मिच्छामी दुक्कडम के साथ मनाया संवत्सरी महापर्व
उदयपुर। न्यू भूपालपुरा जैन श्वेतांबर मंदिर संघ ट्रस्ट उदयपुर की ओर से न्यू भूपालपुरा स्थित प्रभु श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय (Sri Muni Suvrata Swami Jinalaya) में 12 सितंबर से प्रारंभ हुई पर्वाधिराज पर्यूषण महापर्व (Paryushan Mahaparva) की धर्म आराधना सरल स्वभावी परम पूज्य साध्वीजी भगवत कीर्ति रेखा श्रीजी म. सा. की सुशीष्या श्री दर्शन रेखा श्रीजी मासा आदि ठाणा की पावन निश्रा में हर्षोल्लास पूर्वक संपन्न हुई।
उपाध्यक्ष देवेंद्र मेहता (Devendra Mehta) ने बताया कि महापर्व में प्रतिदिन कई श्रावक श्राविकाओं ने प्रात: प्रवचन एवं शाम को प्रतिक्रमण का लाभ लिया। महावीर जन्म वाचन दिवस के पावन अवसर पर जिनालय में प्रभु की विशेष अंग रचना की गई एवं मंदिरजी को विशेष रूप से फूलों एवं दीपक की रोशनी से जगमग कर सजाया गया। इस दौरान महा पूजन का मांगलिक एवं धार्मिक आयोजन हुआ। रात्रि में परम पूज्य आचार्यश्री निपुण रत्न सुरेश्वरजी महाराज की पावन निश्रा में श्रावकों का प्रतिक्रमण हुआ उसके पश्चात अष्ट मंगल और चौदह सपनों के बाद आचार्यश्री ने जन्म वाचन के बारे में विस्तार से बताया।
मेहता ने बताया कि मुख्य सभी धार्मिक कार्यक्रमों में उपस्थित सभी श्रावक श्राविकाओं ने दर्शन, सेवा, पूजा, वंदन, प्रवचन, प्रतिक्रमण, चढ़ावे एवं प्रभावना का लाभ लिया। इसके लिए न्यू भूपालपुरा जैन श्वेतांबर संघ और आचार्य जग्गचंद्र सुरेश्वरजी आराधना भवन के सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों ने सहयोग के लिए धन्यवाद आभार एवं अनुमोदना की। मंगलवार को संवत्सरी के पावन अवसर पर उपस्थित श्रावक श्राविकाओं ने प्रतिक्रमण के बाद सामूहिक रूप से मिच्छामी दुक्कड़म कर एक दूसरे से क्षमा याचना की।