उदयपुर। विश्व कैंसर दिवस पर देबारी स्थित पेसिफिक डेन्टल कॉलेज व हॉस्पीटल में एशियन हेड एण्ड नेक कैंसर फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में डेन्टल ओन्कोलॉजी विषयक संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम संयोजक मुखरोग विषेशज्ञ डॉ. प्रशान्त नाहर ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि सन् 2020 के आंकडों के अनुसार ओरल कैंसर पूरे विश्व में 16वां बडा कैंसर रोग है जिससे हर साल करीब 4 लाख मौतें होती हैं। अत: इस वर्ष की थीम ‘क्लोज द केयर गैप’ को ध्यान में रखते हुए समस्त दन्त चिकित्सक मुँह व जबड़े के कैंसर से प्रभावितों को सही उपचार प्रदान कराने हेतु कृतसंकल्प है।
मुख्य वक्ता नोर्थ वेस्ट कैंसर हॉस्पीटल अहमदाबाद के प्रख्यात हेड नेक कैंसर सर्जन डॉ. शक्तिसिंह देवरा थे। उन्होंने ओरल कैंसर के रोकथाम, निदान व उपचार में दन्त चिकित्सकों की भूमिका, सही उपचार हेतु दन्त चिकित्सा की उभरती विधा ‘डेन्टल ओन्कोलॉजी’ के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मुँह व जबड़े के कैंसर की सर्जरी के पश्चात मरीज के जीवन स्तर को पुन: सामान्य बनाने के लिए उपयुक्त प्रोस्थेटिक रिहेबिलिटेशन तथा पेलियेटिव केयर की आवश्यकता है।
इस अवसर पर टाटा मेमोरियल हॉस्पीटल मुम्बई के पूर्व डायरेक्टर व ख्यातनाम कैंसर सर्जन डॉ. अनील डीक्रूज ने डेन्टल ओन्कोलॉजी के मोड्यूल एज्यूकेन 2.0 का शुभारम्भ किया। कॉलेज के डीन डॉ. ए. भगवानदास राय ने कहा कि देश में मुँह व जबड़े के कैंसर से लाखों लोग प्रभावित है जिन्हें सही उपचार व मार्गदर्शन की आवश्यकता है। इसमें भावी दन्त चिकित्सक दक्षता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए ओरल कैंसर के समुचित प्रबंधन और पेलियेटिव केयर में कैरियर बना सकते हैं। इस अवसर पर डॉ. मोहितपाल सिंह व डॉ. रश्मि मेतगुड ने भी अपने विचार रखे। समारोह में 100 से अधिक दन्त चिकित्सक, फेकल्टी, रेसिडेन्टस व प्रशिक्षु दन्त चिकित्सों ने भाग लिया।
विश्व कैंसर दिवस पर डेन्टल ओन्कोलॉजी पर संगोष्ठी आयोजित
