उदयपुर । आयातित खाद्य तेल पर देश की निर्भरता चिंता का विषय है और इस चुनौती से निपटने के लिए भारत को महत्वपूर्ण तिलहन फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के तरीकों और साधनों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया (एसईए)-सॉलिडारिडाड एवं वोडफोन के सहयोग से बूंदी में सरसों किसानों के लिए एक प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) और सॉलिडारिडाड एक संयुक्त मिशन के माध्यम से खाद्य तेल उद्योगों में स्थिरता को बढ़ावा दे रहे हैं। इसका उद्देश्य खाद्य तेलों में भारत की आत्मनिर्भरता पर काम करना और किसानों की आय और आजीविका में सुधार के लिए तिलहन और विशेष रूप से सरसों के बीज की उत्पादकता को बढ़ाना है।
किसानों को समर्थन प्रणाली को मजबूत करने के लिए, एसईए- सॉलिडारिडाड ने वोडाफोन आइडिया और इण्डस टॉवर के सहयोग से श्री विजय डाटा-अध्यक्ष एसईए रेपसीड मस्टर्ड प्रमोशन कौंसिल द्वारा बूंदी में दूसरे किसान प्रशिक्षण सह संसाधन केन्द्र की स्थापना और उद्घाटन किया है। इस अवसर पर एसईए ऑयलसीड डेवपलमेंट कौंसिल के चेयरमैन हरीश व्यास, डॉ. बी.वी मेहता, कार्यकारी निदेशक एसईए, मैसर्स सॉलिडारिडाड नेटवर्क इण्डिया प्रा. लि के महाप्रबन्धक डॉ सुरेश मोटवानी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर अग्रणी किसान और हितधारक भी उपस्थित थे।
किसानों को तकनीकी ज्ञान और विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए इस संसाधन केन्द्र से विभिन्न विशेषज्ञ और तकनीकी संस्थान जुड़े हुए हैं। यह संसाधन केंद्र किसान उत्पादक संगठनों के लिए हब के रूप में कार्य करेगा और एक ज्ञान और नेटवर्किंग केंद्र के रूप में कार्य करेगा, निदेशक मंडल, एफपीओ कर्मचारियों और उसके सदस्यों के कौशल विकास के लिए एक मंच, व्यावसायिक गतिविधियों का प्रबन्धन, बाजार से जुड़ाव और एफपीओ के वित्तीय सम्बन्धों की जानकारी देगा। यह केन्द्र अपने क्षेत्र प्रदर्शनों के माध्यम से अच्छी कृषि पद्धतियों, महिला अनुकूल प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन परीक्षणों की स्थापना कर रहा है और साथ ही साथ टिकाऊ प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं के बारे में बहु हितधारकों के साथ आगे प्रचार और साझा करने के लिए प्रदर्शित परीक्षणों के केस स्टडीज का विश्लेषण और कॉक्यूमेंटेंशन कर रहा है।
किसानों के सीखने की प्रक्रिया को और गति देने के लिए प्रदेश में 80 किसान फील्ड स्कूल्स भी स्थापित किए गए हैं और कृषि विभाग तथा जिलों के कृषि विज्ञान केन्द्र इन स्कूल्स को सक्रिय रूप से अपना समर्थन और सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
गौरतलब है कि एसईए सॉलिडारिडाड और मस्टर्ड मिशन एक ऐसी पहल है जो राजस्थान के छोटे किसानों को फसल की उपज बढ़ाने, गेहूं, चावल, सरसों के लिए भूमि विविधकरण, बीज की क्वालिटी में सुधार का आष्वासन देने के साथ ही रेप-मस्टर्ड का उत्पादन किस प्रकार बढ़ाया जाए इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित और मार्गदर्शन देने का काम करता है। तीन साल पहले मिशन शुरू में दो जिलों में शुरू किया गया था और चालू वर्ष में राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों के छह जिलों कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, टोंक और मंदसौर में 500 मॉडल सरसों फार्म स्थापित करके लागू किया गया है। ऐसे प्रशिक्षण स्कूल किसानों के वैज्ञानिक और व्यावहारिक ज्ञान के हस्तांतरण को मजबूत करते हैं जहां सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों और संगठनों के प्रमाणित विशेषज्ञ और वैज्ञानिक अच्छी कृषि पद्धतियों पर महत्वपूर्ण सत्र देते हैं। तेजी से और प्रभावी सीखने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, 80 किसान फील्ड स्कूल भी स्थापित किए गए हैं और कृषि विभाग और जिलों के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा सक्रिय रूप से समर्थित है।