सामूहिक भक्ति में डूबा श्रीमाली समाज, हरतालिका तीज का हुआ अनुष्ठान

उदयपुर। श्री श्रीमाली समाज संस्था मेवाड़ द्वारा हरतालिका तीज का सामूहिक आयोजन मंगलवार रात्रि से प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर 58 महिलाओं ने एक साथ उद्यापन कार्यक्रम किया। चार पहर की पूजा पूरी रात चली, जिसमें विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की गई। बुधवार को व्रत का पालना हुआ, जिसमें लगभग 1000 व्रतधारी महिलाओ ने एक साथ पालना की। समाज के अध्यक्ष दिग्विजय श्रीमाली के नेतृत्व में तैयारियां की गईं। टाइगर हिल स्थित संस्कार भवन में कार्यक्रम के आयोजन से पूर्व सभी उद्यापन करने वाली महिलाएं परिवार के साथ पहुंची। पंडितों ने पूजा शुरू कराई और पूरी रात शिव और पार्वती की भक्ति में लीन रही।
इस बार हरतालिका तीज पर सर्वार्थ सिद्धि, शोभन, गजकेसरी और पंचमहापुरुष जैसे चार शुभ योग बने हैं। श्रद्धा और निष्ठा से किया गया यह व्रत अवश्य फलदायी माना गया है। कार्यक्रम के संयोजक रोशन लाल जोशी ने बताया की यह व्रत 26 अगस्त को रखा गया, जिसका पारण 27 अगस्त को हुआ। श्रीमाली समाज की महिलाओ ने पारंपरिक शृंगार किया क्योंकि इस दिन लाल रंग पहनना प्रेम और शक्ति का, हरा रंग पहनना हरियाली व समृद्धि का, तथा गुलाबी रंग पहनना सौम्यता और आपसी समझ का प्रतीक माना गया है। वहीं काला, नीला, सफेद और क्रीम रंग वर्जित माने जाते हैं। व्रतधारी महिलाओ ने स्नान कर शुभ वस्त्र धारण किए और मिट्टी से शिव-पार्वती की प्रतिमा व शिवलिंग स्थापित कर पूजन किया। गणेश पूजा के बाद गौरी-शंकर का पूजन, भोग अर्पण और आरती की गई। माता पार्वती का सोलह शृंगार—सिंदूर, काजल, चूड़ियां, चुनरी, महावर, बिछिया, मेहंदी आदि चढ़ाए गए।
हरतालिका तीज भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक माना जाता है। भाद्रपद शुक्ल तृतीया को मनाया जाने वाला यह पर्व विवाहित महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य और अविवाहित कन्याओं के लिए योग्य वर प्राप्ति का व्रत है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने 12 वर्षों तक कठोर तप कर शिवजी को पति रूप में पाने का संकल्प लिया। भाद्रपद शुक्ल तृतीया को मिट्टी का शिवलिंग बनाकर रातभर पूजा की और अंततः भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया। तभी से यह व्रत पति की दीर्घायु और वैवाहिक सुख-समृद्धि की कामना से किया जाता है।
कार्यक्रम मे सहसंयोजक उपेश त्रिवेदी , वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम शंकर श्रीमाली, संयुक्त महामंत्री भाव प्रकाश दशोत्तर, उपाध्यक्ष रमेश श्रीमाली,सांस्कृतिक मंत्री जमनालाल ओझा, कार्यालय मंत्री चेतन प्रकाश श्रीमाली, कोषाध्यक्ष ललित परागोत, युवा अध्यक्ष प्रफुल्ल श्रीमाली, नरबदा शंकर श्रीमाली , गणेश लाल श्रीमाली, पुरुषोत्तम श्रीमाली कड़ियां,श्याम श्रीमाली, नरेश जी श्रीमाली, यशवंत श्रीमाली आदि ने कार्यक्रम मे सफलतम आयोजन मे सक्रिय भूमिका निभाई।

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