श्रीमाली समाज नवरात्रि महोत्सव : फिल्मी गानों से परहेज, सांस्कृतिक और पारंपरिक रंगों का संगम

श्री श्रीमाली ब्राह्मण समाज का गरबा महोत्सव नवाचार, परंपरा, भक्ति और सामाजिक सौहार्द का होगा अनूठा संगम
उदयपुर।
श्री श्रीमाली ब्राह्मण समाज इस वर्ष भी नवरात्रि महोत्सव का आयोजन भव्यता और भक्ति के साथ करने जा रही है। उदयपुर सहित मां अंबे के समस्त भक्तों और जनमानस की भावना के अनुरूप श्रीमाली समाज ने गरबा के दौरान फिल्मी गानों से पूरी तरह से परहेज रखने का निर्णय लिया है। सिर्फ माता के गरबा रास के गानों पर ही डांडिया खेला जाएगा। आगामी 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने वाले इस महोत्सव को लेकर समाज की ओर से टाइगर हिल स्थित संस्कार भवन में विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें महोत्सव की तैयारियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
इस वर्ष के नवरात्रि महोत्सव को विशेष रूप से भक्ति और आस्था का प्रतीक बनाते हुए समाज ने निर्णय लिया है कि गरबा के दौरान केवल मां अंबे के भजनों पर डांडिया रास किया जाएगा। समाज अध्यक्ष दिग्विजय श्रीमाली ने बताया कि कार्यक्रम में किसी भी प्रकार के फिल्मी गाने नहीं बजाए जाएंगे। यह आयोजन शुद्ध धार्मिकता और परंपरा के अनुरूप रहेगा। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव समाज के लिए न केवल उत्सव का प्रतीक है, बल्कि इसका उद्देश्य सांस्कृतिक परंपराओं का संजोना भी है। इस महोत्सव में समूचे मेवाड़ अंचल के श्रीमाली समाज के लोग शामिल होंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पुरुष वर्ग परंपरागत जब्बा-पजामा या धोती-जब्बा के साथ पगड़ी पहन कर गरबा महोत्सव में भाग लेंगे, वहीं महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में मां अंबे की भक्ति भाव से गरबा रास करेंगी।
बैठक में पिछले वर्ष के नवरात्रि महोत्सव में सामने आई कमियों पर भी विचार विमर्श किया गया। समाज ने इस वर्ष पंडाल का आकार दोगुना बड़ा करने की तैयारी की है, ताकि अधिक संख्या में लोग गरबा रास में हिस्सा ले सकें। कार्यक्रम की गुणवत्ता और व्यवस्था में सुधार हेतु विशेष समितियां गठित की जा रही है, जो कार्यक्रम को व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने में जिम्मेदार रहेंगी। अनुमान है कि प्रतिदिन पिछले वर्ष के मुकाबले दो गुना से ज्यादा समाज के लोग गरबा खेलने पहुंचेंगे।
विशेष रूप से इस वर्ष भी युवाओं को महोत्सव की आयोजन जिम्मेदारी सौंपी गई है ताकि वे पूरे कार्यक्रम को ऊर्जावान व सुचारू रूप से संपन्न कर सकें। समाज की महिला मोर्चा की अध्यक्ष रेखा श्रीमाली ने महिला टीम को सजगता के साथ कार्यक्रम में अधिकतम सहभागिता देने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओमशंकर श्रीमाली, कार्यकारिणी पदाधिकारी भावप्रकाश दशोत्तर, चैतन्यप्रकाश श्रीमाली, युवा अध्यक्ष प्रफुल्ल श्रीमाली सहित मुख्य कार्यकारिणी, युवा कार्यकारिणी और महिला कार्यकारिणी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर 10 दिवसीय महोत्सव की तैयारियों पर चर्चा की। श्रीमाली समाज का यह गरबा महोत्सव सामाजिक स्तर पर भी बड़े महत्व का आयोजन बन चुका है। यह आयोजन सिर्फ उदयपुर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में समाजजनों की सहभागिता होगी। समाज अध्यक्ष दिग्विजय श्रीमाली ने कहा कि हमारा उद्देश्य नवरात्रि को केवल एक त्यौहार के रूप में नहीं, बल्कि एक धार्मिक और आध्यात्मिक उत्सव के रूप में मनाना है, ताकि हमारी सांस्कृतिक विरासत आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित और जीवित बनी रहे।

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