में अपनी अलग ही पहचान दिलाने का अनुठा प्रयास कर रहा है। फलस्वरूप इस अभियान से जुडी महिलाओं में अदम्य विश्वास मुखरित हुआ है। आज वे आत्मनिर्भर बनकर परिवार की आर्थिक समृद्धि को निरंतर गति दे रही है। सखी परियोजना विगत 5 वर्षो से ज़िंक द्वारा मंजरी फाउण्डेषन के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है जिसके तहत् ग्रामीण महिलाओं को अभिप्रेरित कर, स्वयं सहायता समुहों से जोडकर, अगले पायदान ग्राम संगठन, उससे भी परे सखी फेडरेषन से जोडकर सतत् आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से सशक्त किया जा रहा है। वर्तमान में 27,300 से अधिक महिलाएं 7 फैडरेशन और 208 ग्राम स्तर संगठनो से जुडी हुयी है।
शुभारंभ अवसर पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया के अधिकारीगण, पर्यटक एवं हिन्दुस्तान जिं़क के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सखी द्वारा निर्मित उत्पाद आईएसओ प्रमाणित एवं बाजार में उपलब्ध :
सखी उत्पादन समिति ग्रामीण महिलाओं की रजिस्टर्ड संस्था है जिसे माइक्रो, स्मॉल एण्ड मिडियम एंटरप्रइजेज के तहत् जिला उद्योग केंद्र में पंजिकृत कराया गया है। यह आईएसओ 9001ः 2015 क्वालिटी मैनेजमंेट सिस्टम में मैन्यूफेक्चरिंग एण्ड मार्केटिंग ऑफ टेक्सटाईल,स्पाईस एवं पिकल के लिये प्रमाणित है। जिंक ने सखी समूहों के आय सृजन को प्राथमिकता देते हुए निर्मित उत्पादों की बिक्री को स्थानीय और राज्य स्तरीय बाजार से जोडा है। उल्लेखनीय है कि सखी निर्मित उत्पाद ऑनलाइन उपाया पोर्टल पर भी उपलब्ध है। सखी उत्पादों को जिं़क के सम्पूर्ण सहयोग और मंजरी फाउण्डेशन के तकनीकी मार्गदर्शन सतत् संबल से महिलाओं द्वारा तैयार किया जा रहा है।
हिन्दुस्तान जिंक की सीएसआर पहल के तहत् ‘सखी’ हाट का शुभारंभ
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