‘वाणिज्य शिक्षा : चुनौतियां एवं संभावना’ पर राज्यस्तरीय सेमिनार

वाणिज्य विषय में सर्टिफिकेट कोर्स की महती आवश्यकता : प्रो सुनीता मिश्रा
कक्षा 6 से 10वीं तक प्रस्तावित पाठ्यक्रम का एजीएम में अनुमोदन

उदयपुर।
भारतीय लेखांकन परिषद उदयपुर शाखा एवं जनार्दनराय नागर विद्यापीठ विश्वविद्यालय उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान में ‘वाणिज्य शिक्षा : चुनौतियां एवं संभावना’ विषय पर राज्यस्तरीय सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार निदेशक एवं आईआईए के सचिव प्रो. शूरवीरसिंह भाणावत ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि राजस्थान में वाणिज्य शिक्षा के गिरते हुए रुझान के कई कारणों में से मूल कारण स्कूल में वाणिज्य विषय को न पढ़ाया जाना है। भारतीय लेखांकन परिषद, उदयपुर शाखा ने पहल की और कक्षा 6 से कक्षा 10 तक का वाणिज्य विषय का पाठ्यक्रम बनाकर स्कूली स्तर से ही वाणिज्य विषय को पृथक रूप से लागू करने का सुझाव राजस्थान सरकार तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया।


मुख्य अतिथि एवं कुलपति, मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय प्रोफेसर सुनीता मिश्रा ने कहा कि अल्प-अवधि प्रमाण पत्र कार्यक्रम के माध्यम से वाणिज्य शिक्षा की जागरूकता बढ़ाकर रोजगार के अवसर पैदा किया जा सकते हैं। अतिथि एवं राजस्थान स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल, जयपुर के उपाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. डी. एस. चुंडावत ने कक्षा 6 से ही वाणिज्य विषय को पृथक विषय के रूप में संचालित करने का आईआईए के प्रस्ताव की सराहना की। मुख्य वक्ता एवं निदेशक, गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट प्रोफेसर पी. के जैन ने वाणिज्य शिक्षा में वोकेशनल कार्यक्रम, सॉफ्ट स्किल्स शिक्षण प्रशिक्षण एवं शिक्षण की जगह सीखना गतिविधियों पर जोर दिया। आईआईए उपाध्यक्ष प्रोफेसर के. के. दवे ने कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के पाठ्यक्रम समिति द्वारा बनाए गए पाठ्यक्रम को प्रस्तुत किया।
सेमिनार के अध्यक्ष, आईआईए उदयपुर शाखा के अध्यक्ष एवं राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने वाणिज्य एवं प्रबंध को एक साथ लाने एवं नवीन तकनीक परिवर्तनों को वाणिज्य के साथ जोडऩे की बात कही। साथ ही वाणिज्य विषय को स्कूल स्तर पर लागू करने पर विचार व्यक्त किए। सेमिनार सचिव डॉ. लोढ़ा ने बताया की सेमिनार के तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता आईआईआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. जी. सोरल एवं चेयरमैन कॉमर्स कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. मुकेश माथुर ने वाणिज्य शिक्षा के उत्थान के लिए बच्चों एवं अभिभावकों दोनों के लिए काउंसलिंग सेंटर, इंडस्ट्री के साथ जुडऩे, पेशेवर तरीके से शिक्षण, सरकार, समाज एवं सभी अकेडमिशियन को इसके उत्थान के लिए साझा प्रयास करने की बात कही। तकनीकी क्षेत्र में 15 से अधिक प्रतिभागियों ने वाणिज्य शिक्षा मे गिरते हुए रुझान के विभिन्न कारणों पर प्रकाश डाला। लेखा एवं सांख्यिकी विभाग की रिसर्च स्कॉलर सी.ए. अनिमा चोर्डिया को सर्वश्रेष्ठ सुझावों के लिए बेस्ट ओरल प्रेजेंटेशन अवार्ड दिया गया। इस अवसर पर प्रो. भाणावत, सी.ए कदुनिया तथा डॉ. दुर्गा सिंह द्वारा लिखित पुस्तक आयकर का विमोचन किया गया। समारोह का संचालन सेमिनार की ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. शिल्पा लोढ़ा ने किया।
मुख्य चुनौतियां :
1. राजस्थान मे 12 में 10 लाख विद्यार्थियों में से कॉमर्स के केवल 29030 विद्यार्थी ही हैं तथा लगभग 13250 स्कूल में से लगभग 924 विद्यालयों मे ही वाणिज्य विषय का शिक्षण हो रहा है।
2. वाणिज्य शिक्षा का पाठ्यक्रम प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में नगण्य रूप से शामिल है। आट्र्स, विज्ञान के विषय को ज्यादा वेटेज दिया जा रहा है। गौर करने की बात यह है की अकाउंटेंट की परीक्षा में अकाउंटिंग का पाठ्यक्रम एक तिहाई है।
3. वाणिज्य क्षेत्र की सरकारी नौकरी यथा अकाउंटेंट, अंकेक्षक इनकम टैक्स ऑफिसर में भी साइंस एवं आट्र्स सहित सभी विषयों के अभ्यर्थियों के लिए खोलने से इस विषय मे रोजगार के अवसरों को सीमित हो गए हंै।
4. मात्र 14 प्रतिशत विद्यार्थी ही राज्य में वाणिज्य विषय का चयन कर रहे हैं।
5. स्कूल में दसवीं तक वाणिज्य विषय अलग से नही होने से थर्ड एवं सेकंड ग्रेड टीचर्स की वेकेंसी खत्म हो गईं।
सुझाव
1. वाणिज्य विषय के पाठ्यक्रम में प्रैक्टिकल भाग को शामिल करना जैसे प्रैक्टिकल इनकम टैक्स।
2.विद्यार्थियों मे सॉफ्ट स्किल्स विकसित करना, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों दोनों की कॉउंसलिंग करना, वाणिज्य विषय की सरकारी नौकरी के लिए वाणिज्य विद्यार्थियों के लिए आरक्षित करना, वाणिज्य के पाठ्यक्रम को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं मे बढ़ाना, शिक्षकों का प्रशिक्षण, इंडस्ट्री, समाज एवं सरकार के साथ जुडक़र इस क्षेत्र मे रोजगार के अवसरों को बढ़ाकर वाणिज्य शिक्षा का उत्थान किया जा सकता है।
कार्यक्रम के अंत में सेमिनार सचिव डॉ. पुष्पकांत ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। सेमिनार में एसईआरटी काउंसिल की निदेशक कविता पाठक, आईआईए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर जी. सोरल, प्रोफेसर एस. एल. मेनारिया, आईआईए ट्रेजर सीए अभय जारोली, सेमिनार सचिव शिल्पा लोढ़ा, शिल्पा वर्डिया, सीए हेमंत कडूनिया, डॉ. दुर्गा सिंह एवं डॉ. पिंकी सोनी एवं राज्य के विभिन्न जगहों से 100 से अधिक फैकल्टी मेंबर्स एवं शोधार्थियों ने भागीदारी दी।

Related posts:

इंटरनेशनल पर्पल फेस्ट स्वावलंबन यात्रा की नारायण सेवा ने की अगवानी

JK Tyre honoured with ICC Social Impact Award for its Water Conservation Initiative

जिंक फुटबॉल अकादमी ग्रुप स्टेज में अपराजित रही

‘जीवन जीने का नया अंदाज’ कार्यक्रम रविवार को

सीग्रैम्स 100 पाइपर्स 1 मिलियन केसेस की बिक्री करने वाला भारत का पहला और एकमात्र स्कॉच ब्राण्ड बना

The Most Advanced Compact SUV: Kia introduces the new Sonet with ADAS at a special introductory pric...

संभाग के पारिवारिक पेंशनर्स के लिए दिशा-निर्देश जारी

54 दिव्यांग - निर्धन जोड़े बने  जन्म जन्म के साथी

एल एंड टी ने श्नाइडर इलेक्ट्रिक में इलेक्ट्रिकल एंड ऑटोमेशन बिजनेस का विनिवेश संपूर्ण किया

JCB India inaugurates a new dealership facility for Rajesh Motors in Udaipur, Rajasthan

Prince Pipes and Fittings raids Rajasthan’s Himalaya Plastics to bust duplicate product racket

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 126वीं जयंती के उपलक्ष्य में विशाल वाहन रैली एवं आमसभा रविवार को