रावत श्री महासिंहजी बावजी की 311वीं पुण्यतिथि पर किया नमन

सामुहिक भागीदारी से समाज को आगे बढ़ाये – प्रो. सारंगदेवोत

उदयपुर: सारंगदेवोत फाउण्डेशन की ओर से  रावत श्री महासिंहजी बावजी की 311वीं पुण्यतिथि पर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विवि के सभागार में पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें मेवाड़ के कई गांवों के समाजजन उपस्थित थे। इस अवसर पर  कुलपति कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि रावत महासिंहजी ने 14 अप्रेल 1711 के दिन बान्धनवाडा के युद्ध में अपना अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए मुगल सेनापति रणबाज खां को मार कर युद्ध में वीरगति प्राप्त की तथा वर्तमान में लोक देवता के रूप में पूजे जाते है।रावत महासिंहजी के पुत्र को इस जीत के लिए कानोड ठिकाणा दिया गया।  कार्यक्रम में समाज के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की एवं आगामी माह में सारंगदेवोत परिवार का स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय किया गया व कानोड में महासिंहजी की प्रतिमा स्थापित करने का संकल्प लिया गया। प्रो. सारंगदेवोत ने उपस्थित युवाओं को आव्हान किया कि वे सामुहिक भागीदारी से समाज को आगे बढाये एवं समाज में  व्याप्त कुरूतियों को बंद करने में समाज की मदद करे। कार्यक्रम में उदयसिंह शिशवी,  दिग्विजयसिंह बाठेडा , डॉ. नरदेवसिंह कच्छैर , डॉ. रामसिंह  लक्ष्मणपुरा, राजेन्द्रसिंह भाणपा, शैतानसिंह पराणा, मोहनसिंह  राठौडा का गुढ़ा, देवेन्द्रसिंह  भागल , भूपेन्द्रसिंह लवार तलाई, देवेन्द्रसिंह धोलादाता, दिलीपसिंह रचका का कुआं, जयराजसिंह भोपजी का खेड़ा, जसपालसिंह जालमपुरा  आदि सदस्य उपस्थित रहे।

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