उदयपुर। पारस जे. के. हाॅस्पिटल में 2 साल के बच्चे का कोरोना के दौरान भी दुर्लभ हार्ट ऑपरेषन किया। हृदय सर्जरी रोग विषेषज्ञ डां. जी. चन्द्र शेखर ने बताया की लाल सिंह को जन्म के समय से ही मां का दूध पीने में परेषानी होती थी व उसका शरीर नीला पडने की षिकायत थी जिसके कारण उसके माता पिता पूर्व में दिल्ली व जोधपुर के कई अस्पतालों में लेकर गये। चिकित्सकों ने टेट्रोलाॅजी आॅफ फैलोट बिमारी के बारें में परिजनों को बताया। जो की एक दुर्लभ जन्मजात हृदय रोग है जिसमें वीएसडी, प्लमोनरी वाल्व स्टेनोसिस, के साथ महाधमनी भी अपने स्थान पर नहीं होती है और दायें वेटंªीकल की दीवार भी बहुत मोटी होती है। अर्थात हृदय में एक साथ तीन विकृतियां होती है।
अपने किसी रिष्तेदार के कहने पर उन्होंने बच्चे को उदयपुर के पारस जे. के. हाॅस्पिटल के षिषु रोग विषेषज्ञ डां. मनोज अग्रवाल को दिखाया जहां डाक्टर ने उन्हे बीमारी व उसके उपचार के बारे में विस्तार से समझाया की इस प्रकार की दुर्लभ बिमारी लाखों में से किसी एक बच्चे को होती है। यह बिमारी बच्चों के जन्म के समय से ही होती है। बहुत से बच्चे तो चिकित्सा के अभाव में ही दम तोड देते है और कुछ चिकित्सा मिलने के बाद भी नहीं बच पाते है। वर्तमान युग की आधुनिक तकनीक के द्वारा बच्चा पूर्णरुप से स्वस्थ हो जायेगा।
उपचार के बारे में बात करते हुये हृदय सर्जरी रोग विषेषज्ञ डां. जी. चन्द्र शेखर ने बताया की इस प्रकार के मरीजों का मात्र सर्जरी के द्वारा ही उपचार संभव है। इसके लिए मरीज के आॅक्सीजन का स्तर ठीक किया जाता है इसके बाद उपचार किया जाता है। इसमे चारों हृदय रोगों का एक साथ ही आॅपरेषन करके उपचार किया जाता है। जिससे इसके ईलाज की दुर्लभता और रिस्क भी बढ जाती है।
उपचार में राईट व लैफ्ट पम्पीगं चैम्बर के छेद को बंद किया जाता है व प्लमोनरी वाल्व को अपनी सामान्य अवस्था में लाया जाता है। महाधमनी (एओर्टाद्ध जो अपने स्थान पर नही होती उसे भी आॅपरेषन के द्वारा सही जगह लाया जाता है। साथ ही दायें वेट्रीकल की दीवार की मोटाई को भी सही किया जाता है। इन चारों बिमारीयों को एक साथ आॅपरेषन के द्वारा सहीं किया जाता है।
इसके कारणों के बारे में बताते हुये हृदय सर्जरी रोग विषेषज्ञ डां. जी. चन्द्रशेखर ने बताया की वेसै तो इसके ज्यादातर मामलों में कोई ठोस कारण नहीं है। लेकिन यह अधिकतर भ्रुण के विकास के दौरान हीे हो जाती है। जब बच्चे का दिल विकसीत हो रहा होता है। माता को गर्भकाल में पर्याप्त पोषण नहीं मिलना, किसी प्रकार का बुखार रहना व आंनुवाषिक कारणों से भी यह होता है।
डा.ं नीतीन कौषिक कार्डियक एनेस्थिषिया विषेषज्ञ ने बताया की लाल सिंह का आॅपरेषन हमने गत दिनों किया था अब वह पूर्णरुप से स्वस्थ है। हम सबने मिलकर उसका दूसरा जन्मदिन अस्पताल में सोष्यल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुये मनाया है व उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
उपचार करने वाली टीम में हृदय सर्जरी रोग विषेषज्ञ डां. जी. चन्द्र शेखर, डां. नीतीन कौषीक, कार्डियक एनेसिथषिया विषेषज्ञ डां. मनोज अग्रवाल षिषु रोग विषेषज्ञ षामील है। हाॅस्पिटल के फैसेलिटी डायरेक्टर विष्वजीत ने बताया की कोरोना के दौरान इस दुर्लभ सर्जरी को सफलतापूर्वेक करने पर में चिकित्सकों की टीम को बधाई देता हुॅ, अस्पताल इस दौरान पूर्ण रुप से सुरक्षित है व सभी प्रकार के उपचार करने के लिए 24 घंटे तैयार है।
पारस जे. के. हाॅस्पिटल में 2 साल के बच्चे का दुर्लभ हार्ट ऑपरेशन
वेदांता द्वारा अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए टीकाकरण प्रारंभ
दुनिया के सबसे बड़े हेयर एंड ब्यूटी कांटेस्ट ‘वल्र्ड हेयर कप’ में छाया कमलेश का ‘जेंट्स फैशन प्रो क...
ANIL AGARWAL FOUNDATIONPLEDGES INR 5,000 CR FOR RURAL INDIA
5,950+ Rural Youth Secure Jobs Through Hindustan Zinc's Zinc Kaushal Kendra
CEAT launches ‘one-of-its-kind’ Puncture Safe tyres in Rajasthan
हिन्दुस्तान ज़िंक के तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा
This festive season, Flipkart and Paytm partner to provide a cracking offer to customers
आईआईएफएल फाउंडेशन ने ‘सखियों की बाड़ी’ कार्यक्रम को मिले तीन राष्ट्रीय पुरस्कारों का शानदार जश्न मना...
DURASHINE by Tata BlueScope Steel launches all-new pan India campaign
ऑनलाइन स्किल गेमिंग सेक्टर को रेगुलेट करने का स्वागत
एमवे इंडिया को 2020 में ट्रेडिशनल हर्ब न्यूट्रीशन कैटेगरी से 100 करोड़ रुपए आने की उम्मीद
जेके सीमेंट वॉलमैक्स के साथ दोबारा लॉन्च