एक स्वर में आजीवन सदस्य बोले-खेलगांव का सर्वांगीण विकास और ओलंपिक स्तरीय प्रतिभाएं तराशना हमारा ध्येय

200 आजीवन सदस्यों के ‘थिंक टेंक’ की उपेक्षा पर जताई नाराजगी

महाराणा प्रताप खेलगांव सोसायटी के आजीवन सदस्यों की बैठक

उदयपुर। महाराणा प्रताप खेलगांव सोसायटी के आजीवन सदस्यों की बैठक रविवार को फील्ड क्लब में हुई जिसमें खेलगांव से जुड़े कई मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया तथा सदस्यों की कमेटी बना कर आगे की रणनीति तय की गई। बैठक में सदस्यों ने एकराय होकर कहा कि वे खेलगांव के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध और प्रतिबद्ध हैं व इसके लिए हर संभव सहायता को सदैव तत्पर भी हैं। सबका यही ध्येय है कि खेलगांव के आजीवन सदस्यों के साझा प्रयासों से ओलंपिक स्तरीय प्रतिभाएं निकलें और उदयपुर का नाम पूरे विश्व में रोशन करें। उन सभी खेल प्रतिभाओं को मदद देकर तलाशा व तराशा जाए जो आर्थिक अभाव में आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। इसके साथ ही खेलगांव के चहुंमुखी विकास पर फोकस करते हुए यहां विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करना, वर्तमान में जारी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग व उसमें सुधार के भी अहम सुझाव दिए गए। सदस्यों ने कहा कि खेलगांव के सभी संसाधनों का समुचित उपयोग करने, आर्थिक और नीतिगत रूप से पारदर्शिता और विजन के साथ आगे बढ़ने में सबका साझा योगदान रहेगा। गौरतलब है कि महाराणा प्रताप खेलगांव के 200 आजीवन सदस्यों में खेल, राजनीति, शिक्षा, चिकित्सा, व्यापार, समाजसेवा सहित अन्य सभी वर्गों से जुड़े हुए प्रोफेशनल्स शामिल हैं। सदस्यों में इस बात को लेकर नाराजगी थी कि जिला प्रशासन इस ‘थिंक टेंक’ का उपयोग नहीं कर रहा है। पिछले 8 वर्षों में आजीवन सदस्यों की कोई मीटिंग तक नहीं बुलाई गई है। इसके अलावा किसी भी प्रशासनिक बैठक, कार्यकम, आयोजन आदि में आमंत्रित नहीं किया गया है। सभी 200 सदस्य एक-एक लाख रूपए की मेम्बरशिप फीस डिपोजिट कर सदस्य बनें हैं व वार्षिक फीस ली जा रही है, लेकिन खेलगांव प्रशासन मेम्बर्स को तवज्जो नहीं दे रहा है। प्रशासनिक स्तर पर इस कमी को पूरा करने की तत्काल जरूरत है।
चर्चा के दौरान सामने आया कि खेलगांव में मेंटेनेंस और सुरक्षा पर समुचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 6 साल से स्विमिंग पूल का पानी तक नहीं बदला गया है जिसमें स्विमिंग करने के बाद स्किन संबंधी परेशानियां सामने आ रही है। इसी प्रकार अन्य खेलों में भी  जरूरी संसाधनों के बजट की मॉनिटरिंग व सुविधाओं के विस्तार की सख्त आवश्यकता है ताकि विश्व स्तर पर खिलाड़ी तैयार किए जा सकें। खेलों पर ध्यान देंने व कोचिंग सहित अन्य सुविधाओं को ओलंपिक स्तरीय बनाने के लिए हर एक खेल पर 10 आजीवन सदस्यों की मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जानी चाहिए। यह कमेटी सबके सुझावों के आधार पर खेलों की बेहतरी के लिए निर्णायक सुझाव दे सकेगी। सदस्यों ने सवाल उठाया कि खेलगांव का हॉस्टल आखिर किस मद में किराए पर दिया गया है इसका खुलासा होना चाहिए। इसके अलावा क्रिकेट स्टेडियम के रख रखाव, पीने के पानी और केफेटेरिया जैसे जरूरी मुद्दे भी बैठक में सदस्यों ने उठाए। एक सदस्य ने बताया कि जो नया जिम बनाया गया है उसके उपकरणों की गुणवत्ता की भी जांच की जरूरत है। अब तक खेलगांव के मेंटेनेंस पर खर्च की गई राशि का भी लेखा-जोखा सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे व उसी के अनुसार भविष्य की आर्थिक जरूरतों को समझा व साझा किया जा सके। सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि 8 साल पुरानी जो एकतरफा नियमावली बनी हुई है उसमें संशोधन व सुधार की जरूरत है। इस बारे में भी प्रयास होने चाहिए। एक सदस्य ने इस बात पर नाराजगी जताई की मेम्बर होने के बावजूद कई बार खेलगांव में प्रवेश तक मुश्किल हो जाता है। प्रशासन को इस परिचयात्मक संकट को दूर करने के लिए सभी सदस्यों को सम्मानपूर्वक बार कोड वाले प्रवेश कार्ड जारी करने चाहिए। सदस्यों की कमेटी के संयोजक तुषार मेहता ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार 350 बीघा से ज्यादा क्षेत्र में बना महाराणा प्रताप खेलगांव उदयपुर भारत का सबसे बड़ा खेलगांव हैं। जब हमारे पास इतना बड़ा खेलगांव है तो उसकी ख्याति भी उतनी ही व्यापक व विश्व स्तरीय होनी चाहिए।
अंत में सभी सदस्यों ने एकमत से कहा कि उनका एकमात्र ध्येय खेलगांव के माध्यम से ऐसी प्रतिभाओं को सामने लाना है जो उदयपुर का नाम विश्व स्तर पर रोशन कर सकें। साथ ही उदयपुर में खेल-भावना का विकास हो। युवा पीढ़ी में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़े। कोई भी अभाव प्रतिभाओं के आड़े न आएं व सदस्य रिसोर्स पर्सन, गाइड व मेंटोर की भूमिका निभाते हुए उदयपुर के खेल इतिहास का नया अध्याय लिखने में योगदान करें। लेकिन इन सबके बीच आजीवन सदस्यों को उचित सम्मान भी मिले।
इस अवसर पर खेलगांव आजीवन सदस्यों की कमेटी भी बनाई गई। इस 28 सदस्यीय कमेटी में संयोजक तुषार मेहता, वीरेंद्रसिंह खींची, एडवोकेट मनीष श्रीमाली, सूर्यवीरसिंह, गोविंद दीक्षित, चेतन सनाढ्य, ब्रज कुमावत, भूपेन्द्र वर्मा, दीपक व्यास, भानूप्रतापसिंह धाभाई, विक्रमादित्य सिंह, अनिल देवपुरा, लवदेवसिंह बागड़ी, एडवोकेट जितेन्द्र कोठारी, अकबर खान, डॉ. तुक्तक भानावत, संजीव तिवारी, कमल मूंदड़ा, डॉ. कमलेश भट्ट, कमलेश मीणा, सुमित गोयल, जम्मू दलावत, पराक्रमसिंह, वरूण शर्मा, संजय चंदेल, भानूप्रतापसिंह राणावत, रक्षक भंडारी, अनुराग बंसल शामिल हैं जो स्वैच्छा से परामर्श सहित अन्य सेवाएं देंगे। कमेटी की ओर से शीघ्र ही जिला कलेक्टर से मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी करना प्रस्तावित किया गया।

Related posts:

ऐमरा द्वारा भारत के नंबर वन मोबाइल ब्रांड श्योमी को खुली चिट्ठी
उदयपुर में 10वां अंचल स्तरीय जनजाति प्रतिभा सम्मान समारोह
श्रीमद्‌भागवत कथा की पूर्णाहुति
जिंक स्मेल्टर देबारी द्वारा कोरोना वायरस के नियन्त्रण के लिए मदद की पहल
Tata Motors joins hands with HDFC Bank for Electric Vehicle Dealer Financing Program
शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए 27वें भामाशाह पुरस्कार में हिन्दुस्तान जिंक को 7 पुरस्कार
Pepsi lives up to its promise of more Fizz, more refreshing
प्रो. भाणावत आईक्यूएसी के डायरेक्टर बने
हिंदुस्तान जिंक 14वें सीआईआई नेशनल एचआर अवार्ड में एक्सीलेंस पुरस्कार से सम्मानित
Walkathon Celebrates Success Stories of Knee Replacement Patients Using Robotics Technology
ज्ञान अर्जित के लिए दिमाग रूपी पात्र को खाली करना जरूरी : डॉ. गुप्ता
प्रवर खंडेलवाल और रानू सोनी बने मिस्टर एंड मिस फ्रेशर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *